कोरबा। Big Incident: जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक छोटे से चने ने एक मासूम की जान ले ली। बताया जा रहा है कि 2 साल के बच्चे की मौत चना खाने के दौरान हुई, जिससे पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है।
मिली जानकारी के अनुसार, घटना कोरबा के पुरानी बस्ती की है। जहां दो साल के बच्चे के गले में चना फंसने से उसकी मौत हो गई है। पुरानी बस्ती में छोटू कुमार रहते हैं, जिनका पानीपुरी का व्यवसाय है। छोटू का 2 वर्षीय बच्चा दिव्यांश कुमार गुरुवार की सुबह आंगन में खेल रहा था। इस दौरान खेलते-खेलते वह कमरे में गया वहां रखे चने को निगल गया। परिजनों ने तत्काल उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।
Big Incident: इलाज में लापरवाही आरोप
इसके बाद मासूम रोने लगा और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जिसके बाद उसके चाचा गोलू बंसल (27) उसे फौरन मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गया। उसका आरोप है कि जब भी वे डॉक्टर से बच्चे की स्थिति के बारे में पूछते, तो उन्हें कहा जाता था कि बड़े डॉक्टर आकर देखेंगे।
गोलू बंसल ने बताया कि वे सुबह आठ बजे से अस्पताल में थे, लेकिन शाम तक बच्चे का समुचित इलाज नहीं हो सका। परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही को बच्चे की मौत का कारण बताया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की। शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया और वे इसे लेकर अपने गृहग्राम रवाना हो गए।
बच्चे की हालत पहले से गंभीर थी
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरबंश ने बताया कि बच्चा जब अस्पताल पहुंचा, तब उसकी हालत पहले से ही गंभीर थी। चना गले से फेफड़ों में चला गया था, जिससे आंतरिक रक्तस्राव शुरू हो गया। डॉक्टरों की टीम ने तत्काल इलाज शुरू किया, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका। उन्होंने लापरवाही के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उपचार में कोई कमी नहीं थी।
इलाके में शोक की लहर
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे की मौत के बाद पूरे मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है। इस हृदयविदारक घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है, क्योंकि किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि एक चने से इतनी बड़ी घटना हो सकती है।
फिलहाल, यह घटना एक गहरी सीख भी दे रही है कि छोटे बच्चों को खाने के लिए क्या दिया जा रहा है, इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी अपील की गई है कि छोटे बच्चों को कठोर या आसानी से गले में फंस सकने वाले खाद्य पदार्थ देने से बचें।

