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CG Prime News@दिल्ली. Supreme Court orders removal of street dogs from schools, colleges, hospitals and bus stands आवारा कुत्तों और मवेशियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रूख अख्तियार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों में बाड़ लगाई जाए, ताकि कुत्ते वहां न पहुंच सकें। वहीं आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से दूर रखने के आदेश दिए हैं।

सभी राज्यों के मुख्य सचिव को आदेश का पालन करने कहा

कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था। उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा। सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन आदेशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है। कोर्ट ने सभी नेशनल और स्टेट हाईवे से आवारा पशु हटाने का आदेश भी दिया। इस मामले में 3 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा मांगी गई है। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।

ऐसे शुरू हुआ यह मामला

सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं नोटिस में लिया था। इसमें दिल्ली में खासकर बच्चों के बीच,आवारा कुत्तों के काटने और उससे होने वाले रेबीज के मामलों की जानकारी दी गई थी। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर तक सीमित न रखते हुए इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कर दिया था।

कोर्ट के आदेश की 5 बड़ी बातें

  • सभी नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं की मौजूदगी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर लगाने होंगे।
  • सभी राज्यों के मुख्य सचिव निर्देशों का सख्ती से पालन कराएंगे। स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा 3 हफ्ते में दायर किया जाए।
  • राज्य सरकारें और UT 2 हफ्ते में ऐसे सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज, अस्पतालों की पहचान करेंगी, जहां आवारा जानवर और कुत्ते घूमते हैं। उनकी एंट्री रोकने के लिए बाड़ लगाई जाएगी।
  • कैंपस और बाड़ के रखरखाव के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त होगा। नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत 3 महीने में कम से कम एक बार इन कैंपस की जांच करें।
  • पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था।
भिलाई में अतिक्रमण हटाने की निगम कार्रवाई पर विवाद, सुमन वानखेड़े ने प्रेस विज्ञप्ति पर उठाए सवाल

भिलाई। नगर पालिक निगम भिलाई द्वारा हाऊसिंग बोर्ड कुरूद और शांतिनगर क्षेत्र में की गई अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। निगम द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया था कि हाऊसिंग बोर्ड कुरूद में नाली पर अवैध रूप से बनाई गई बाउंड्री वॉल को तोड़ा गया और शांतिनगर सड़क 2 में न्यायालय के आदेश पर जर्जर भवन को हटाने की कार्रवाई की गई। लेकिन इस कार्रवाई पर प्रभावित पक्ष ने गंभीर आपत्तियां उठाई हैं। (Questions raised over the nun’s action, Wankhede alleges misrepresentation of facts)

प्रेस नोट के अनुसार, आयुक्त राजीव कुमार पांडे के निर्देश पर जोन-2 वैशालीनगर के राजस्व अमले ने कलेक्टर जनदर्शन में दर्ज शिकायतों के आधार पर मकान क्रमांक सीएच 878 से 879 और सीएच 876 से 877 के मालिकों द्वारा नाली पर किए गए अवैध निर्माण को जेसीबी की मदद से हटाया गया। वहीं शांतिनगर सड़क 2 में राजपाल सिंह और सुमन वानखेड़े के बीच भूमि विवाद को लेकर न्यायालय के आदेश पर बेदखली की कार्रवाई किए जाने की जानकारी दी गई थी। लेकिन सुमन वानखेड़े का कहना है कि निगम की प्रेस विज्ञप्ति तथ्यों से परे है।

निगम ने प्रेस नोट में तथ्यों को उलट कर प्रस्तुत किया

सुमन वानखेड़े का आरोप है कि विवादित प्लॉट उन्हीं का है, जबकि अवैध निर्माण राजपाल सिंह ने उनके भूखंड पर किया था। इसके बावजूद निगम ने प्रेस नोट में तथ्यों को उलट कर प्रस्तुत कर दिया। वानखेड़े ने यह भी कहा कि मौके पर किसी प्रकार की वास्तविक कार्रवाई नहीं हुई, न ही कोई पंचनामा तैयार किया गया और न ही किसी गवाह के हस्ताक्षर लिए गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि विवादित भूखंड लंबे समय से कानूनी प्रक्रिया में है और दोनों पक्षों के बीच स्वामित्व को लेकर मामला न्यायालय में लंबित है। ऐसे में निगम की एकतरफा प्रेस विज्ञप्ति ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

