जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से अंधविश्वास की एक चौंकाने वाली वारदात सामने आई है। थाना दुलदुला क्षेत्र के ग्राम भिंजपुर में टोनही बताकर एक महिला के साथ मारपीट करने के मामले में पुलिस ने एक पुलिस अधिकारी समेत आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि मृत महिला को जिंदा करने का दावा करने वाला बैगा फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।(Woman beaten up after being accused of being a witch, 8 accused including a police officer arrested)
मामला तब शुरू हुआ जब ग्राम भिंजपुर निवासी 53 वर्षीय फौसी बाई ने पुलिस से शिकायत की कि गांव के कुछ लोग उसे ‘टोनही’ कहकर गालियां दे रहे थे और जान से मारने की धमकी दे रहे थे। आरोपियों ने उसके घर का दरवाजा तोड़कर जबरन अंदर प्रवेश किया और उसे घसीटते हुए शमशान की ओर ले जाने लगे। उसी दौरान उसके बेटे-बेटी ने पहुंचकर किसी तरह जान बचाई।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी फूलचंद भगत, जो रायपुर में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ है, अपनी पत्नी सुनीता भगत की मृत्यु के बाद एक बैगा के संपर्क में आया था। बैगा ने दावा किया कि सुनीता भगत को जादू-टोने से मारा गया है और उसे वापस जिंदा किया जा सकता है। इस अंधविश्वास के चक्कर में फूलचंद भगत समेत अन्य आरोपी बैगा को लेकर गांव पहुंचे और शमशान में तंत्र-मंत्र किया। इसके बाद उन्होंने फौसी बाई पर जादू-टोना करने का आरोप लगाकर मारपीट की।
दुलदुला थाना प्रभारी निरीक्षक कृष्ण कुमार साहू के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए आठों आरोपियों — गायत्री भगत, फूलचंद भगत, विष्णु भगत, अनीता भगत, रमेश भगत, ललिता भगत, अंजना मिंज और तेलेस्फोर मिंज — को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने कहा कि “किसी को टोनही कहना या जादू-टोने के आरोप लगाना न केवल अंधविश्वास है, बल्कि दंडनीय अपराध भी है।” पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसे कुप्रथाओं से दूर रहें और जागरूकता फैलाएं।