दुर्ग| छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL), दुर्ग क्षेत्र ने किसानों से अपील की है कि वे अपने कृषि मोटर पंप के साथ उपयुक्त क्षमता का केपेसिटर स्थापित करें। यह उपाय विद्युत प्रणाली की स्थिरता बनाए रखने, लो वोल्टेज की समस्या को कम करने और ट्रांसफार्मर फेल होने की घटनाओं को रोकने में सहायक होगा। (Appeal to farmer brothers to install capacitor with agricultural motor pump)
वर्तमान में दुर्ग, बालोद और बेमेतरा जिलों में स्थायी एवं अस्थायी रूप से कुल 1,41,660 कृषि पंप स्थापित हैं। इन मोटरों के चलने से विद्युत प्रणाली पर अतिरिक्त भार पड़ता है, जिससे वोल्टेज ड्रॉप, लाइन लॉस और ट्रांसफार्मर की ओवरलोडिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसका मुख्य कारण इंडक्शन मोटरों द्वारा खपत की जाने वाली रिएक्टिव पावर है, जो विद्युत प्रणाली में अनावश्यक लोड बढ़ाती है।
कैपेसिटर लगाने से क्या होंगे फायदे?
विद्युत लाइन पर रिएक्टिव पावर का भार कम होगा।
लो वोल्टेज की समस्या से निजात मिलेगी।
मोटर की कार्यक्षमता बढ़ेगी और उसकी उम्र लंबी होगी।
ट्रांसफार्मर और विद्युत लाइनों की ओवरलोडिंग कम होगी।
किसानों को सुचारू रूप से बिजली आपूर्ति मिल सकेगी।
कैसे करें सही केपेसिटर का चयन?
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के निर्देशानुसार, मोटर पंपों की क्षमता के अनुसार निम्नलिखित केपेसिटर लगाए जाने चाहिए:
3 अश्वशक्ति तक – 1 केवीएआर
3 से 5 अश्वशक्ति तक – 2 केवीएआर
5 से 7.5 अश्वशक्ति तक – 3 केवीएआर
7.5 से 10 अश्वशक्ति तक – 4 केवीएआर
10 से 15 अश्वशक्ति तक – 5 केवीएआर
CSPDCL का अनुरोध:
कंपनी द्वारा नए उपकेंद्रों का निर्माण, ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि एवं अतिरिक्त लाइनों का विस्तार किया जा रहा है, लेकिन इन कार्यों में समय और बजट की आवश्यकता होती है। वहीं, केपेसिटर लगाने से किसानों को तत्काल लाभ मिल सकता है। बाजार में विभिन्न ब्रांड के निम्नदाब केपेसिटर उचित दरों पर उपलब्ध हैं।
किसानों के लिए अपील
CSPDCL सभी किसानों से अनुरोध करता है कि वे अपने मोटर पंपों के स्टार्टर के पास उपयुक्त क्षमता का केपेसिटर स्थापित करें। यह एक प्रमाणित तकनीकी उपाय है, जो न केवल उनकी स्वयं की मोटरों की सुरक्षा करेगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाएगा।
“बूंद-बूंद से घड़ा भरता है, बूंद-बूंद से सागर बनता है, करेंगे हम सब मिलकर प्रयास, तो निकलेगा वोल्टेज समस्या का इलाज।”