निगम के अधिकारी मौके पर नहीं बनाई गई रिपोर्ट और न ही पंचनामा बनाए

इस पूरी प्रक्रिया में निगम अधिकारियों, उप अभियंता पुरुषोत्तम सिन्हा, चंदन निर्मलकर, सहायक राजस्व अधिकारी शरद दुबे, तोड़फोड़ के नोडल अधिकारी विनय शर्मा और अन्य अमला उपस्थित बताया गया था। हालांकि सुमन वानखेड़े ने कहा कि मौके पर न तो कोई मापी की गई और न ही विधिवत नोटिस की जानकारी दी गई। अब देखना होगा कि इस विवाद पर नगर निगम प्रशासन क्या स्पष्टीकरण देता है और क्या वाकई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जमीन पर हुई थी या केवल कागजों तक सीमित रही।

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CG Prime News@दुर्ग. Police took action against 34 anti-social elements in Durg दुर्ग जिले में दिवाली त्योहार के दौरान असामाजिक तत्वों पर नियंत्रण के लिएदुर्ग पुलिस ने विशेष अभियान चलाया। 34 असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। पुलिस ने बताया कि बाउंड ओव्हर की भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं गुंडा एवं निगरानी बदमाशों को चेक कर ठीक से रहने की हिदायत दी गई है। दुर्ग पुलिस का कहना है कि असामाजिक तत्वों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

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दुर्ग में 34 असामाजिक तत्वों के विरूद्ध पुलिस ने की कार्रवाई, त्योहार में उपद्रव करने वालों पर सख्ती

522 गुंडा, निगरानी बदमाशों को दी समझाइश

दुर्ग पुलिस ने दिवाली त्यौहार को ध्यान में रखते हुए असामाजिक तत्वों, गुंडा एवं निगरानी बदमाशों के द्वारा लड़ाई, झगड़ा, नशा कर शांति भंग किए जाने के अंदेशा पर असामाजिक तत्वों के ऊपर नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया गया। अभियान के तहत 552 गुंडा और निगरानी बदमाशों को चेक कर समझाईश दिया गया।

जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में त्यौहार में उपद्रव करने वालों एवं पूर्व में उपद्रव करने वालों को त्यौहार के मद्देनजर समझाने का प्रयास किया। जो पुलिस की व अन्य किसी व्यक्ति की बातों को न समझते हुए समझाने पर मानने को तैयार नहीं थे ऐसी स्थिति को देखते हुए बदमाशों को हिरासत में लिया गया।

कोर्ट में पेश किया

पुलिस ने बताया कि संज्ञेय अपराध घटित होने की प्रबल आशंका पर धारा 170 बीएनएसएस के तहत थाना पुलगांव में 15 असामाजिक तत्वों, चौकी नगपुरा में 5 असामाजिक तत्वों, चौकी जेवरा सिरसा में 4, चौकी अंजोरा में 8, थाना छावनी में 1 और थाना वैशालीनगर में 1 असामाजिक तत्व के विरूद्ध ईस्तगाशा तैयार किया गया। जिसे प्रतिबंधित करने के लिए कोर्ट में पेश किया गया।

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CG Prime News@रायपुर. The High Court dismissed the petition of Chaitanya, son of former Chief Minister Bhupesh छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को एक बार फिर हाईकोर्ट से झटका लगा है। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में गिरफ्तार चैतन्य बघेल द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई और अपनी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया है। शराब घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

