पेपर लीक की संभावना घटेगी, हाइब्रिड मोड में होगा नीट, भिलाई में बनेंगे दो केंद्र

भिलाई . इस साल नीट यूजी हाइब्रिड मोड पर आयोजित की जाएगी। इससे पेपर लीक होने की संभावनाओं को कम किया जा सकेगा। पिछले साल नीट को लेकर मचे बवाल के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट-2025 को हाईब्रिड मोड में कराने का निर्णय लिया है। कोर्ट की दखल के बाद आए इस फैसले के बाद छात्रों ने भी राहत की सांस ली है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पेपर लीक नहीं होगा।

हाइब्रिड मोड होने के कारण पेपर ट्रेवल नहीं करता और लीक पर लगाम लगाई जा सकती है। हाईब्रिड मोड से एग्जाम कराने के दौरान क्वेशचंस पेपर ठीक 10 मिनट पहले सर्वर में आता है। फिलहाल, आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई की मेंस और एडवांस परीक्षा में हाईब्रिड सिस्टम का उपयोग किया जाता है। सिस्टम के जरिए होने वाले ऑनलइन टेस्ट के दौरान परीक्षा शुरू होने के कुछ देर पहले ही टेस्टिंग एजेंसी प्रश्नपत्रों को लाइव करती है। अब ठीक ऐसा ही पैटर्न नीट-२०२५ के पेपर में भी अपनाया जाना है।

बालोद में छात्रों ने दी थी दोबारा परीक्षा

टेक्नोलॉजी के इस जमाने में हर साल कहीं न कहीं से पेपर लीक की आशंका लगी रहती है। अब इससे राहत मिल जाएगी। बता दें कि पिछले साल की नीट परीक्षा को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी सवालों के घेरे में आ गई थी। पेपर लीक का असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिला था। पेपर लीक के खुलासे के बाद 23 जून को नीट की दोबारा परीक्षा हुई थी। इसमें देशभर में 1563 अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और बालोद में लगभग 600 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। नीट में हाईब्रिड मोड लाने का भिलाई-दुर्ग के कोचिंग संचालकों ने स्वागत कियाह है। एक्सपट्र्स का कहना है कि, इस कोशिश के जरिए नीट के अभ्यर्थियों के बीच  पारदर्शिता बनी रहेगी। उन्हें बार-बार पेपर के कैंसल होने या फिर दोबारा पेपर देने जैसी समस्याएं नहीं आएंगी।