नवमी पर 1008 नव कन्याओं का पूजन और भव्य भोज

बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ – शिक्षा से शक्ति, शक्ति से समाज का दिया प्रेरक संदेश

भिलाई। नवरात्रि की नवमी पर जामुल ने भक्ति, सेवा और शिक्षा का एक अनूठा संगम देखा। जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती बंजारे ने अपने निवास पर 1008 नव कन्याओं का पूजन और भव्य भोज का आयोजन कर समाज के समक्ष महिला सम्मान और शिक्षा का प्रेरणादायी संदेश प्रस्तुत किया।

( Worship of 1008 young girls and a grand feast on Navratri Navami)

सुबह से ही माहौल में भक्ति और श्रद्धा का संचार था। नन्हीं कन्याओं को माता का स्वरूप मानकर उनके चरण पूजे गए, उन्हें आसन पर विराजित कर ससम्मान भोजन कराया गया। सरस्वती बंजारे ने भावुक होकर कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे स्मरणीय क्षण है। माता स्वरूप 1008 कन्याओं की सेवा कर मेरा हृदय अपार श्रद्धा और संतोष से भर गया है। यह आयोजन केवल अनुष्ठान नहीं, बल्कि शिक्षा और सेवा का संकल्प है।

शिक्षा सामग्री का वितरण और श्रृंगार

पूजन उपरांत बालिकाओं को स्कूल बैग, वाटर बॉटल और स्टेशनरी सामग्री भेंट की गई। साथ ही माता रानी के श्रृंगार में बच्चों व महिलाओं ने भाग लिया, जिससे आयोजन और भी जीवंत हो उठा। पूरे क्षेत्र में भक्ति और उल्लास की लहर दौड़ गई।

शक्ति संकल्प यात्रा का प्रथम पड़ाव

यह आयोजन “शक्ति संकल्प पदयात्रा” का पहला संकल्प था। श्रीमती बंजारे ने स्पष्ट किया कि शिक्षा ही वास्तविक शक्ति है और उसी से समाज में परिवर्तन संभव है। इस संकल्प ने ग्रामीण परिवेश में शिक्षा और महिला सशक्तिकरण की अलख जगाई।

गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अहिवारा विधायक डोमनलाल कोसेवाड़ा, पूर्व विधायक साजा लाभचंद बाफना, जिला पंचायत उपाध्यक्ष पवन शर्मा, भिलाई जिला भाजपा अध्यक्ष पुरुषोत्तम देवांगन, धमधा जनपद अध्यक्ष लीमन साहू, जिला पंचायत सभापति जितेंद्र यादव, विधायक प्रतिनिधि सतीश साहू, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष नटवर ताम्रकार, जामुल मंडल अध्यक्ष प्रशांत गुप्ता, भिलाई-3 मंडल अध्यक्ष वरुण यादव, मुरमुन्दा मंडल अध्यक्ष कुमन साहू और अहिवारा मंडल अध्यक्ष रामजी निर्मलकर शामिल रहे।

इसके साथ ही क्षेत्र के सभी सरपंच, मंडल पदाधिकारी, भाजपा कार्यकर्ता, समाजसेवी और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आस्था, सेवा और समाज जागरण का अद्वितीय संगम है।

समाज में गूंजा सशक्त संदेश

आयोजन ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि बेटियां केवल परिवार का गौरव ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की असली शक्ति हैं। “बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ” के नारे को धरातल पर उतारते हुए सरस्वती बंजारे ने साबित किया कि शिक्षा और संस्कार के दीप से ही समाज की दिशा और दशा बदली जा सकती है।

भक्ति, सेवा और शिक्षा का यह अद्भुत संगम

नवरात्रि नवमी पर हुआ यह ऐतिहासिक आयोजन जामुल और आसपास के क्षेत्र के लिए अविस्मरणीय बन गया। भक्ति, सेवा और शिक्षा का यह अद्भुत संगम आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा कि समाज की प्रगति का वास्तविक मार्ग बेटियों को सम्मान और अवसर देने में निहित है।