इस मामले में जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 24 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे अब सुनाया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि, जांच और गिरफ्तारी पर हस्तक्षेप करने का कोई उचित आधार नहीं है। कोर्ट ने माना कि ईडी की कार्रवाई कानून के तहत की गई है। इसलिए इसमें न्यायालय को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है।

गिरफ्तारी को बताया था असंवैधानिक

दरअसल पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने ईडी की ओर से की गई जांच, गिरफ्तारी को नियम विरुद्ध और असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में ईडी की ओर से एडवोकेट सौरभ पांडेय ने पैरवी की।

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CG Prime News@बिलासपुर.Petition seeking CBI probe into Chhattisgarh Naan scam dismissed छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। नान घोटाले को लेकर जनहित याचिकाओं के साथ ही अपील को हाईकोर्ट ने निराकृत और खारिज कर दिया है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस प्रार्थ प्रतीम साहू की डिवीजन बेंच में नान घोटाले से जुड़ी 8 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। इनमें से कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण सालों से लंबित थीं।

सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने मामलों का निराकरण कर दिया था, इसके बाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई तय की थी। डिवीजन बेंच ने स्पष्ट कहा कि मामला अब ट्रायल के अंतिम चरण में है, ऐसे में जांच एजेंसी बदलने का कोई औचित्य नहीं है। हाईकोर्ट ने जिन लोगों पर एसीबी ने चालान नहीं किया है, उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट में आवेदन लगाने की छूट दी है।

170 गवाहों के बयान हो चुके

राज्य सरकार की ओर से दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अतुल झा ने बताया कि ट्रायल कोर्ट में अब तक 224 में से 170 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं। अब मामला अंतिम चरण में है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान केवल दो याचिकाकर्ता हमर संगवारी एनजीओ और अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ही उपस्थित हुए।

अन्य याचिकाकर्ता या उनके वकील अनुपस्थित रहे, जिसके चलते हाईकोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया। वहीं, भाजपा नेता धरमलाल कौशिक की ओर से अधिवक्ता गैरी मुखोपाध्याय उपस्थित हुए, जिन्होंने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है।

यह है नान घोटाला

नान यानी नागरिक आपूर्ति निगम पर आधारित यह घोटाला छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में हुई बड़ी अनियमितताओं से जुड़ा है। राज्य में 2011 की जनगणना के अनुसार 55 लाख परिवार थे, लेकिन 70 लाख राशन कार्ड बनाए गए। करोड़ों रुपह्य के चावल, दाल, नमक और अन्य खाद्य सामग्री की आपूर्ति में व्यापक घोटाला हुआ।

घटिया गुणवत्ता का नमक, जिसमें जांच के दौरान कांच के टुकड़े तक पाए गए, आदिवासी इलाकों में वितरित किया गया। नान के 27 जिला प्रबंधक, क्षेत्रीय अधिकारी और मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी इस रैकेट से जुड़े बताए गए। इसके बावजूद एसीबी ने कई जिला प्रबंधकों को अभियुक्त नहीं बनाया, जबकि छापों के दौरान अवैध लेन-देन के प्रमाण मिले थे।

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CG Prime news@रायपुर. Mahadev Satta App: Supreme Court grants bail to 12 accused छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव सट्टा ऐप केस के आरोपियों को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने 12 आरोपियों को जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमएम सुदरैश और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने सुनवाई की। इसके बाद आरोपियों को जमानत पर फैसला सुनाया। बता दें कि पिछले ढाई साल सभी आरोपी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।

गिरफ्तार पुलिसकर्मियों को भी मिली जमानत

याचिकाकर्ता के वकील गगन तिवारी ने बताया कि, सुप्रीम कोर्ट से सभी 12 आरोपी को जमानत मिल गई है। इसमें कुछ छत्तीसगढ़ तो कुछ बिहार के हैं। साथ ही कुछ पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। जांच अधिकारियों ने कोर्ट में सभी दस्तावेज पेश किए। इसके बाद बेल मिली है। इसमें 13 गवाह हैं। अभी भी मामले की जांच चल रही है।

