CG Prime News@दिल्ली. Winter session of Parliament 2025 begins संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही हंगामें की भेंट चढ़ गया। सोमवार को सत्र प्रारंभ होते ही दोनों सदनों में एसआईआर (SIR Survey) और वोट चोरी के आरोप के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए इन दोनों विषयों पर चर्चा की मांग की है।
धनखड़ के इस्तीफे पर खिडग़े ने उठाया सवाल
पीएम मोदी ने राज्यसभा में नए सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया और उनके अभिवादन में स्पीच दी। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने सभापति का अभिवादन किया। खडग़े ने इसके दौरान पूर्व सभापति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा- मुझे इस बात का दु:ख है कि सदन को पूर्व सभापति को फेयरवेल देने का मौका नहीं मिला। खडग़े की टिप्पणी पर भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने पलटवार किया। नड्डा ने कहा- आपको बिहार, हरियाणा, महाराष्ट्र की हार ने काफी तकलीफ पहुंचाई है। आपको अपनी तकलीफ डॉक्टर को बताना चाहिए।

संसद का शीतकालीन सत्र, शुरू होते ही चढ़ा हंगामे की भेंट, SIR और वोट चोरी पर विपक्ष ने घेरा
पीएम मोदी बोले- मैं विपक्ष को टिप्स देने तैयार
इधर सदन की कार्यवाही से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के बाहर मीडिया से 10 मिनट बात की। उन्होंने कहा, विपक्ष हाल के चुनावों में पराजय की निराशा से बाहर निकले और सदन में मजबूत मुद्दे उठाए। अगर विपक्ष चाहे तो मैं उन्हें टिप्स देने के लिए तैयार हैं कि कैसे परफॉर्म किया जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा- यह सत्र पराजय की हताशा या विजय के अहंकार का मैदान नहीं बनना चाहिए। नई पीढ़ी के सदस्यों को अनुभव का लाभ मिलना चाहिए। यहां ड्रामा नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। यहां जोर नीति पर होना चाहिए, नारों पर नहीं।
सरकार SIR और चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा को बताया कि सरकार SIR और चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार है, और विपक्ष की बहस की मांग पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने विपक्ष से अपील कि वे इस पर कोई समयसीमा न थोपें। उन्होंने कहा, कल सर्वदलीय बैठक में या आज विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए किसी भी मुद्दे को कोई नजरअंदाज नहीं कर रहा है। यह सरकार के विचाराधीन है। यदि आप यह शर्त रखते हैं कि इसे आज ही उठाना होगा, तो यह कठिन हो जाता है, क्योंकि आपको थोड़ी गुंजाइश देनी चाहिए। SIR या चुनावी सुधार से जुड़ा मामला हो। आपने जो मांग रखी है उसे खारिज नहीं किया गया है। यह मत मानिए कि सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है।