Breaking: फर्जी CBI और दिल्ली पुलिस बनकर दुर्ग की महिला से 41 लाख की ठगी, दो आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

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CG Prime News@दुर्ग. दिल्ली पुलिस और सीबीआई (CBI) के फर्जी अधिकारी बनकर दुर्ग की महिला से 41 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपियों को दुर्ग पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया है। वहीं 45 लाख रुपए का इन्डेवर फोर्ड वाहन भी जब्त किया गया है। सीएसपी चिराग जैन ने शुक्रवार को बताया कि दोनों आरोपियों को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है। ये आरोपी ठगी से मिलने वाले पैसों को क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से दुबई भेजते थे। वहीं चंद घंटों में रुपयों को स्थानीय अंझडिय़ा के माध्यम से हवाला में लगा देते थे। आरोपियों के कब्जे से नोट गिनने वाली मशीन को भी जब्त किया गया है।

पहले किया वीडियो कॉल

दुर्ग कोतवाली थाना प्रभारी विजय कुमार यादव ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी फरिहा अमीन कुरैशी ने 5 फरवरी को थाने आकर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला ने बताया कि उसे 21 जनवरी को मोबाइल पर सुबह 10:35 मिनट पर दिल्ली पुलिस डिपार्टमेंट एक विडियो कॉल आया। जिसके अनुसार उन्होंने सीबीआई , पुलिस दिल्ली द्वारा संदीप कुमार के विरूद्ध मनीलॉन्ड्रिग केस, ड्रग ट्रेफेकिंग आईडेन्टिटी थेफ्ट केश में जांच की जानकारी। फर्जी पुलिस अफसरों ने संदीप कुमार के कब्जे से 180 बैंक खाते मिलने की बात कही। जिसमें एक खाता फरिहा के नाम एचडीएफसी बैंक दिल्ली का होना बताया।

IPS बनकर डराया

आरोपियों ने पीडि़त से कहा कि खाता में 8-7 करोड़ रूपये जमा है। संदीप कुमार ने पूछताछ के दौरान यह बताया है कि सभी खाता धारकों ने संदीप कुमार से 10 प्रतिशत लेकर व्यक्तिगत उपस्थित होकर अपने नाम से उक्त खाते खुलवाए है। इस संबंध में प्रार्थिया द्वारा मना किये जाने पर उक्त पुलिस अधिकारी ने प्रार्थिया का विवरण पूछा और बताया कि सारे विवरण उनके पास पहले से मौजूद है। उस पुलिस अधिकारी ने प्रार्थिया को तत्काल दिल्ली आकर बयान देने के लिए कहा। अन्यथा तत्काल गिरफ्तारी का डर दिखाया। प्रार्थिया दिल्ली जाने में असमर्थता बताई।

पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया

पुलिस अधिकारी से बात कर ऑनलाइन बयान देने और इंवेस्टिगेशन कराए जाने का निवेदन किया। जिस पर पुलिस अधिकारी ने ऑनलाईन आईपीएस सुनील कुमार गौतम दिल्ली पुलिस से प्रार्थिया का परिचय कराया। जिनके द्वारा इसी दिनांक को प्रार्थिया को पूछताछ कर बयान लिया गया और प्रार्थिया के नाम से जमा और अर्जित चल अचल संपत्ति का विवरण मांगा गया।

फर्जी आईपीएस ने प्रार्थिया से यह भी कहा की आरोपी संदीप कुमार बहुत ही बड़ा अपराधी है। यह प्रकरण बहुत बड़ा कॉन्फिडेनशियल केस है। इसलिए इसकी गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है। प्रार्थिया ने अपने भारतीय स्टेट बैंक गंजपारा दुर्ग से अलग-अलग किश्तों में आरटीजीस के माध्यम से आरबीआई इंडिया 41 लाख रुपए जमा कराया।

4-02-2025 के दोपहर तक उक्त दिल्ली पुलिस अधिकारी से संपर्क नहीं होने पर प्रर्थिया को धोखाधड़ी का एहसास हुआ। धोखाधड़ी होने पर अपराध क्रमांक 66/2025, धारा 318(4), 3(5) बीएनस कायम कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए टीम गठित कर इस पूरे मामले को सुलझाया गया।

पुलिस की जांच में 9,50,000 रुपए दिनांक 29-01-2025 को राजकोट नागरिक सहकारी बैंक ब्रांच मोरबी गुजरात जो आस्था लांजिस्थ संस्था के नाम से संचालित है। इनके खाता में रकम जाना पाया गया। इस खाता का संचालक आरोपी प्रोपाईटर मनीष दोसी राजकोट गुजरात का निवासी है। आरोपी का विडियो फुटेज भी पैसा निकालते समय संबंधित बैंक का सायबर सेल भिलाई को प्राप्त हुआ। आरोपी मनीष दोसी, पिता नरोत्तम भाई उम्र 46 साल निवासी मेरबी सिटी को गिरफ्तार किया गया।

क्रिप्टो के जरिए दुबई भेजा पैसा

आरोपी मनीष दोसी से पूछताछ करने पर अन्य आरोपी असरफ खान निवासी सुरेन्द्रनगर गुजरात के द्वारा कहने पर उक्त रकम को अपने खाता में डलवाना बताया गया। आरोपी असरफ खान के मोबाईल को चेक करने पर क्रिप्टो करेंसी से संबधित ऐप दिखने पर कड़ाई से पूछताछ किया गया। सायबर ठगी से प्राप्त पैसों को क्रिप्टो करेंसी में लगाकर दुबई भेजना और स्थायीय अझ्डिय़ा के माध्यम से पैसों को हवाला में उपयोग करना बताया। इस कार्रवाई में निरीक्षक विजय कुमार यादव, सउनि पूरनदास, आरक्षक सुरेश जायसवाल,,सीसीयू टीम राज कुमार चंद्रा, चित्रसेन साहू की सराहनीय भूमिका रही।