इन्हें मिली जमानत

महादेव ऑनलाइन ऐप से जुड़े रितेश यादव, भारत ज्योति, विश्वजीत राय, राहुल वकटे, नीतीश दीवान, निलंबित कॉन्स्टेबल भीम सिंह यादव, अर्जुन यादव, निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर समेत सभी 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट से दस्तावेज प्राप्त होने के बाद आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया जाएगा।

70 से ज्यादा मामलों में 300 गिरफ्तार

महादेव सट्टा मामले में छत्तीसगढ़ में 70 से ज्यादा मामला दर्ज हैं। इसमें 300 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है और 3 हजार से ज्यादा खाते मिले हैं, जिसे ब्लॉक कराया जा रहा है। इन खातों में करोड़ों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है। छत्तीसगढ़ में पहली FIR 31 मार्च 2022 को मोहन नगर थाना में की गई थी। पुलिस की पड़ताल में खुलासा हुआ था कि भिलाई में जूस सेंटर चलाने वाला सौरभ चंद्राकर महादेव सट्टा का किंग है। वह अपने दोस्त रवि उप्पल, कारोबारी अनिल अग्रवाल के साथ मिलकर दुबई से ऑनलाइन सट्टा चला रहा है। इसमें कई सराफा, सरिया, कपड़ा कारोबारियों का पैसा लगा है।

इसमें पहली गिरफ्तारी दुर्ग के आलोक सिंह, खड्ग सिंह और राम प्रवेश साहू की हुई थी। तीनों से पूछताछ और मोबाइल की जांच के दौरान महादेव सट्टा बुक का खुलासा हुआ। उसके बाद सुपेला, फिर जुलाई में रायपुर के तेलीबांधा में केस दर्ज किया गया। इसमें 70 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई।

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मोहन नगर थाना से फरार आरोपी नहीं पकड़ाया

भिलाई। दुर्ग पुलिस की लचर कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। 25 लाख की हेरोइन के साथ पकड़ा गया कुख्यात तस्कर गुरमीत सिंह उर्फ रुट पुलिस कस्टडी से फरार हो गया। हैरानी की बात यह है कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पुलिस की यह नाकामी न सिर्फ विवेचना पर सवाल उठाती है, बल्कि संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है।

(Negligence: Accused absconding, police unsuccessful even after 24 hours)

मोहन नगर थाना से आरोपी गुरमीत सिंह दो दिन पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ा था। लेकिन सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक के चलते वह थाने से भागने में सफल हो गया। इसके बावजूद अब तक उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है और न ही लापरवाह पुलिसकर्मियों पर किसी तरह की जवाबदेही तय की गई है। पुलिस सिर्फ इतना कह रही है कि आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।

वैशाली नगर थाना में हेरोइन के साथ पकड़ाए दो आरोपियों पर कार्रवाई

इधर, वैशाली नगर पुलिस ने अन्य कार्रवाई में कालीबाड़ी एचआईजी निवासी वैभव सोनी (24) और छावनी क्षेत्र के समीर जायसवाल (24) को 7.1 ग्राम हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 21(ख), 27(ए), 21 और 29 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

गौरतलब है कि पुलिस ने आरोपियों के पिता का नाम डायरी में अज्ञात दर्शाया है, जबकि स्थानीय सूत्रों के अनुसार दोनों परिवार व्यवसायिक पृष्ठभूमि से जुड़े हुए हैं। यह भी सामने आया है कि इन आरोपियों के खिलाफ पहले भी कार्रवाई हो चुकी है, लेकिन हर बार पुलिस विवेचना की कमजोरी के चलते इन्हें अदालत से जमानत मिल जाती है।

लापरवाही से भागा कुख्यात आरोपी

लापरवाही का यह ताजा मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि पुलिस की कार्रवाई कुख्यात आरोपियों के सामने बौनी साबित हो रही है। फरार आरोपी को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बन गया है। सवाल यह है कि आखिर कब तक ऐसी चूकें आम जनता की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था पर चोट करती रहेंगी?

