Saturday, December 27, 2025
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भारत में कैंसर से ज्यादा खरतनाक मतांतरण और धर्मांतरण, पं. धीरेंद्र शास्त्री बोले-छत्तीसगढ़ मेरा ननिहाल

सरगुजा और जशपुर में जल्द करेंगे कथा

by Dakshi Sahu Rao
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CG Prime News@भिलाई. Pandit Dhirendra Krishna Shastriत्तीसगढ़ के कांकेर में धर्मांरण के नाम पर जो हुआ वो अच्छा नहीं हुआ। हिंदुओं ने वहां एकता दिखाई यह अच्छी बात है। बांग्लादेश में हिंदू युवा के साथ जो हुआ है वह भारत में न हो। इसलिए हिंदुओं को एक जुट होना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ के भिलाई में 5 दिवसीय हनुमंत कथा करने पहुंचे बागेश्वर धाम वाले पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह बातें कहीं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि भारत में कैंसर से ज्यादा खतरनाक मतांतरण और धर्मांतरण है। पूजा-पाठ के नाम धर्मांतरण करवाना गलत है। छत्तीसगढ़ में एशिया के सबसे बड़े चर्च के सामने कथा करेंगे। वो भी घर वापसी कर सकते हैं।

हनुमान कथा से हिंदुत्व का प्रचार

पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जीवन जीने के लिए दो चीजें बहुत जरूरी है। पहला है व्यवस्था और दूसरा है आस्था। व्यवस्था हमारे भारतीय संविधान दी है। जिसे बाबा साहेब आंबेडकर जैसे विद्वान ने संजोया है। वहीं आस्था हमें धर्म से मिलती है। भारत हिंदू राष्ट्र तब बनेगा जब गौ माता बचेगी। हनुमान कथा से हिंदुत्व का प्रचार होगा। हिंदुओं की आबादी लगातार घटती जा रही है। हम 90 से 80 प्रतिशत में आ गए हैं। अब नहीं जागेंगे तो क्या, बांग्लादेश वाला नक्शा देखकर खतरा मानेंगे। अब हमें हिंदुओं को बचाना है।

सरगुजा और जशपुर में जल्द करेंगे कथा

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पं. प्रदीप मिश्रा और पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को कथावाचक न कहकर टोना-टोटका बताने वाले बयान पर कहा कि हम नेता नहीं है। नेताओं के सवालों का जवाब देना जरूरी नहीं समझते। जिन्हें हिंदुओं को जगाना अंधविश्वास लगता है, उन्हें राष्ट्र छोड़ देना चाहिए। हिंदुओं का दुर्भाग्य है कि हम जातिवाद जैसे चीजों में फंसे रह गए है। दिव्य दरबार के साथ ही जो लोग मन से घर वापसी करना चाहते हैं, भिलाई की जमीन पर उनका सम्मान घर वापसी कराया जाएगा। छत्तीसगढ़ में कथा के साथ ही पदयात्रा भी करेंगे। यह कब और कहां से शुरू होगी, इसकी सूचना जल्द ही दी जाएगी। वहीं 27 दिसंबर को दिव्य दरबार लगेगा।

कथा के पहले निकाली गई भव्य शोभायात्रा

छत्तीसगढ़ के भिलाई में पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम की दिव्य हनुमंत कथा का आरंभ गुरुवार हो गया है। रायपुर से लेकर भिलाई तक पं. धीरेंद्र शास्त्री की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शोभायात्रा निकाली गई। चौक-चौराहों में ढोल-नगाड़ों और फूलों की वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया। भिलाई पहुंचने पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि धर्म की रक्षा करना। जीवों पर दया और हिंदुत्व के लिए मरना ही हमारे जीवन का उद्देश्य है। भगवान राम के ननिहाल में कथा करना जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है।

छत्तीसगढ़ की कुबेर नगरी है भिलाई

छत्तीसगढ़ से सदियों पुराना नाता है। छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। ऐसे में यह भी हमारा ननिहाल ही है। भिलाई ने देश् को सबसे ज्यादा आईआईटीयन छात्र दिए हैं। भिलाई छत्तीसगढ़ की शिक्षाधानी और कुबेर भी है। यह सौभाग्य है कि छत्तीसगढ़ की धरा में दिसंबर के महीने में कथा करने का अवसर मिला है। परम पूज्य गुरु घासीदास बाबा का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। बाबा ने बड़ा ही सुंदर संदेश दिया था मनखे-मनखे एक समान। यही हिंदू राष्ट्र की संकल्पना है।

सनातन बोर्ड न बने तो भी कोई दिक्कत नहीं, संविधान बोर्ड खत्म होना चाहिए

वक्फ बोर्ड के दायरे के विस्तार पर सवाल पूछे जाने पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सनातन बोर्ड की स्थापना होना बेहतर है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर सनातन बोर्ड न भी बने, तो संविधान बोर्ड बंद होना ज्यादा बेहतर होगा। छुआछूत और जातिवाद के सवाल पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यह हिंदुओं का दुर्भाग्य है कि जातिवादी विचारधारा आज भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि देश की उन्नति जातिवाद से नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद से होगी।

हनुमान चालीसा पर कथा

भिलाई में हनुमान चालीसा पर कथा होगी। हनुमान चालीसा तो सब पढ़ते हैं लेकिन इसका अर्थ कितने लोग समझते हैं। इसलिए मुंबई में कथा के दौरान ही घोषणा कर दी थी कि भिलाई की कथा हनुमान चालीसा पर आधारित होगी। हनुमान जी परम गुरु। गुरु का काम परमात्मा से मिलाने का है। हनुमान जी जीव आत्मा को परमात्मा से मिलाने का कार्य करते हैं।

कथा में दिए जीवन के सूत्र

पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा के पहले दिन जीवन के महत्वपूर्ण सूत्र दिए। पहला सूत्र खूबियां और खामियां बताई। उन्होंने कहा कि आज लोग इसलिए ज्यादा दु:खी हैं, क्योंकि वो खूबियां खुद में और खामियां दूसरों में देखते हैं। जिस दिन हम खामियां खुद में और खूबियां दूसरों में देखने लगेगे। उस दिन जीवन में सुख आनंद ले पाएंगे। रावण को समझाते हुए हनुमान जी महराज बोले -जो जितना महान होता है, उतना ही अकेला पड़ता जाता है। बाहर की बजाय अंदर को ठीक करो। गुरू का ज्ञान ही अंदर को ठीक कर सकता है।

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