CG Prime News@दिल्ली. Supreme Court orders removal of street dogs from schools, colleges, hospitals and bus stands आवारा कुत्तों और मवेशियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर सख्त रूख अख्तियार किया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल-कॉलेज और अस्पतालों में बाड़ लगाई जाए, ताकि कुत्ते वहां न पहुंच सकें। वहीं आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से दूर रखने के आदेश दिए हैं।
सभी राज्यों के मुख्य सचिव को आदेश का पालन करने कहा
कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था। उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा। सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन आदेशों का सख्ती से पालन कराने को कहा है। कोर्ट ने सभी नेशनल और स्टेट हाईवे से आवारा पशु हटाने का आदेश भी दिया। इस मामले में 3 हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा मांगी गई है। अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।
ऐसे शुरू हुआ यह मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं नोटिस में लिया था। इसमें दिल्ली में खासकर बच्चों के बीच,आवारा कुत्तों के काटने और उससे होने वाले रेबीज के मामलों की जानकारी दी गई थी। बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर तक सीमित न रखते हुए इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कर दिया था।
कोर्ट के आदेश की 5 बड़ी बातें
- सभी नेशनल हाईवे पर आवारा पशुओं की मौजूदगी की सूचना देने के लिए हेल्पलाइन नंबर लगाने होंगे।
- सभी राज्यों के मुख्य सचिव निर्देशों का सख्ती से पालन कराएंगे। स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा 3 हफ्ते में दायर किया जाए।
- राज्य सरकारें और UT 2 हफ्ते में ऐसे सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज, अस्पतालों की पहचान करेंगी, जहां आवारा जानवर और कुत्ते घूमते हैं। उनकी एंट्री रोकने के लिए बाड़ लगाई जाएगी।
- कैंपस और बाड़ के रखरखाव के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त होगा। नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत 3 महीने में कम से कम एक बार इन कैंपस की जांच करें।
- पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था।