एक ही दिन दो युवक की हत्या और तीसरी डीकंपोज बॉडी मिली

दुर्ग। जिले में रविवार की देर रात और सोमवार की सुबह तीन अलग-अलग घटनाओं ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। अंजोरा गाँव के ईंट-भट्ठे में हत्या, अहिवारा में ढाबा संचालक द्वारा युवक की चाकू मारकर हत्या और नगपुरा क्षेत्र के आमला बगीचा से अज्ञात शव मिलने से लोगों में दहशत का माहौल है।

अंजोरा गाँव के ईंट-भट्ठे में युवक की हत्या

दुर्ग जिले के अंजोरा गांव में देर रात एक ईंट-भट्ठे पर शराब पार्टी के दौरान विवाद हुआ, जिसके बाद युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान किसन साहू के रूप में हुई है। अंजोरा पुलिस ने बताया, किसन अपने तीन साथियों के साथ शराब पी रहा था, तभी विवाद के बाद आरोपियों ने उस पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। इस घटना ने क्षेत्र में दहशत फैला दी है।

अहिवारा में ढाबा संचालक ने युवक की हत्या

अहिवारा रेलवे क्रॉसिंग मार्केट के पास स्थित ‘बिहार ढाबा’ में पैसों के लेन-देन के विवाद को लेकर ढाबा संचालक आशुतोष कुमार ने चाकू से हमला कर दिया। नंदनी थाना प्रभारी पारस ठाकुर ने बताया कि जासीम सिद्दीकी और उसका साथी संदेश गुप्ता ढाबा पर अपना लगभग दो लाख रुपये का बकाया पैसा मांगने पहुंचे थे। इस पर विवाद इतना बढ़ा कि संचालक ने चाकू से दोनों पर वार कर दिया। स्थानीय लोगों की मदद से दोनों को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जासीम की रास्ते में ही मौत हो गई। संदेश गुप्ता की हालत गंभीर बनी हुई है। घटना का वीडियो भी सामने आया है। पुलिस ने आरोपी ढाबा संचालक को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।

नगपुरा के आमला बगीचा में अज्ञात शव मिला

इसी बीच नगपुरा चौकी क्षेत्र के आंवला बगीचा में एक अज्ञात व्यक्ति का सड़ा-गला शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। शव की हालत इतनी खराब थी कि पहचान संभव नहीं हो पाई। आशंका जताई जा रही है कि शव तीन से चार दिन पुराना हो सकता है। पुलिस ने पंचनामा कर शव को शासकीय मेडिकल कॉलेज कचांदूर भेज दिया है और आसपास के इलाकों से लापता लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।

इलाके में दहशत और पुलिस की सख्ती

एक ही दिन में तीन अलग-अलग घटनाओं ने दुर्ग जिले में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्मश्री तवर ने बताया कि है कि सभी मामलों की गहनता से जांच की जा रही है और आरोपियों को जल्द ही न्यायालय में पेश किया जाएगा।

CG Prime News@. मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में दुर्ग से गिरफ्तार किए गए केरल की 2 कैथोलिक नन को कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। बिलासपुर के NIA कोर्ट में हुई सुनवाई में अदालत ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर करते हुए उन्हें जमानत दे दी है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत पर फैसला लिया है।

संसद में किया विरोध प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में केरल की 2 कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी को लेकर दुर्ग से लेकर संसद तक बवाल मच गया है। विगत दिनों संसद के बाहर विपक्ष ने जोरदार प्रदर्शन किया। मिशनरी सिस्टर्स की धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तारी के विरोध में केरल से विपक्ष के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सांसद प्रियंका वाड्रा और केसी वेणुगोपाल ने भी सोशल मीडिया में बयान देकर विरोध दर्ज कराया गया था।

