सीआईएसएफ की आरक्षक भर्ती फिजिकल परीक्षा में 4 मुन्नाभाई और 2 दलाल पकड़ाए

– भर्ती के विभिन्न पायदानों में अलग-अलग लोगों को खड़ा कर करते थे फर्जीवाड़ा

गौरव तिवारी/भिलाई@CG Prime News. सीआईएसएफ की आरक्षक भर्ती में धोखाधड़ी करने वाले एक गैंग का उतई पुलिस ने पर्दाफाश कर 4 मुन्नाभाई और 2 दलालों को गिरफ्तार किया है.भर्ती के विभिन्न पायदानों में अलग-अलग लोगों को खड़ा कर फर्जीवाडा़ कर रहे थे. इतना ही नहीं आरक्षक जीडी परीक्षा में आवेदक के स्थान स्वयं उपस्थित होकर घटना को अंजाम देते थे.पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से फर्जी आधार एवं भर्ती संबंधित फर्जी दस्तावेज और नगदी बरामद किया है.

गुरुवार को दुर्ग एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव ने पत्रवार्ता में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि
18 मई को प्रार्थी लोकेश कुमार कुर्रे ने थाना उतई में रिपोर्ट की. केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल आरटीसी भिलाई में भर्ती बोर्ड आरक्षक जीडी 2021 की परीक्षा दौरान 18 मई को टेस्ट के लिए रिपोर्ट किये अभ्यार्थीयों का बायोमेट्रीक टेस्ट (जीवमितिक जांच) के दौरान आरआरसीकेरिपुब भोपाल द्वारा उपलब्ध कराये गये फिंगर प्रिंट तथा फोटो में मेल नहीं पाये जाने पर भर्ती बोर्ड को धोखा देकर चयन प्रक्रिया में सम्मलित होने की रिपोर्ट की थी.इस मामले में उतई पुलिस नो आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 120बी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया.

4 अभ्यर्थी और 2 दलाल पकड़ा मुख्य सरगना फरार

एसपी ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी चन्द्रशेखर सिंह(20वर्ष) निवासी गणेश कालोनी आगरा थाना ताज गंज जिला आगरा(उ.प्र),श्याम सिंह वीर निषाद (20वर्ष) निवासी उमरायपुरा थाना पिठोरा जिला आगरा(उ.प्र),महेन्द्र सिंह (19वर्ष) निवासी ग्राम-रामपुर थाना निवोहरा जिला आगरा(उ.प्र),अजीत सिंह (19वर्ष) निवासी ग्राम-एतमापुर अजनेरा थाना समसाबाद जिला आगरा(उ.प्र),दुर्गेश सिंह (31वर्ष) निवासी खान्द कपरा थाना अम्बा जिला मुरेना (म.प्र) व हरिओम (25वर्ष) निवासी रामनरी थाना फिडोरा जिला आगरा (उ.प्र) को हिरासत में लेकर पूछताछ की.

20 लाख रुपए में चार लोगों से लिया था

एएसपी ग्रामीण अनंत कुमार साहू ने बताया कि मुख्य आरोपी दुर्गेश सिंह तोमर उर्फ ब्रिजेश उर्फ झाडी एवं हरिओम से पूछताछ की. आरोपियों ने स्वीकार किया कि सीआईएसएफ में भर्ती कराने के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 5-5 लाख रुपए में नौकरी लगाने की बात करके फर्जी दस्तावेज तैयार कर अलग-अलग व्यक्तियों को परीक्षा के विभिन्न पायदानों में उपस्थित रखकर शासन को धोखाधड़ी करना स्वीकार किया है.