Sunday, December 28, 2025
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छत्तीसगढ़ में ED का बड़ा छापा, अलग-अलग राज्यों में 30 ठिकानों पर दबिश

प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के नाम पर जुटाया गया

by Dakshi Sahu Rao
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CG PRIME NEWS

CG Prime News@रायपुर.ED conducts major raid in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ईडी (ED) का बड़ा छापा पड़ा है। देशभर में ईडी ने शुक्रवार को एक साथ अलग-अलग राज्यों में 30 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की है। मिली जानकारी के अनुसार जय कॉर्प लिमिटेड के निदेशक आनंद जयकुमार जैन से जुड़े 2 हजार 434 करोड़ की धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने देशभर में छापेमारी की है।

विदेशों में पैसा ट्रांसफर का शक

प्रवर्तन निदेशालय को शक है कि रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट के नाम पर जुटाया गया पैसा विदेशी कंपनियों को ट्रांसफर किया गया था। एजेंसी संदिग्ध ट्रांजेक्शन, ऑफशोर अकाउंट्स और शेल कंपनियों की कडिय़ों को जोडऩे की कोशिश कर रही है। कई कंपनियों और बड़े कारोबारी समूह भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। जिन शहरों में ईडी का छापा पड़ा उनमें रायपुर, मुंबई, नासिक और बेंगलुरु समेत 30 से अधिक ठिकाने शामिल हैं। जांच एजेंसी दस्तावेजों और डिजिटल रिकॉर्ड की तलाशी ले रही है।

यह पूरा मामला

CBI ने आनंद जयकुमार जैन, उनकी कंपनी जय कॉर्प लिमिटेड, कारोबारी पराग शांतिलाल पारेख और कई अन्य कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आनंद जैन मशहूर गेमिंग कंपनी ड्रीम11 के को-फाउंडर हर्ष जैन के पिता हैं, जिससे यह मामला और भी हाई-प्रोफाइल हो गया है।

विदेशी मुद्रा कर्ज और फ्यूचर ट्रेडिंग

जांच एजेंसियों के अनुसार, बैंकों से लिए गए 98.83 करोड़ के विदेशी मुद्रा कर्ज को भी मॉरिशस में निवेश किया गया। इससे यह संदेह और गहरा गया है कि पूरे नेटवर्क के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई। ED और CBI दोनों एजेंसियां मनी ट्रेल, ऑफशोर कंपनियों और निवेशकों के पैसों की पूरी चेन खंगाल रही हैं। जांच आगे बढ़ने के साथ नई गिरफ्तारियां, संपत्तियों की कुर्की और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। यह मामला देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में शामिल हो सकता है।

नवंबर 2007 के दौरान इस राशि का इस्तेमाल

जांच में सामने आया है कि नवी मुंबई SEZ प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर बैंकों से 3,252 करोड़ का कर्ज लिया गया। इससे पहले मुंबई SEZ लिमिटेड के लिए भी बैंकों से ₹686 करोड़ का लोन लिया जा चुका था। आरोप है कि इन कर्जों का इस्तेमाल घोषित उद्देश्यों के बजाय अन्य वित्तीय गतिविधियों में किया गया। CBI का आरोप है कि आपराधिक साजिश के तहत निवेशकों और बैंकों का पैसा मॉरिशस और जर्सी (Channel Islands) में स्थित विदेशी कॉर्पोरेट कंपनियों में भेजा गया। आरोपियों पर यह भी आरोप है कि नवंबर 2007 के दौरान इस राशि का इस्तेमाल रिलायंस पैट्रोकैमिकल्स की फ्यूचर ट्रेडिंग में किया गया।

 

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