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Former minister kawasi lakhma

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (CG liquor scam) के आरोपियों से मिलने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे। वहां उन्होंने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और विजय भाटिया से मुलाकात की। उनका हालचाल जाना। जेल से बाहर आते ही पूर्व सीएम बघेल ने आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर कवासी लखमा और विजय भाटिया के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार किया जा रहा है।

इलाज की सुविधा नहीं मिलने का लगाया आरोप

पूर्व सीएम ने कहा कि जेल के भीतर कवासी लखमा और विजय भाटिया की तबीयत ठीक नहीं है। कवासी लखमा हार्ट पेशेंट हैं पर उन्हें इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है। जवानों की कमी बताकर उनका इलाज नहीं कराया जा रहा है। विजय भाटिया भी बीमार हैं उन्हें भी अस्पताल नहीं ले जाया जा रहा है। वे इसको लेकर कोर्ट भी जाएंगे।

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने ली चुटकी

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने चुटकी लेते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को बहुत दिनों बाद अपने शुभचिंतकों की याद आई। पूर्व मंत्री और विधायक के साथ जेल में अमानवीय व्यवहार हो ही नहीं सकता। जेल में भी अस्पताल है। वहां उसका इलाज चल रहा है अगर कोई अलग से इलाज चाहिए तो बता दे सरकार वह भी कर देगी। उन्होंने कहा कि कई दिनों से भूपेश बघेल अपने शुभचिंतकों से मिलने के लिए समय नहीं निकल पा रहे थे। एक शुभचिंतक विजय भाटिया आए हैं तो वह मिलने पहुंचे हैं ।

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई शराब

ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।

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CG Prime News@रायपुर. Chhattisgarh liquor scam case छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) की मुश्किलें बढ़ते ही जा रही है। ED के बाद EOW ने कोंटा विधायक कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। EOW ने लखमा से पूछताछ के लिए स्पेशल कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट की मांग की थी, जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा को 7 अप्रैल तक रिमांड पर भेज दिया है।

जमानत पर सुनवाई से पहले गिरफ्तार

पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि, गुरुवार को हाईकोर्ट में लखमा की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी। इससे पहले ही सुनियोजित तरीके से EOW ने पूछताछ के लिए एप्लिकेशन लगाया और कोर्ट ने रिमांड पर भेज दिया। लखमा 16 जनवरी 2025 से जेल में बंद हैं।

कवासी बोले मैं गरीब आदमी

कवासी लखमा ने स्पेशल कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा कि, मैं गरीब आदमी हूं। बस्तर की आवाज विधानसभा में उठाता हूं। जनता की आवाज और बस्तर की आवाज उठाने पर सरकार मुझे परेशान कर रही है। मैं निर्दोष हूं। गरीब आदमी हूं।

दो हजार करोड़ से ज्यादा का शराब घोटाला केस

छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ के शराब घोटाले में पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बाद ईडी ने 10 मार्च को पूर्व सीएम भूपेश बघेल, उनके करीबी नेताओं और कारोबारियों के 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी। ईडी का आरोप है कि, पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट के अहम हिस्सा थे। लखमा के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वहीं, शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे छत्तीसगढ़ में एफएल-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई। ईडी का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बडिय़ों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया।

घोटाले की रकम 2161 करोड़

निदेशालय की ओर से लखमा के खिलाफ एक्शन को लेकर कहा गया कि, ईडी की जांच में पहले पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य लोगों का शराब सिंडिकेट छत्तीसगढ़ राज्य में काम कर रहा था। इस घोटाले की रकम 2161 करोड़ रुपए है। जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी से हर महीने कमीशन मिला है। 2019 से 2022 के बीच चले शराब घोटाले में ईडी के मुताबिक ऐसे होती थी अवैध कमाई।

कमीशन के पैसे से बेटे का घर बना

ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि, 3 साल शराब घोटाला चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपये मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे। ईडी ने कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।

 

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में गिरफ्तार कांग्रेस विधायक व पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। ईओडब्ल्यू (EOW) की कोर्ट ने लखमा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। पूर्व मंत्री लखमा के वकील ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई थी।

