बाबू की नौकरी के लिए दो से चार लाख रुपए वसूल, पिता-पुत्र गिरफ्तार
दुर्ग। अंजोरा पुलिस चौकी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मंत्रालय में नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने अब तक लगभग 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी करना स्वीकार किया है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है, जबकि एक आरोपी फरार है।
(Father and son arrested for cheating of Rs 70 lakh on the pretext of giving job in ministry)
अंजोरा चौकी प्रभारी संतोष साहू ने बताया कि ग्राम चिरवार, जिला बालोद निवासी संतराम देशमुख ने शिकायत की, कि वर्ष 2022 में अंजोरा स्थित वेटनरी कॉलेज परिसर के स्टाफ क्वार्टर में आरोपी भेषराम देशमुख, उनके पुत्र रविकांत देशमुख और साथी अरुण मेश्राम ने मंत्रालय में चपरासी और बाबू की नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे 5 लाख रुपये लिए थे। लेकिन नौकरी न लगाकर पैसों की ठगी कर ली। इसी तरह अन्य लोगों से भी लाखों रुपये वसूल किए गए।
पुलिस ने धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की
शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 34 भादवि के तहत मामला दर्ज किया। विवेचना के दौरान अन्य पीड़ितों – लोमश देशमुख और हेमंत कुमार साहू ने भी आरोपियों के खिलाफ ठगी की लिखित शिकायत दी। जांच में यह तथ्य सामने आया कि आरोपियों ने मंत्रालय में चपरासी के लिए 2.50 लाख और बाबू की नौकरी के लिए 4 लाख रुपये तक वसूले।
ठगी की रकम से खरीद में प्लांट
पुलिस ने 6 सितंबर को दुर्ग बस स्टैंड से भेषराम और उनके बेटे रविकांत को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने अपने साथी अरुण मेश्राम (निवासी राजनांदगांव) के साथ मिलकर 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी कबूल की। धोखाधड़ी से मिली रकम में से पिता-पुत्र ने 20 लाख रुपये हासिल किए और उसमें से 12 लाख रुपये ग्राम कुथरेल में प्लॉट खरीदने में लगाए। पुलिस ने रजिस्ट्री पेपर, बैंक पासबुक और डायरी जब्त कर ली है।
आरोपी की गिरफ्तारी में अहम भूमिका
वर्तमान में फरार आरोपी अरुण मेश्राम की तलाश जारी है। इस कार्रवाई में चौकी प्रभारी संतोष कुमार साहू, प्रआर सूरज पांडेय, राकेश सिंह, आर. टोमन देशमुख, बृजमोहन सिंह और योगेश चंद्राकर की अहम भूमिका रही।

