सरगुजा। सरगुजा जिले में अवैध सट्टा कारोबार के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच एक और बड़ा खुलासा सामने आया है, जिसने पुलिस व्यवस्था पर ही सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। महादेव सट्टा एप नेटवर्क में एक पुलिस आरक्षक की संलिप्तता उजागर हुई है, जिसने न केवल इस अवैध नेटवर्क को संरक्षण दिया, बल्कि कथित रूप से उसका संचालन भी किया।
हाल ही में शक्ति पारा अंबिकापुर निवासी युवक सत्यम केसरी ने एक वीडियो बयान में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सत्यम ने सीधे-सीधे आरक्षक प्रविंद्र सिंह (बैच नंबर 500) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने उसे और अन्य युवकों को महादेव सट्टा एप के लिए अवैध कार्य में लगाया था।
आरक्षक ने किराए के मकान में चलाया सट्टा नेटवर्क
वीडियो में सत्यम ने बताया कि 21 फरवरी 2023 से कुछ समय पहले आरक्षक प्रविंद्र सिंह ने उसे अपने गाड़ाघाट स्थित किराए के मकान (रूम नंबर 01) में बुलाया, जहां पहले से ही जिमी भैया, अमित मिश्रा और अन्य लोग मौजूद थे। वहां वाईफाई और अन्य तकनीकी संसाधनों की मदद से कथित तौर पर महादेव सट्टा एप का संचालन हो रहा था। सत्यम ने दावा किया कि उन्हें शुरुआती दिनों में यह नहीं बताया गया कि वे किस काम में लगे हैं। बाद में सच्चाई सामने आने पर जब उन्होंने काम करने से मना किया, तो उन्हें धमकियां दी गईं।
धमकी और डर का माहौल
सत्यम का दावा है कि करीब एक महीने की अवधि में आरक्षक प्रविंद्र सिंह को लगभग 48 लाख रुपये का मुनाफा हुआ। लेकिन जब सत्यम ने काम छोड़ने की बात कही, तो आरक्षक ने उसे धमकाते हुए कहा – मेरी पहुंच IG, SP और दुबई तक है, अगर काम नहीं करोगे तो उठवा दूंगा, फंसा दूंगा। यह बयान बताता है कि कैसे एक वर्दीधारी व्यक्ति ने अपनी पद की शक्ति और संबंधों का गलत इस्तेमाल कर युवाओं को अवैध कार्यों में जबरन झोंका।
क्या वर्दी की आड़ में अपराध?
इस पूरे प्रकरण ने पुलिस विभाग की नैतिकता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर एक आरक्षक इस तरह के नेटवर्क का हिस्सा बन सकता है, तो यह पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न है।
पुलिस की चुप्पी भी संदेहास्पद
हालांकि इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान पुलिस विभाग की ओर से नहीं आया है, लेकिन यह साफ है कि वीडियो सामने आने के बाद दबाव बढ़ता जा रहा है। आमजन और सामाजिक संगठन अब इस मामले की स्वतंत्र जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सटोरियों की गिरफ्तारी के बाद आया मामला सामने
कुछ दिन पहले ही साइबर सेल और कोतवाली थाना पुलिस ने महादेव सट्टा एप से जुड़े दो सटोरियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें अमित मिश्रा उर्फ पहलू भी शामिल था। गिरफ्तारियों के दौरान जब्त मोबाइल फोन, पैन कार्ड, डेबिट कार्ड और अन्य दस्तावेजों से करोड़ों रुपये के लेनदेन का खुलासा हुआ था। इसके बाद इस वीडियो ने एक और खुलासा कर दिया है।
पूरे प्रदेश की पुलिस प्रणाली पर उठे सवाल
सत्यम केसरी द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। अगर इनकी निष्पक्ष जांच की जाती है और आरोप सच साबित होते हैं, तो यह सिर्फ एक भ्रष्ट आरक्षक का मामला नहीं, बल्कि व्यवस्था की चूक और अपराध का उदाहरण होगा। यह मामला सिर्फ अंबिकापुर का नहीं, पूरे प्रदेश की पुलिस प्रणाली की साख और पारदर्शिता से जुड़ा है। यदि आरक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर कार्यरत व्यक्ति इस तरह के नेटवर्क में संलिप्त पाया जाता है, तो यह कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर सवाल खड़ा करता है।

