CG Prime News@रायपुर. 28 suspended excise officials accused in the liquor scam got bail छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में शामिल आबकारी अधिकारियों को जमानत मिल गई है। मंगलवार को घोटाले में आरोपी बनाए गए 28 आबकारी अधिकारियों को रायपुर की ईओडब्ल्यू (EOW) कोर्ट में पेश किया गया। जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी अधिकारी अग्रिम जमानत के कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट ने 1-1 लाख रुपए का जमानत पट्टा जमा करने पर सभी 28 अधिकारियों को जमानत दे दी है।
88 करोड़ से ज्यादा की अवैध कमाई
ईओडब्ल्यू के मुताबिक छत्तीसगढ़ शराब घोटाला में सभी 28 अधिकारी शराब घोटाले के सिंडिकेट का हिस्सा थे। इन्होंने मिलकर 88 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध कमाई की ऐसा जांच के बाद इन पर आरोप लगा है। पिछले महीने राज्य सरकार ने सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। अगस्त के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें अग्रिम जमानत की मंजूरी दी थी
जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED के मुताबिक रिटायर्ड IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया।
EOW/ACB की जांच और 200 से अधिक लोगों के बयान और डिजिटल सबूतों के आधार पर लगभग 60 लाख 50 हजार 950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई। इसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
पहले इस घोटाले का आंकड़ा 2161 करोड़ रुपए बताया गया था, लेकिन नए सिरे से जांच में घोटाले की रकम बढ़कर 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है। EOW इस मामले की जांच कर रही है। घोटाले में शामिल पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत अन्य आरोपी जेल में बंद हैं।
वर्ष 2019 से 2023 के बीच राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों ने देसी शराब (B-Part शराब) की अवैध बिक्री कराई। बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर बाकी चयनित जिलों में अधिक खपत वाली दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ बेचा जाता था।