इसलिए खारिज की जमानत याचिका
ईओडब्ल्यू (EOW) ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बताया कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को हर महीने 50 लाख रुपए शराब कार्टल से कमीशन दिया जाता था। साथ ही उनके पद में रहते हुए उन्होंने विभाग में हो रही गड़बडिय़ों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। इसलिए उनकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। जिसके बाद दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद जमानत आवेदन खारिज कर दिया है।

वकील बोले नहीं ली सरकार की अनुमति
कोर्ट ने बुधवार को पूर्व मंत्री मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुनाया है। EOW कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान 14 दिन के लिए न्यायिक रिमांड बढ़ा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी। लखमा को 21 जनवरी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था। लखमा के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, ईओडब्ल्यू ने एफआईआर (FIR) के आधार पर गिरफ्तारी की है। गिरफ्तारी से पहले सरकार की मंजूरी लेनी थी। बिना सरकारी अनुमति के पुलिस कार्रवाई कर रही है।

कमीशन के पैसे से बनाया बेटे का घर
ईडी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला 3 साल तक चला है। पूर्व मंत्री लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपए मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे। ईडी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।

 

 

CG शराब घोटाला केस: गिरफ्तार पूर्व मंत्री कवासी लखमा 4 फरवरी तक रहेंगे जेल में, ED का दावा घोटाले के पैसे से बना कांग्रेस भवन

CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस (CG Liquor scam) में गिरफ्तार पूर्व आबकारी मंत्री व कोंटा विधायक कवासी लखमा को कोर्ट ने 4 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया है। ED ने सात दिन की न्यायिक रिमांड खत्म होने के बाद मंगलवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया था। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। इससे पहले 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया गया था।

ED के पास घोटाले के पुख्ता सबूत
छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले को लेकर ईडी का आरोप है कि पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक कवासी लखमा सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे। ईडी का दावा है कि लखमा को आबकारी विभाग में हो रही गड़बडिय़ों की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। पूर्व मंत्री के निर्देश पर ही सिंडिकेट काम करता था। इनसे शराब सिंडिकेट को मदद मिलती थी। वही शराब नीति बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिससे छत्तीसगढ़ में एफएल-10 लाइसेंस की शुरुआत हुई।

लखमा बोले कब तक जेल में रखोगे
कोर्ट से जेल जाते समय वहां मौजूद मीडिया से कवासी लखमा ने कहा कि, कब तक जेल में रखेंगें। 2 साल, 10 साल रहेंगे लेकिन जनता की लड़ाई लड़ेंगे। ईडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।

तीन साल चला शराब घोटाला
ईडी के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि, 3 साल शराब घोटाला चला। लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपए मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे।

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को एक बार फिर ईडी ने विधायक कवासी लखमा और उनके बेटे जिपं अध्यक्ष हरीश कवासी को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया है। मिली जानकारी के अनुसार दोनों से ईडी के अधिकारी लगभग आठ घंटे से पूछताछ कर रहे हैं। वहीं गुरुवार सुबह कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी ED ऑफिस के अंदर जाने से पहले मीडिया से कहा कि ईडी अपना काम कर रही है।

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ED को अहम सबूत मिले
सूत्रों के मुताबिक, कवासी लखमा ने कांग्रेस सरकार के समय चलाए गए शराब के सिस्टम को लेकर ईडी को जानकारी दी है। लखमा पर अफसरों ने एक्शन का दबाव भी बातचीत में बनाया। लखमा इस पूछताछ में कई बार खुद के अनपढ़ होने, दस्तावेज में क्या लिखा था, समझ नहीं आने की बात कर ईडी के अफसरों को कन्फ्यूज भी करते रहे।

3 जनवरी को भी हुई थी पूछताछ
इससे पहले 3 जनवरी को कोंटा विधायक कवासी लखमा से रायपुर में ईडी ने 6 घंटे पूछताछ की थी। ईडी दफ्तर में कवासी लखमा के बेटे जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और उनके तत्कालीन ओएसडी रहे जयंत देवांगन से भी पूछताछ की थी।

गिरफ्तार हो सकते हैं पूर्व मंत्री
छत्तीसगढ़ में हुए 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले की जांच कर रही ईडी ने सबूतों का दावा करते हुए शराब कारोबारी और रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी समेत 5 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे ही लखमा के खिलाफ ब ड़ी कार्रवाई कर सकती है। 2 जनवरी को ईडी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से लखमा के खिलाफ सबूत मिलने की बात कही है।