यह है पूरा मामला

25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन में धर्मांतरण और मानव तस्करी को लेकर जमकर बवाल हुआ था। 2 मिशनरी सिस्टर (नन) और एक युवक पर 3 आदिवासी युवतियों को यूपी के आगरा में काम दिलाने के बहाने बेचने ले जाने का आरोप है। मामला भिलाई थाना-3 के दुर्ग जीआरपी चौकी का है।

जानकारी के मुताबिक नारायणपुर की युवतियों को आगरा ले जाने वालों का नाम सुखमन मंडावी और मिशनरी सिस्टर प्रीति और वंदना है। ये तीनों लोग कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति नाम की युवती को आगरा लेकर जा रहे थे, जिन्हें बजरंग दल ने पकड़ा है।

बताया जा रहा है कि पकड़े गए मिशनरी सिस्टर और युवक के पास पादरी का नंबर और 7 नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें मिली हैं। साथ ही कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। तीनों लड़कियों को भिलाई सखी सेंटर में रखा गया है, जबकि 2 मिशनरी सिस्टर और युवक जीआरपी की हिरासत में हैं।

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CG Prime News@बिलासपुर. Youth dies in police custody, station in-charge and 3 constables sentenced to 10 years छत्तीसगढ़ में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत मामले में हाईकोर्ट (chhattisgarh high court ) ने थाना प्रभारी और चार पुलिस कांस्टेबल को उम्र कैद की सजा सुनाई है। पूरा मामला जांजगीर-चांपा जिले के मुलमुला थाने का है। जहां पुलिस कस्टडी में युवक की मौत हो गई थी। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि हिरासत में मौत केवल कानून का उल्लंघन नहीं है। बल्कि, यह लोकतंत्र और मानव अधिकारों पर गहरा आघात है।

जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो यह समाज के लिए गंभीर खतरा है। इस टिप्पणी के साथ ही जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी ने दोषी थाना प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों की उम्रकैद की सजा को घटाकर 10 वर्ष के कठोर कारावास में बदल दिया। साथ ही, कोर्ट ने हिरासत में मौत को गैरइरादतन हत्या का मामला माना है।

यह है पूरा मामला

साल 2016 में ग्राम नरियरा निवासी सतीश नोरगे को शराब पीकर हंगामा करने के आरोप में मुलमुला थाना पुलिस ने हिरासत में लिया था। जिसके कुछ घंटों बाद ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद लोगों ने जमकर हंगामा मचाया और दोषी पुलिसकर्मियों पर FIR की मांग की। विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन के बाद जब शव का पोस्टमार्टम कराया गया, तब रिपोर्ट में युवक के शरीर पर 26 जगह चोट के निशान मिले। लिहाजा, इस मामले में थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह राजपूत, कांस्टेबल सुनील धु्रव, दिलहरण मिरी और सैनिक राजेश कुमार के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया।

बता दें कि थाना प्रभारी सहित सभी आरोपी पुलिसकर्मी साल 2016 से जेल में बंद हैं। हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर उनकी सजा की गिनती की जाएगी। दस साल में बची हुई सजा उन्हें जेल में काटनी होगी।

हाईकोर्ट ने माना हत्या की मंशा नहीं थी, इसलिए राहत

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए यह पाया कि आरोपियों की हत्या की मंशा स्पष्ट नहीं थी। लेकिन, आरोपी जानते थे कि पीटने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसके चलते हाईकोर्ट ने आरोपियों को आंशिक रूप से राहत देते हुए हत्या की सजा को धारा 304 भाग-1 के तहत गैर इरादतन हत्या माना और सजा को उम्र कैद से घटाकर 10 साल के कठोर कारावास में बदल दिया है।

स्पेशल कोर्ट ने सुनाई थी उम्र कैद की सजा

पुलिस ने थाना प्रभारी सहित सभी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, जिसके बाद कोर्ट में चार्जशीट पेश किया। ट्रायल के बाद स्पेशल कोर्ट एट्रोसिटी ने साल 2019 में सभी आरोपियों को दोषी ठहराया। साथ ही सभी को उम्रकैद की सजा सुनाई। जिसके खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। वहीं, मृतक की पत्नी ने इसका विरोध करते हुए हस्तक्षेप आवेदन लगाया था।

