दुर्ग.CG Prime News @ शंकराचार्य हॉस्पिटल स्थित कोविड केअर सेंटर में रिकवरी रेट काफी अच्छी है। यहां भर्ती किए गए 1008 मरीजों में 929 मरीज स्वस्थ हो गए हैं। अभी 48 मरीजों का इलाज चल रहा है। 31 मरीजों की मृत्यु हुई है। सीटी स्कैन और ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा उपलब्धकरा दी गई है। खाने में रिच प्रोटीन हो, इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
सोमवार को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने बताया कि शंकराचार्य कोविड हाॅस्पिटल में 50 बिस्तर वाला वार्ड में सेंट्रलाईज एसी की सुविधा है। इसके साथ ही 100 बिस्तर का वार्ड तैयार किया गया जिसमें आक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था की गई है। इस अस्पताल में आईसीएमआर की गाईड लाईन को ध्यान में रखते हुए ईलाज किया जा रहा है। वर्तमान में एक्स-रे व लैब की व्यवस्था के साथ सीटी स्केन की भी व्यवस्था की गई है। गत दिनों खानपान व साफ-सफाई को लेकर शिकायत की गई थी जिसमें जिला प्रशासन ने त्वरित अस्पताल का निरीक्षण किया जिसमें पाया गया कि अस्पताल का साफ-सफाई की अच्छी व्यवस्था की गई है।
मरीजों को पौष्टिक भोजन
मरीजों को पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला प्रशासन के कार्यवाही पर वर्तमान अस्पताल में सभी सुविधा उपलब्ध करायी गई है। कलेक्टर स्वयं कोविड अस्पताल में इलाज की और सुविधाओं की नियमित समीक्षा हो रही है। इसके लिए शंकराचार्य प्रबंधन के साथ महत्वपूर्ण बैठक ली थी। इसमें कोविड को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे। बैठक में निर्देशित किया था कि कोविड में रिस्पांस टाइम का बेहद महत्व है।

मकानों के पीछे नर्सिंग स्टॉप
मरीजों के इलाज में लगे कोविड वारियर्स मरीजों की नियमित अंतराल पर बेसिक जांच करते रहें। ऑक्सीजन सपोर्ट की स्थिति में त्वरित कार्रवाई करें। यदि किसी अन्य तरह की जटिलताएं दिखे तो हायर सेंटर में रेफर करने की कार्रवाई करें। साफ-सफाई की मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है। टॉयलेट की नियमित अंतराल में सफाई, फ्लोर सैनिटाइजर के कार्य की मॉनिटरिंग जरूरी है। मरीजों के पीछे नर्सिंग स्टाफ पर्याप्त होने चाहिए ताकि मरीजों को राहत मिलती रहे। कोविड प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना वारियर की सुरक्षा भी अहम है। इसके लिए ट्रेनिंग भी कराई जा चुकी है। इसके मुताबिक ही कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रापर मॉनिटरिंग जरूरी
मॉनिटरिंग जितनी अच्छी होगी और समन्वय जितना अच्छा होगा। रिकवरी रेट उतना ही अच्छा होगा। बुजुर्ग मरीजों पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश भी दिये हैं। कलेक्टर ने बताया कि इनके साथ आयु से जुड़ी हुई अन्य परेशानियां भी होती हैं। इसकी वे दवा कर रहे होते हैं। ऐसे मामलों में विशेष ध्यान दें। कलेक्टर ने बताया कि हॉस्पिटल मैनेजमेंट को छोटी-छोटी बारीकियों पर भी ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
