CG Prime News@रायपुर. chhattisgarh assembly monsoon session 2025 छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन बेहद हंगामेदार रहा। विपक्ष ने प्रदेश में DAP (उर्वरक) खाद की सप्लाई का मुद्दा उठाते हुए जमकर हंगामा किया। हंगामा करते हुए कांग्रेस के विधायक विधानसभा सदन के गर्भगृह में जा पहुंचे। कई बार समझाने के बाद भी जब कांग्रेसी विधायक सदन के बाहर नहीं गए तो स्पीकर डॉ. रमन सिंह नाराज हुए।

स्पीकर बोले-संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाई
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन ने कहा कि 25 साल से जो परंपरा चली आ रही है, इसे तोडऩे का काम प्रतिपक्ष के लोग कर रहे हैं। यहां संसदीय परंपराओं की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसके बाद डॉक्टर रमन सिंह ने सदन की कार्रवाई को स्थगित कर दिया। हालांकि, 5 मिनट बाद सदन की कार्रवाई फिर से शुरू हुई। नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने सरकार पर प्राइवेट सेक्टर को डीएपी देकर किसानों को वंचित रखने का आरोप लगाया।
जब गर्भगृह में ही बैठ गए कांग्रेसी
डीएपी खाद देना होगा, किसान विरोधी सरकार नहीं चलेगी, कृषि मंत्री इस्तीफा दो के नारे खुद भूपेश बघेल लगवाते हुए सभी विधायकों के साथ गर्भगृह में आ गए। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सदन के गर्भगृह में आने की वजह से सभी कांग्रेस विधायक निलंबित हो गए हैं। सदन के बाहर चले जाएं। कांग्रेसियों ने इस बात को अनदेखा कर दिया और वहीं बैठकर नारे लगाते रहे।
इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब ये सभी निलंबित हो चुके हैं फिर भी सदन की कार्रवाई में बाधा पहुंचाना, ये तो नई परंपरा की शुरुआत कर रहे हैं। इसके बाद फिर रमन सिंह ने सभी को बाहर जाने को कहा, ऐसा दो बार कहा गया मगर कोई कांग्रेसी विधायक बाहर नहीं गया। नारेबाजी चलती रही।
अध्यक्ष ने कहा असंसदीय व्यवहार
इसके बाद डॉ रमन सिंह खड़े हुए, उन्होंने कहा- प्रतिपक्ष के सम्मानित सदस्यों ने निरंतर असंसदीय व्यवहार किया है। इस विधानसभा में दो बार, तीन बार आग्रह करने के बाद भी बाहर नहीं गए। जो यहां की 25 साल की परंपरा है उसको ध्वस्त करने में लगे हुए हैं।
यह नुकसान छत्तीसगढ़ का है, छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपराओं का है। पूरा देश देखता है कि छत्तीसगढ़ ने क्या मापदंड स्थापित किए थे और उस मापदंड की धज्जियां कैसे उड़ाई जा रही है, मेरे आग्रह के बाद भी आप समझने को तैयार नहीं है, इसलिए सदन की कार्रवाई स्थगित की जाती है।
पूर्व मंत्री ने डीएपी के भंडारण को लेकर पूछा सवाल
पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने छत्तीसगढ़ में डीएपी की आपूर्ति को लेकर सवाल किया। पटेल ने पूछा कि छत्तीसगढ़ में डीएपी भंडारण का कितना लक्ष्य था? कितना भंडारण हो चुका है? कितना व्यापारियों को दिया गया और कितना सोसाइटियों के जरिए किसानों को पहुंचाया गया ?
इसका जवाब देते हुए कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने बताया कि 3 लाख 10 हजार मिट्रिक टन का लक्ष्य था, जून तक 1 लाख 18000 मिट्रिक टन डीएपी मिला है। आने वाले 4 से 5 दिनों में बड़ी मात्रा में डीएपी की रेक मिलने वाली है, जिससे आपूर्ति बेहतर हो सकेगी।
कृषि मंत्री नेताम ने स्वीकारी DAP की कमी
उमेश पटेल ने कहा कि यह तो 50प्रतिशत से भी कम भंडारण की स्थिति है। जवाब में कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने डीएपी की कमी स्वीकारी, उन्होंने कहा लेकिन यह सिर्फ छत्तीसगढ़ की परेशानी नहीं है। एक वैश्विक समस्या है, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए काम किया जा रहा है।
मोदी के नाम पर मचा बवाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम सुनते ही कांग्रेस विधायकों ने बवाल शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि कृषि मंत्री भाषण दे रहे हैं। इसके बाद प्राइवेट सेक्टर को डीएपी देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया।
स्थिति को संभालते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश की स्थिति को देखते हुए सरकार को यह करना चाहिए कि डीएपी प्राइवेट सेक्टर में न देकर 100 प्रतिशत सोसाइटी में ही देना चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि हम यही व्यवस्था आने वाले दिनों में करने जा रहे हैं।

