– DFO की ताबड़तोड़ कार्रवाई से मचा हड़कंप, ढाई घंटे बाद पहुंचे डिप्टी रेंजर
CG Prime News@भिलाई. दुर्ग जिले में अवैध लकड़ी तस्करों के खिलाफ DFO की ताबड़तोड़ कार्रवाई से लकड़ी तस्कर ही नहीं वन विभाग में भी हड़कंप मच गया। दरअसल पुराने ढर्रा पर कार्रवाई करने के आदी अधिकारी इस बार अपनी सेटिंग नहीं कर पाए, उन्हें उस आरामिल में कार्रवाई करनी पड़ी जहां की दहलीज वह डाकने से भी डरते थे। उसी मील में कार्रवाई करने DFO का फरमान सुनते ही हाथ पाव फूल गए।

जानकारी के मुताबिक दुर्ग वन मंडलाधिकारी धम्मशील गणवीर गुरुवार सुबह रोज की तरह अपनी स्कार्पियो से निकले और गाराडीह पहुंच कर ड्राइवर से गाड़ी में रखी अपनी साइकिल उतरवाई। इसके बाद वहां से अकेले ही साईकिल लेकर निकल गए। एक आम शहरी व्यक्ति की वह साइकलिंग करते हुए 40 किलोमीटर का सफर तय करके रानीतराई क्षेत्र में पहुंच गए। करीब आंधे घंटे तक क्षेत्र का दौरा करने के बाद उनकी साइकिल रानीतराई बाजार चौक बस स्टैंड के सामने धनराज साहू सा मिल पर जा रूकी। 10 मिनट मिल का निरीक्षण किया और फिर अपनी टीम को बुलवाया। टीम के लोग दूसरी आरामिल को DFO के छापे की खबर दे पाते DFO गणवीर वहां पहुंच गए। जैसे ही वन विभाग के दूसरे अधिकारियों यह पता चला कि DFO बाजार चौक तालाब के पास राधेरमन चंद्राकर सा मील में छापा मारने पहुंच गए हैं, तब उनके हाथ पाव फूल गए। क्योंकि राधेरमन चंद्राकर सा मील एक ऐसी मील है जिस पर राजधानी में बैठे एक बड़े अधिकारी का हाथ है। इतना ही नहीं मिल संचालक प्रदेश के बड़े नेताओं व मंत्रियों तक अपनी पहुंच रखता है। यही कारण है खुलेआम धड़ल्ले से प्रतिबंधित अर्जुन की लकड़ी की चिराई करने के बाद भी आज तक यहां कोई भी वन अधिकारी कार्यवाही करने नहीं पहुंचा है। लेकिन गुरुवार सुबह डीएफओ ने जैसे ही फोनकर एसडीओ, रेंजर और डिप्टी रेंजर को दोनों आरामील का नाम बताया और उन्हें सील कर प्रतिबंधित लकड़ी को जब्त कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए तो अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई।
लकड़ी तस्कर की भाषा बोले डिप्टी रेंजर कहा दो दिन में खुल जाएगी आरामील

DFO गणवीर ने जिस आरामिल पर कार्रवाई की वह बाकी आरामिल संचालकों के गले नहीं उतरी। कार्रवाई के बाद हालात यह है कि आरामिल संचालक यह तक दावा कर रहे हैं कि 2 से 3 दिन में मिल फिर से खुल जाएगी तो कुछ संचालक यह कह रहे हैं कि जितनी मात्रा में अर्जुन की लकड़ी जब्त की गई है DFO उसे नहीं चलने देंगे और आरामिल लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई करेंगे। अब देखना यह है कि इस कार्रवाई में राजनेताओं और भ्रष्ट अधिकारियों के दबाव की जीत होती है या ईमानदार DFO की निष्पक्ष कार्रवाई की।
कार्रवाई करते समय अधिकारियों के कांपे हाथ, यह तक कह दिया जलाउ लकड़ी है

DFO के निर्देश के बाद पहले तो डिप्टी रेंजर अजय चौबे अपनी टीम के साथ ढाई घंटे देरी से पहुंचे फिर अर्जुन की लकड़ी को जलाऊ और बबूल की लकड़ी बताकर DFO को गलत ठहराने लगे। अंत में कांपते हाथों के साथ उन्होंने आरामिल को सील करने की कार्रवाई की।
