सरकारी स्कूल में तंत्र-मंत्र का खेल! प्रिंसिपल केबिन के बाहर कोयल की बलि, नींबू-सिंदूर और बैगा की पूजा से दहशत में बच्चे
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सरकारी स्कूल में तंत्र-मंत्र का खेल! प्रिंसिपल केबिन के बाहर कोयल की बलि, नींबू-सिंदूर और बैगा की पूजा से दहशत में बच्चे

दुर्ग। छत्तीसगढ़ में अंधविश्वास का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक के मामलों से लोग हैरान होते हैं। इसी बीच दुर्ग जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक सोच दोनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां बोरसी थाना क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में तंत्र-मंत्र के तहत कोयल की बलि चढ़ा दी गई।

खून से सना पक्षी, नींबू और सिंदूर देखकर सहम गए बच्चे

जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह जैसे ही स्कूल के गेट खुले, वहां मौजूद बच्चों और शिक्षकों ने खून से सनी एक कोयल, नींबू और सिंदूर देखा। यह दृश्य इतना भयावह था कि कई बच्चे डरकर चीख उठे और उन्होंने क्लास में जाने से मना कर दिया। कुछ बच्चों ने तो दोबारा स्कूल आने से भी इंकार कर दिया।

अंधविश्वास में घिरे शिक्षक, बुलाया बैगा

सबसे हैरानी की बात यह रही कि शिक्षकों ने इस घटना की पुलिस या प्रशासन को सूचना देने के बजाय खुद अंधविश्वास में घिरकर एक बैगा को बुला लिया। बैगा ने स्कूल परिसर में अगरबत्ती और कपूर जलाकर पूजा-पाठ किया और दावा किया कि उसने ‘टोटके की काट’ कर दी है। इसके एवज में बैगा को भुगतान भी किया गया।

इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो खुद शिक्षकों ने रिकॉर्ड कर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भेजा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि किस तरह बैगा तंत्र-मंत्र की ‘काट’ करने का दावा कर रहा है और स्कूल का स्टाफ उसे समर्थन दे रहा है।

डर से बच्चों ने जाने से किया मना

इस घटना के बाद कई बच्चों ने डर के चलते कक्षाओं में जाने से भी मना कर दिया है। बच्चों के साथ उनके पेरेंट्स भी सुरक्षा को लेकर चिंतित नजर आए। इस मामले में स्कूल के शिक्षकों ने कहां कि इस तरह की हरकतें अंधविश्वास फैलाने और माहौल खराब करने की कोशिश है। वहीं पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आरोपी को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।

अंधविश्वास फैलाने की कोशिश

वहीं इस पूरे मामले को लेकर बीईओ राजेश्वरी चन्द्राकर ने कहा कि यह अंधविश्वास फैलाने की कोशिश है और बच्चों को डराने का प्रयास है। सभी शिक्षकों और छात्रों को समझाया गया है कि पढ़ाई का माहौल खराब न होने दें। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने भी इस घटना पर गंभीरता जताई और थाने में शिकायत दर्ज कराई। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।