Breaking: आरोपी डॉ. एमके खंडूजा की मुश्किलें बढ़ी, एक और अपराध दर्ज

निवेशकों की शिकायत पर धोखाधड़ी और विश्वासधात करने का प्रकरण दर्ज

CG Prime News@भिलाई. धोखाधड़ी के मामले में जेल में बंद आरोपी डॉ. एमके खंडूजा के खिलाफ स्मृति नगर चौकी पुलिस ने एक और धोखाधड़ी और व्यवसायिक विश्वासघात करने के मामले में प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी डॉ. खंडूजा ने अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल में निवेश करने पर अधिक ब्याज का झांसा दिया। जब निवेशकों ने रकम इनवेस्ट किया तो उनकी रकम को गबन किया और अस्पताल को बेचकर भाग गया था। निवेशकों की शिकायत पर जांच के बाद अमानत में खयानात ख्यातनाममामला पंजीबद्ध किया है।

स्मृति नगर चौकी प्रभारी वंदिता पानिकर ने बताया कि सुपेला राधिका नगर निवासी बीएसपी से सेवानिवृत्त शारदा प्रसाद सिन्हा (71 वर्ष) ने शिकायत की। आरोपी नेहरु नगर ईस्ट निवासी डॉ. एमके खंडूजा से उसका परिचय था। उसने और मैत्री कुंज निवासी अपने मैनेजर राजेश राय के माध्यम से ठगी की दुकान खोलकर झांसा दिया। उसने विश्वास दिलाया कि अपोलो बीएसआर हॉस्पिटल का मालिक हूं। बीएसआर हेल्थ वेंचर प्राइवेट लिमिटेड नया व्यवसाय विकसित कर रहा है, जिसमें इनवेस्ट करने पर 15 प्रतिशत का लाभांश देगा। उसके झांसे में आकर ५ लाख रुपए इनवेस्ट कर दिया। इसके अलावा उसके अन्य साथियों ने भी 1 करोड़ 6 लाख 90 हजार रुपए निवेश कर दिया। लेकिन आरोपी डॉ. एमके खंडूजा सभी निवेशकों की रकम नहीं लौटाया। जब उससे पैसे मांगने जाते थे। वह अपोलो हॉस्पिटल बेच कर निवेशकों की रकम लौटाने का वादा किया, लेकिन इस बीच पता चला कि वह अस्पताल को किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया और यहां से फरार हो गया। मामले की जांच के बाद आरोपी डॉ. एमके खंडूजा के खिलाफ धारा 420, 409, 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले को जांच में लिया है।

इन निवेशकों को लगाई चपत

टीआई ने बताया कि आरोपी डॉ. एमके खंडूजा ने बीएसआर हॉस्पिटल को बेच दिया। बीएसआर हेल्थ वेंचर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोल लिया, जिसमें रकम निवेश कराया। निवेश करने में पीवीएन राव ने 4 लाख 50 हजार, दीपक केशरवानी 2 लाख, मानसिंह राठौर 4 लाख, मनमोहन श्रीवास्तव 8 लाख, दिनेश कुमार ७ लाख, बिंदुलता 3 लाख, बेनीराम विश्वकर्मा 6 लाख, ललीत कुमार 8 लाख, के लक्ष्मी 3.5 लाख, दीपिका 2 लाख, के विजय लक्ष्मी 1 लाख, दिलीप चंद्राकर 5 लाख, एमआर गावर्डे 5.5 लाख, कुसुम कोरी 4 लाख, शांति देवी देवांगन 4 लाख, शशि देवांगन 3 लाख, नंदकुमार 1 लाख, मूलचंद जैन 4 लाख, प्रेमलाल मेश्राम 5 लाख, आशाराम 6 लाख, किशन लाल 1 लाख, विरेन्द्र गुप्ता 2.40 लाख, राम मूर्ति भंडारी 6 लाख, प्रवीण भंडारी 5 लाख, रवि भंडारी 1 लाख और अन्य निवेशकों से चेक व नकद रकम लेकर इनवेस्ट कराया है।

हॉस्पिटल बेच कर फरार हुआ डॉ. एमके खंडूजा

वर्ष 2011 से 2016 तक उक्त निवेशकों से रकम लिया। विश्वास जताने के लिए कुछ महीने तक लाभांश भी दिया। इसके बाद बंद कर दिया। जब उससे निवेश की राशि को लौटाने की मांग करने लगे। तब डॉ MK Khanduja टालमटोल करने लगा। जब दबाव बनाने लगे तब उसने अपने खाता का चेक दिया। जब चेक को बैंक में लगाया गया। तब डॉ. खंडूजा को पता चला तो उसने फिर झांसा दिया कि वह अस्पताल को बेचकर रकम को लौटाएंगा, लेकिन इस बीच अस्पताल को बेचा और निवेशकों की रकम गबन कर फरार हो गया।

जेल में बंद है डॉ. एमके खंडूजा

टीआई ने बताया कि संतोष रुंगटा ग्रुप के डायरेक्टर से अस्पताल का सौदा किया था। उससे भी एडवांस राशि 19 लाख 40 हजार रुपए ले लिया और अस्पताल को किसी दूसरे व्यक्ति को बेचकर धोखाधड़ी की। इस मामले में जांच करने के बाद फरार आरोपी डॉ. एमके खंडूजा को कलकत्ता से गिरफ्तार कर लाया गया। न्यायिक रिमांड पर वह जेल में समय व्यतीत कर रहा है।