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CG Prime News@बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नमाज कांड पर कोनी थाना पुलिस ने 8 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है। पुलिस ने शनिवार को NSS कोआर्डिनेटर दिलीप झा समेत 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। छात्रों ने आरोप लगाया कि, उनको मुस्लिम धर्म में कन्वर्ट कराने के लिए यह तरीका अपनाया गया था। इस बहाने उनका ब्रेन वॉश भी किया गया। छात्रों के मुताबिक, विरोध करने पर उन्हें धमकी और सर्टिफिकेट नहीं देने की चेतावनी भी दी गई। आरोप है कि एनएसएस कैंप के दौरान 155 हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़वाई गई थी। कैंप में 159 छात्र थे, इनमें 4 ही मुस्लिम थे। मामला सामने आने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने यूनिवर्सिटी का घेराव कर जमकर बवाल किया था। इसके साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी थी।

CSP बोलीं केस दर्ज

पुलिस की मीडिया प्रभारी और सीएसपी रश्मित कौर चावला ने कहा कि, एनएसएस कैंप में शामिल छात्रों के आवेदन पर जांच की गई। जिसमें छात्रों ने शिविर में नमाज पढ़वाकर धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने की बात कही है। उनके बयान के आधार पर एनएसएस कोआर्डिनेटर प्रो.दिलीप झा, डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और टीम कोर लीडर छात्र आयुष्मान चौधरी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। केस में घटनास्थल कोटा थाना क्षेत्र बताया गया है। लिहाजा, मामले की जांच के लिए केस डायरी कोटा थाना भेजी गई है।

यहां लगा था NSS कैंप

छात्रों ने बताया कि, सेंट्रल यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई की ओर से कोटा ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र शिवतराई में 26 मार्च से 1 अप्रैल तक कैंप लगा था, वहीं नमाज पढ़वाई गई थी।

छात्रों का आरोप- नमाज पढऩे मजबूर किया

छात्रों ने अपनी शिकायत में बताया है कि जब एनएसएस कैंप में रोज सुबह योग क्लास लगाई जाती था, तब वहां हिंदू छात्रों को नमाज पढऩे के लिए मजबूर किया जाता था। छात्रों ने नमाज पढऩे का विरोध भी किया। लेकिन, प्रोग्राम ऑफिसर और कोआर्डिनेटर उन्हें डराते-धमकाते रहे और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के साथ ही सर्टिफिकेट नहीं देने की चेतावनी देते रहे।

छात्रों ने बताया कि बाकी दिनों की तरह एनएसएस कैंप में सुबह 6:15 से 7:00 बजे योग करने छात्र एकत्रित हुए, जिसमें कुल 159 छात्र कैंप में थे। इसमें 4 छात्र मुस्लिम थे। 31 मार्च को मुसलमानों का त्योहार ईद उल फितर था अचानक से कोऑर्डिनेटर ने चारों मुस्लिम छात्रों को मंच पर बुलाया। बाकी छात्रों को मुस्लिम छात्रों की तरह मंच पर नमाज अदा करने की प्रक्रिया को दोहराने और सीखने का आदेश दिया।