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CG Prime News@भिलाई. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई तीन कोर्ट में एक बाबू ने मंगलवार को कोर्ट रूम में ही आत्महत्या कर लिया। मंगलवार सुबह कोर्ट उसका शव फंदे पर लटकते हुए मिला। घटना की सूचना मिलते ही तुरंत भिलाई तीन थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

पुलिस ने मृतक क्लर्क के शव को फंदे से नीचे उतरा और उसे पोस्टमार्टम के लिए लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल सुपेला भेज दिया। मिली जानकारी के अनुसार क्लर्क सोमनाथ ठाकुर उम्र 46 साल ने मजिस्ट्रेट अभिनव डहरिया के कोर्ट रूम में ही फांसी लगाकर आत्महत्या की है।

इधर कोर्ट परिसर में बाबू के आत्मघाती कदम की सूचना मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। कोर्ट के अन्य स्टाफ भी इस वारदात को लेकर सकते में है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच में जुट गई है। वहीं मृतक के द्वारा छोड़े गए किसी तरह के सुसाइडल नोट की तलाश की जा रही है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। दबे जुबान यह बात सामने आ रही है कि काम के तनाव के चलते ही क्लर्क ने आत्महत्या किया है।

CG Prime News@ बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक नेता के बेटे और उसके रसूखदार दोस्तों ने रील बनाने के लिए बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे जाम कर दिया। युवकों ने महंगी गाड़ियों के काफिले को बीच हाईवे खड़े कर दिया और रील बनाने लगे। बाद में इसे इंस्टाग्राम पर शेयर कर दिया। रील बनाने तक सड़क के एक ओर जाम लग रहा है। इस पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र के साथ जवाब देने को कहा है। पूछा है कि – यह कानून व्यवस्था को चुनौती देने जैसा है, लेकिन पुलिस केवल जुर्माना वसूल और ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने का प्रस्ताव ही भेजा। गाड़ियां जब्त क्यों नहीं की?

चीफ जस्टिस की बेंच ने लगाई फटकार

चीफ जस्टिस सिंह के नेतृत्व वाली बेंच ने कहा कि यह बेहद चिंता की बात है। बार-बार हाईवे जैसे सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की शरारतें दोहराई जा रही है। यह लोग न सिर्फ खुद की जान जोखिम में डालते हैं, बल्कि दूसरों की जिंदगी से भी खिलवाड़ करते हैं। जब कोई रईस बच्चा इस तरह की हरकत करता है तो पुलिस की ढिलाई और ज्यादा चिंताजनक हो जाती है। ना जुर्माना अरदार है, ना ही गाड़ियां जब्त की गई है।

इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट या अन्य एक्ट के तहत केस दर्ज नहीं किया गया। यह सार्वजनिक सड़क को बाधित करने और कानून व्यवस्था को चुनौती देने का मामला है। आपको बता दें बीजेपी नेता के करीबी और कांग्रेस नेता विनय शर्मा के बेटे वेदांत शर्मा और उसके दोस्तों ने कई टोयोटा, फॉर्च्यूनर गाड़ियों के काफिले में रतनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर खुलेआम स्टंट किया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर उन्होंने खुद वायरल किया था।

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस भी देर रात तक हरकत में आ गई। बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे पर जिन वाहनों को खड़े कर जाम लगाया गया था, उन्हें रात 12:00 बजे सकरी थाने में एक-एक कर बुला लिया गया। पुलिस ने रात करीब 12:30 बजे तक थाने परिसर में 6 वाहन वहां रखवा लिए। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई के नाम पर 2000 प्रति गाड़ी जुर्माना लगाया है और आरटीओ को ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव भेजा है।

 

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