मैं गरीब आदमी हूं
3 जनवरी को पूछताछ से पहले कवासी लखमा ने मीडिया से कहा कि, मैं निर्दोष हूं, गरीब आदमी हूं। जो भी मुझे परेशान करेगा ऊपर वाला उसे नहीं छोड़ेगा। कहीं पर भी कैश और फूटी कौड़ी नहीं मिली। बता दें कि शराब घोटाला मामले में ईडी को कवासी के खिलाफ सबूत मिले हैं। ईडी का दावा है कि कवासी अवैध शराब बिक्री पर कमीशन लिया करते थे।

भाजपा मुझे दबा रही
लखमा ने कहा कि, घर और गाड़ी से जितने कागजात मिले हैं वो विधानसभा से संबंधित थे। ये लोग सब कुछ कर सकते हैं पर सच को छिपा नहीं सकते। विधानसभा में मैंने बस्तर की आवाज उठाई, इसलिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मैं लगातार चुनाव जीतता आ रहा हूं। बीजेपी ना जिला पंचायत जीत पाई ना नगर पंचायत। इसी वजह से मुझे दबाया जा रहा है।

मुझे न्यायपालिका पर विश्वास
शराब घोटाले में श्वष्ठ के छापे के बाद कवासी लखमा ने कहा मैं हूं निर्दोष हूं। पूर्व मंत्री ने अपनी संपत्ति पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं राजनीतिक परिवार से नहीं हूं। जगदलपुर में 2009 में 2 एकड़ जमीन ली थी। उसके अलावा मेरे पास कोई संपत्ति नहीं है। मैं कभी वार्ड मेंबर और सरपंच तक नहीं था। टोरा, महुआ, इमली का धंधा करता था। फिर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया। मुझे सुकमा से टिकट मिला और जीता। 15 साल में भाजपा वहां जीत नहीं पाई है। लेकिन मुझे न्यायपालिका पर विश्वास है।

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला मामले (CG liquor scam case) में ED पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (former minister Lakhma) पर शिकंजा कसते नजर आ रही है। शुक्रवार को कोंटा विधायक कवासी लखमा से रायपुर में ईडी पिछले 6 घंटे से पूछताछ कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार ED दफ्तर में कवासी लखमा के बेटे जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और उनके तत्कालीन OSD रहे जयंत देवांगन भी मौजूद हैं।

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गिरफ्तार हो सकते हैं पूर्व मंत्री
छत्तीसगढ़ में हुए 2000 करोड़ के शराब घोटाला मामले की जांच कर रही ईडी ने सबूतों का दावा करते हुए शराब कारोबारी और रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी समेत 5 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे ही लखमा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है। गुरुवार को ईडी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से लखमा के खिलाफ सबूत मिलने की बात कही है।

मैं गरीब आदमी हूं
शुक्रवार को पूछताछ से पहले कवासी लखमा ने मीडिया से कहा कि, मैं निर्दोष हूं, गरीब आदमी हूं। जो भी मुझे परेशान करेगा ऊपर वाला उसे नहीं छोड़ेगा। कहीं पर भी कैश और फूटी कौड़ी नहीं मिली। बता दें कि शराब घोटाला मामले में ईडी को कवासी के खिलाफ सबूत मिले हैं। ईडी का दावा है कि कवासी अवैध शराब बिक्री पर कमीशन लिया करते थे।

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BJP मुझे दबा रही
लखमा ने कहा कि, घर और गाड़ी से जितने कागजात मिले हैं वो विधानसभा से संबंधित थे। ये लोग सब कुछ कर सकते हैं पर सच को छिपा नहीं सकते। विधानसभा में मैंने बस्तर की आवाज उठाई, इसलिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। मैं लगातार चुनाव जीतता आ रहा हूं। बीजेपी ना जिला पंचायत जीत पाई ना नगर पंचायत। इसी वजह से मुझे दबाया जा रहा है।

