जशपुर। जशपुर जिले के एक पति को बिलासपुर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। पत्नी द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का शिकार पति ने जशपुर फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई थी। जिसमें पति ने बताया था कि, उसकी पत्नी का व्यवहार शादी के 1 साल बाद ही बदल गया। हिंदू रीति रिवाज से हुई शादी के बावजूद वह सोशल मीडिया के जरिए अन्य मर्दों के साथ बातचीत करती थी।
एक दफा जब पति पत्नी घूमने के लिए शहर से बाहर गए, तब पत्नी ने वहां अपने एक पुराने पुरुष मित्र को बुलाया और उसके साथ चली गई। पति ने इस मामले में लोकल थाने में पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। सभी तत्वों को रखने के बाद जशपुर फैमिली कोर्ट ने पति द्वारा लगाई गई तलाक की अर्जी को मंजूरी दे दी। इसके विरोध में पत्नी बिलासपुर हाईकोर्ट की शरण में गई थी, लेकिन हाई कोर्ट की बेंच ने फैमिली कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को सही ठहराया और पत्नी की अपील याचिका को खारिज कर दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक जशपुर जिले के रहने वाले एक व्यक्ति की शादी 25 अप्रैल 2008 को पत्थलगांव में हिंदू रीति-रिवाजों से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी के बीच रिश्तों में तनाव शुरू हो गया। judgement पति के मुताबिक विवाह के एक साल के अंदर ही पत्नी का व्यवहार पूरी तरह बदल गया। वह घरेलू जिम्मेदारियों से दूर हट गई और सोशल मीडिया खासकर फेसबुक पर अन्य पुरुषों के साथ अनुचित बातचीत में लिप्त रहने लगी।
पति-पत्नी से हुए दो बच्चे
पति का आरोप था कि दो बच्चों के जन्म के बाद भी पत्नी का यह व्यवहार जारी रहा। दिसंबर 2017 में परिवार के साथ मैहर यात्रा के दौरान पत्नी ने अपने पुरुष मित्र को वहां बुला लिया और बिना बताए उसके साथ चली गई. इस घटना के बाद पति ने मैहर थाने में पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी।
खारिज हुई पत्नी की याचिका
पति ने इन सभी घटनाओं के प्रमाणों सहित फैमिली कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की थी। जिसमें कोर्ट ने तलाक मंजूर कर लिया। पत्नी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। लेकिन उच्च न्यायालय ने फैमिली कोर्ट के निर्णय को उचित ठहराते हुए पत्नी की अपील खारिज कर दी।

