दुर्ग। जिले में पुलिस की उत्कृष्ट विवेचना का सकारात्मक और प्रभावशाली परिणाम सामने आया है। हत्या, हत्या के प्रयास, बलात्कार, पॉक्सो एक्ट, एनडीपीएस एक्ट एवं आर्म्स एक्ट जैसे जघन्य अपराधों में न्यायालय ने आरोप सिद्ध पाए जाने पर दोषियों को आजीवन कारावास, सश्रम कारावास तथा अर्थदंड की कठोर सजा सुनाई है। इन मामलों की सफल विवेचना करने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया गया। (Life imprisonment for those accused of heinous crimes, outstanding investigators honored)
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उत्कृष्ट विवेचना का सम्मान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने 18 दिसंबर की रात 10 बजे पुलिस नियंत्रण कक्ष भिलाई में आयोजित कार्यक्रम में निरीक्षक एवं उप निरीक्षकों को प्रशस्ति पत्र एवं नगद ईनाम देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद्मश्री तंवर भी उपस्थित रहीं।
समयबद्ध जांच और ई-साक्ष्य पर जोर
एसएसपी विजय अग्रवाल ने विवेचकों को भविष्य में भी गंभीर मामलों की गहन जांच करने, नवीन कानूनों के अनुरूप ई-साक्ष्य तैयार करने तथा 60/90 दिवस की समय-सीमा में चालान न्यायालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह सफलता विवेचकों की मेहनत, तकनीकी साक्ष्यों के सही उपयोग और अभियोजन की मजबूत पैरवी का परिणाम है, जिससे अपराधियों में भय और जनता में कानून के प्रति विश्वास मजबूत हुआ है।
हत्या के मामलों में आजीवन कारावास
न्यायालय ने थाना नंदिनी नगर, दुर्ग, कुम्हारी, मोहन नगर, पुलगांव एवं पद्मनाभपुर सहित विभिन्न थानों के हत्या प्रकरणों में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं हत्या के प्रयास के मामलों में 7 से 10 वर्ष तक का सश्रम कारावास दिया गया।
पॉक्सो, बलात्कार और एनडीपीएस में कड़ा रुख
पॉक्सो एवं बलात्कार के मामलों में दोषियों को 10 से 20 वर्ष तक के सश्रम कारावास से दंडित किया गया। एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों में कारावास के साथ हजारों रुपये का अर्थदंड लगाया गया। आर्म्स एक्ट एवं डकैती के मामलों में भी न्यायालय ने सख्त सजा सुनाई।