दिल्ली. CG prime news. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में बुधवार को रामजन्म भूमि पर भव्य राममंदिर का शिलान्यास करते हुए भूमिपूजन किया। इसके साथ ही पूरे देश में उत्साह और उल्लास का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके बाद यहां मंच से कार्यक्रम में पधारे संतों और मेहमानों को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत भगवान राम और माता सीता के जयकारे के साथ की। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश राममय हो गया है। आज का दिन तप, संकल्प के पूरे होने का प्रतिक है। आज पूरी दुनिया में जय सियाराम की गूंज है। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि मुझे यहां आना ही था क्योंकि, राम काजु कीन्हें बिनु, मोहि कहां विश्राम
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया। मैं इसके लिए हृदय पूर्वक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यक्त करता हूं। आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में है। सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। पूरा देश रोमांचित है और हर मन आज दीपमय है। राम मंदिर राष्ट्रीय भावना का प्रतिक बनेगा।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढिय़ों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो।
प्रधानमंत्री ने राम मंदिर आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा, राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था ,तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं।
भागवान राम को याद करते हुए बोले, राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं। भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।