न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया
भिलाई। पद्मनाभपुर थाना पुलिस ने सिपाही सुरेंद्र साहू की आत्महत्या के मामले में बड़ा खुलासा करते हुए सूदखोर हरिश मिश्रा को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया। आरोपी ने ब्याज व मूलधन की राशि वसूलने के बाद भी मृतक सिपाही को लगातार प्रताड़ित किया, जिससे मानसिक तनाव में आकर उसने जान दे दी। (Soldier suicide mystery solved, moneylender arrested)
थाना प्रभारी राजकुमार लहरे ने बताया कि न्यू पुलिस लाइन निवासी सुरेंद्र साहू (40) ने आरोपी से करीब 10 लाख रुपए उधार लिए थे। यह पूरी राशि चुका देने के बावजूद हरिश मिश्रा बार-बार ब्याज और अतिरिक्त रकम की मांग करता रहा। मोबाइल पर लगातार धमकी भरे कॉल कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा। घटना वाले दिन भी आरोपी ने कई बार फोन कर दबाव बनाया। इससे परेशान होकर सिपाही ने आत्महत्या कर ली।
आरोपी के कब्जे से कर्ज से संबंधित एक डायरी भी जब्त
पुलिस ने बताया कि मर्ग जांच के दौरान परिजनों और गवाहों के बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 108 बीएनएस और छत्तीसगढ़ ऋणियों का संरक्षण अधिनियम 1937 की धारा 4 के तहत अपराध दर्ज किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीम गठित कर आरोपी का पता लगाया गया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के कब्जे से कर्ज से संबंधित एक डायरी भी जब्त की, जिसमें ब्याज पर दी गई रकम का विवरण दर्ज था।
भट्ठी थाना क्षेत्र में पहले भी कर्जा एक्ट और उगाही के मामले में गिरफ्तार
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि हरिश मिश्रा आदतन अपराधी है और पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है। वर्ष 2017 में भिलाई भट्ठी थाना क्षेत्र में कर्जा एक्ट और उगाही के मामले में गिरफ्तार किया गया था। 1998 और 2007 में मारपीट के मामलों में भी सजा काट चुका है। इसके अलावा भिलाई नगर और तिल्दा-नेवरा क्षेत्रों में अलग-अलग सड़क हादसों में दो लोगों की मौत कराने के आरोप भी उस पर हैं। दुर्ग, भिलाई और रायपुर के कई थानों में अन्य आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हैं।
सूदखोरों पर होगी कार्रवाई
आरोपी को 10 अगस्त को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। दुर्ग एसएसपी विजय अग्रवाल का कहना है कि कर्ज और सूदखोरी के मामलों में यह गिरफ्तारी एक सख्त संदेश है कि उधारी के नाम पर अवैध वसूली और मानसिक प्रताड़ना जैसे अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।




