CG Prime News@भिलाई. दुर्ग जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने अपना नाम और पहचान छिपाकर भिलाई में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी दंपती (Bangladeshi intruders) को गिरफ्तार किया है। दुर्ग एसटीएफ (STF) की टीम ने दोनों पति-पत्नी पर संदेह होने पर लंबी पूछताछ की जिसके बाद दोनों की असली पहचान उजागर हुई। SSP विजय अग्रवाल ने शनिवार को प्रेस वार्ता में दोनों बांग्लादेशी नागरिक के गिरफ्तार होने की जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि भिलाई में बांग्लादेशी महिला घरेलू काम करती थी और पति इंडस्ट्रीज में काम करता था।
वीजा एक्सपायर हो गया था
STF प्रभारी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली कि सुपेला के कांट्रैक्टर कॉलोनी में एक महिला और पुरुष अवैध तरीके से पहचान छिपाकर रह रहे हैं। दोनों बांग्लादेश के निवासी हैं और उनका वीजा एक्सपायर हो गया है। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर लंबी पूछताछ की। महिला ने अपना नाम ज्योति और पति का नाम रासेल शेख बताया। जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तब उसने अपना असली नाम शाहिदा खातून बताया।
भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा से किया घुसपैठ
एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि शाहिदा खातून इससे पहले साल 2009 में भारत आ चुकी थी। उसने भारत बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय बोंगा बॉर्डर को अवैध तरीके से पारकर नॉर्थ 24 परगना पश्चिम बंगाल में प्रवेश किया था। इसके बाद वो हावड़ा होते हुए मुंबई पहुंची और वहां मेहनत मजदूरी करने लगी। यहां उसकी पहचान बांग्लादेश निवासी मो. रासेल से हुई।
दोनों मुंबई से वापस पश्चिम बंगाल आ गए। यहां शाहिदा ने अपना नाम बदलकर ज्योति रख लिया। इसके बाद वहां उन दोनों ने शादी कर लिया। फिर दोनों कुछ दिन तक वहां रहने के बाद बांग्लादेश चले गए। वहां से फिर साल 2017 में भारतीय वीजा पासपोर्ट के आधार पर भारत आए और फिर वापस ही नहीं गए। जानकारी के मुताबिक रासेल दिल्ली में लूट के मामले में आरोपी रह चुका है। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।
शाहिदा बन गई ज्योति
पुलिस ने जब बांग्लादेशी दंपती को हिरासत में लिया तब उनके दस्तावेजों की जांच कर उनसे पूछताछ की गई तो महिला ने अपना नाम ज्योति बताया और उसके पति ने अपना नाम रासेल शेख बताया। जब पुलिस ने बारीकी से जांच की तो पता चला कि महिला का असली नाम शाहिदा खातून (35 साल) है। वो यहां अपना नाम (ज्योति) बदलकर भिलाई में किराए के मकान में रह रही है।
पुलिस ने जांच में पाया कि ज्योति ने रासेल शेख से 2017 में शादी की। इसके बाद दोनों ने पासपोर्ट और वीजा के आधार पर भारत में प्रवेश किया। इस दौरान ज्योति का वीजा 13-09-2018 को और रासेल का वीजा 12 अप्रैल 2020 को समाप्त हो गया था। इसके बाद भी दोनों यहां अवैध तरीके से रह रहे थे।
आधार, वोटर आईडी कार्ड सब बनवा लिया था
पुलिस ने जांच में पाया कि भिलाई में रहते हुए ज्योति ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र और पासपोर्ट बना लिया था। इसके बाद वे यहां रहकर इंटरनेट कॉल और वॉट्सएप के जरिए बांग्लादेश में अपने परिजनों से संपर्क में थे।
दो पहले बांग्लादेशी युवती गिरफ्तार
एसटीएफ ने इससे पहले बुधवार को अवैध तरीके से रह रही बांग्लादेशी युवती को गिरफ्तार किया है। पिछले 2 साल से वह पहचान छिपाकर किराए के घर पर रह रही थी। पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराने पर मकान मालिक को भी पकड़ा गया है। जांच में महिला का आधार कार्ड और नाम फर्जी पाया गया।

