कोरबा में फूटा राखड़ बांध, जान बचाकर भागे ग्रामीण, पूरा गांव खाली करने की चेतावनी, प्रशासन अलर्ट

कटघोरा। dam break in cg छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित राखड़ बांध शुक्रवार की सुबह भारी बारिश के चलते टूट गया। आचानक बांध टूटने से गांव में हड़कंप मच गया। बांध टूटने से राखड़ का सैलाब गांव में घुस गया। आनन फानन में ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि सीएसईबी प्रबंधन की लापरवाही के चलते बांध धराशाही हुआ है। घटना को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के साथ प्रशासनिक अमला गांव पहुंचकर गांव खाली कराने में जुटा है।

आखिर कैसे हुई घटना

हालांकि अभी तक घटना से किसी जनहानि की सूचना नहीं मिली है। मिली जानकारी के अनुसार कटघोरा के ग्राम डिंडोलभाटा के पास स्थिति छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल यानी सीएसईबी के राखड़ बांध का एक हिस्सा शुक्रवार की सुबह करीब 4 बजे तेज बारिश के कारण ढह गया। इससे बांध के अंदर जमा राखड़ पानी के साथ गांव में घुस गया।  राखड़ का मलबा काफी तेजी से गांव की गलियों, घरों और खेतों में फैल गया। घटना के समय अधिकांश ग्रामीण अपने घरों में सो रहे थे। कुछ ग्रामीण जाग चुके थे, उन्होंने देखा कि राखड़ का तेज बहाव गांव की ओर बढ़ रहा है।

राहत और बचाव अभियान शुरू

उन्होंने शोर मचाकर इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों की दी। इससे गांव में हड़कंप मच गया है। ग्रामीण अंधेरे में ही अपने परिवार और बच्चों को लेकर सुरक्षित स्थानों की भागे। कुछ बुजुर्ग चल नहीं पा रहे थे, उन्हें स्थानीय युवकों ने निकालने में मदद की। जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशानिक अमला मौके पर पहुंचा और राहत और बचाव अभियान शुरू किया। प्रशासन ने गांव को खाली कराते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

साथ ही ग्रामीणों को ठहराने के लिए राहत शिविर की भी व्यवस्था की जा रही है। लोगों के लिए भोजन, पानी, और अस्थायी आश्रय की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

सीएसईबी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि घटना सीएसईबी प्रबंधन की लापरवाही की वजह से हुई है। सीएसईबी प्रबंधन ने बांध की मरम्मत और रखरखाव में लापरवाही बरते हुए ध्यान नहीं दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि बांध में पहले से ही रिसाव की शिकायत थी। प्रबंधन को इसकी जानकारी थी, उसके बाद भी इसे नजर अंदाज किया गया है। dam break in cg प्रबंधन ने बारिश से पहले बांध की मरम्मत और मजबूती की जांच नहीं की। इसी का परिणाम आज ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग

घटना के बाद से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने सीएसईबी प्रबंधक के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस घटना से हम लोग भरी बरसात में बेघर हो गए हैं। घर ही नहीं फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने मांग की है कि सीएसईबी प्रबंधक उन्हें नुकसान की भरपाई तत्काल करें। उन्हें शीघ्र ही मुआवजा दिया जाए। साथ ही ग्रामीणों ने बांध को पूरी तरह से गांव से हटाने की मांग की है। ग्रामीणों की मांग पर प्रशासन ने मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया है।

दूसरी ओर मौसम विभाग ने क्षेत्र में अगले 24 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है। जिसके चलते प्रशासन ने गांव वालों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है। कहा जा रहा है कि अगर फिर से तेज बारिश होती है तो यहां बड़ी तबाही मच सकती है।