CG Prime News@रायपुर.Raipur police took out a procession of moneylender Virendra Tomar सूदखोरी, रंगदारी और अवैध हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर का रविवार को रायपुर पुलिस ने जुलूस निकाला। इस दौरान तोमर की हालत बेहद खराब नजर आई। वह बनियान पहना हुआ था। चलते हुए लंगड़ा रहा था। जुलूस के दौरान बेहोश भी हो गया था। रायपुर क्राइम ब्रांच और पुरानी बस्ती पुलिस ने 5 महीने बाद मध्यप्रदेश के ग्वालियर से पकड़ा है।

दहशत का दूसरा नाम कहलाने वाले वीरेंद्र तोमर का रायपुर पुलिस ने बनियान में निकाला जुलूस, देखने लगी लोगों की भीड़
दूसरा भाई रोहित अभी भी फरार
इससे पहले ACCU कार्यालय में वीरेंद्र तोमर से पूछताछ की गई। वीरेंद्र का भाई रोहित तोमर अभी भी फरार है। एक टीम रोहित तोमर की तलाश में जुटी है। दोनों भाइयों पर रायपुर के कई थानों में 16 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं। इनमें चाकूबाजी, मारपीट, हत्या का प्रयास, धमकी, धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग जैसे मामले शामिल हैं।
जिला कोर्ट में किया पेश
रायपुर पुलिस ने सूदखोर वीरेंद्र तोमर को जिला कोर्ट में पेश किया। कोर्ट से पुलिस को एक दिन की रिमांड मिली है। सोमवार को फिर से तोमर को कोर्ट में पेश किया जाएगा। फिलहाल पुलिस कस्टडी में रात सूदखोर तोमर की रात बीतेगी।
हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने रायपुर में ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी के केस में हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है, जबकि दोनों की पत्नियां और भतीजे को अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
अब जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, करीब 5 महीने पहले प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने वीरेंद्र के भाई रोहित तोमर के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाकर तेलीबांधा थाने में FIR दर्ज कराई थी। FIR के बाद से रोहित तोमर फरार हो गया। रोहित के फरार होने के बाद उसका भाई वीरेंद्र तोमर भी गायब हो गया था। पुलिस ने वीरेंद्र सिंह तोमर के घर की तलाशी ली तो उसके घर में अवैध हथियार पुलिस को मिला था। पुलिस ने वीरेंद्र सिंह के ऊपर आर्म्स एक्ट के तहत FIR दर्ज की थी।
वीरेंद्र सिंह उर्फ रूबी तोमर रायपुर का आदतन अपराधी
वीरेंद्र सिंह उर्फ रूबी तोमर रायपुर का आदतन अपराधी है। आरोप के अनुसार अपने छोटे भाई रोहित तोमर और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर सूदखोरी का काम करता है। आरोपी कर्जदारों से मूलधन से ज्यादा ब्याज वसूलते और पैसे नहीं देने पर मारपीट करते। वीरेंद्र सिंह तोमर पर पहला मामला 2006 में दर्ज हुआ था। पुलिस ने इसे आदतन अपराधियों की लिस्ट में डाला है। वीरेंद्र के खिलाफ 6 से ज्यादा अलग-अलग थानों में केस दर्ज है। इनमें मारपीट, उगाही, चाकूबाजी, ब्लैकमेलिंग और आर्म्स एक्ट के केस शामिल है।