भिलाई.CG Prime News. कथित लाइफ इश्योरेंस बिमा कंपनी का अधिकारी बनकर शासकीय स्कूल से सेवानिवृत्त प्राचार्य शंकर राव कटारे (75 वर्ष) को विश्वास में लेकर 10 लाख की चपत लगा दिया। ठग ने बंद पड़ी पॉलिसी शुरु और मैच्युरिटी रकम 40 लाख रुपए वापस कराने का झांसा दिया। ठग ने अलग-अलग कागजी प्रक्रियाओं के नाम पर 10 लाख रुपए की चपत लगा दिया। प्राचार्य की जीवन भर कमाई की जमा पूंजी ठग उड़ा ले गया। जब उन्हें समझ आया तब तक देर हो चुकी थी।
पद्भनाभपुर चौकी प्रभारी येनु देवांगन ने बताया कि विवेकानंद नगर बोरसी निवासी सेवानिवृत्त प्राचार्य शंकरराव कटारे ने शिकायत का है कि जुलाई 2020 को मोबाइल से 9711569454 कॉल आया। उसने कहा की दिल्ली लाइफ इंश्योरेंस बिमा कम्पनी का अधिकारी लक्ष्मण बोल रहा हूं। आपकी पॉलिसी बहुत पुरानी हो गई है और उसका शेयर बढ़ गया है। १९ लाख रुपए मैच्युरी हो गई है। पॉलिसी को चालू कराने के लिए ढाई लाख रुपए जमा करने होंगे। पॉलिसी एकाउंट चालू हो जाएगी। उस की बातों में आकर दिए गए एचडीएफसी बैंक एकाउंट होल्डर आलोक शर्मा के खाता में ६ बार में ढाई लाख रुपए डाल दिया। जब पैसे मिल गया तो दूसरे दिन फिर से फोन किया और बताया कि एकाउंट चालू हो गया है। कुछ दिन के बाद १९ लाख रुपए शंकर खाते में आ जाएंगे। फिर फोन किया कि पॉलिसी का शेयर बढ़कर ४० लाख रुपए हो गया है। इसके लिए सुरिक्षा निधि ढाई लाख की मांग की। शंकर ने उसके द्वारा दिए गए खाता में २ लाख १२ बजार रुए ट्रांसफर कर दिया। सप्ताहभर बाद फिर फोन किया कि ठग आलोक शर्मा के करूर वैश्य बैंक दिल्ली के खाता में अगस्त महीना के प्रथम सप्ताह आरटीजेएस के माध्यम से जमा किया। फि र दो दिनों के बाद काल करके बोलेगा कि 5 लाख रुपए सिक्योरिटी मनी देना होगा। ५ लाख रुपए भी ट्रांसफर कर दिया। इस तरह १० लाख की ठगी का शिकार हो गया।
जब अहसास हुआ 10 लाख गवा चुके थे
पुलिस ने आरोपी मोबाइल धारक के खिलाफ धारा ४२०, ३४ के तहत प्रकरण दर्ज किया है।शंकरराव को ठग ने फिर से फोन किया। उसने कहा कि आशीष शर्मा मोबाइल 9540152158 से काल करके बोला मेरे एकाउंट में पैसा जमा हो गया है, लेकिन मेरा एकाउंट तो बहुत पुराना था। ३५ लाख रुपए लोन लिया था। बैंक का पैसा नहीं चुका सथा। सिर्फ ९ लाख ६० हजार बैंक में जमा करना है। डाल देंग तो पूरे ४० लाख रुपए बैंक से निकल जाएंगे। तब जाकर शंकर को अहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया।