मुझे न्यायपालिका पर विश्वास
शराब घोटाले में ED के छापे के बाद कवासी लखमा ने कहा मैं हूं निर्दोष हूं। पूर्व मंत्री ने अपनी संपत्ति पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि मैं राजनीतिक परिवार से नहीं हूं। जगदलपुर में 2009 में 2 एकड़ जमीन ली थी। उसके अलावा मेरे पास कोई संपत्ति नहीं है। मैं कभी वार्ड मेंबर और सरपंच तक नहीं था। टोरा, महुआ, इमली का धंधा करता था। फिर कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया। मुझे सुकमा से टिकट मिला और जीता। 15 साल में भाजपा वहां जीत नहीं पाई है। लेकिन मुझे न्यायपालिका पर विश्वास है।

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के शराब घोटाला केस (Chhattisgarh liquor scam case) में नया मोड़ आ गया है। ED की छापेमार कार्रवाई के बाद पूर्व आबकारी मंत्री व कांग्रेस विधायक कवासी लखमा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। ईडी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है। ED ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट से बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री लखमा के खिलाफ सबूत मिलने की बात कही है।

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जानिए क्या लिखा है ED ने
ईडी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा कि छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में स्थित 7 जगह तलाशी अभियान चलाया गया। ईडी घोटाले की प्रासंगिक अवधि के दौरान कवासी लखमा द्वारा नकद में (पीओसी) प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी की अपराध से अर्जित आय के उपयोग से जुड़े सबूत जुटाने में सक्षम हो गया है। इसके अलावा, तलाशी में कई डिजिटल डिवाइस बरामद और जब्त की गईं, जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें आपत्तिजनक रिकॉर्ड हैं।

ED ने की थी छामेमार कार्रवाई
28 दिसंबर 2024 को ईडी ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी के घर छापा मारा था। टीम रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले पहुंची थी। पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली गई। साथ ही, कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित घर और सुकमा जिले में लखमा के बेटे हरीश लखमा और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई। जहां से ईडी ने कई अहम सबूत और दस्तावेज जुटाए। वहीं छापेमार कार्रवाई के बाद ईडी लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि अब लखमा ने मीडिया से कहा है कि, मैं 3 जनवरी को ईडी के दफ्तर जाऊंगा।

ये हो चुके हैं गिरफ्तार
शराब घोटाला मामले में ED ने सबूतों का दावा करते हुए शराब कारोबारी और रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के अधिकारी एपी त्रिपाठी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे ही लखमा के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है।

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CG Prime News@रायपुर. पूर्व मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे के घर ED के छापा के बाद उनका पहला बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने आबकारी विभाग के अधिकारियों को जमकर कोसा है। उन्होंने कहा कि, मुझे त्रिपाठी जैसे अधिकारियों ने अंधेरे में रखा। मैं अनपढ़ आदमी हूं जहां कहते थे वहां साइन कर देता था। छापेमारी के दूसरे दिन कवासी लखमा ने कहा कि सोमवार को उन्हें और उनके बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। ED का छापा राजनीति से प्रेरित है। विधानसभा में सरकार के खिलाफ बोलने और बड़े घोटाले को उजागर करने पर छापा मारा गया है। भाजपा बदनाम करने की राजनीति कर रही है। Liquor scam case

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15 घंटे तक चली थी ED की कार्रवाई
बता दें कि शनिवार को ईडी ने प्रदेश के पांच जगहरों पर 15 घंटे तक छापेमार कार्रवाई की थी। ईडी ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। वहीं, कवासी और उनके बेटे जिंप अध्यक्ष हरीश को समन जारी किया है। छत्तीसगढ़ के चर्चित 2000 करोड़ के शराब घोटाला केस में ईडी ने यह कार्रवाई की है।

मोबाइल ले गए साथ
वहीं लखमा ने कहा कि मैं अनपढ़ हूं। अधिकारियों ने गड़बड़ी की है। अधिकारी जो दस्तखत लेकर आते थे, उस पर मैं सिर्फ दस्तखत करता था। अधिकारी ही कागज को पढ़ते लिखते थे। मेरे घर से एक कागज तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मुझे इस घोटाले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझसे संपत्ति की जानकारी मांगी गई है। समय मांगा हूं, पूरी जानकारी दूंगा। ईडी के अधिकारी बेटे और मेरा मोबाइल अपने साथ ले गए हैं। उन्होंने मेरे से घोटाले के बारे में भी पूछताछ की।

दस्तावेज किया जब्त
मिली जानकारी के अनुसार 28 दिसंबर को ईडी की टीम ने पूर्व मंत्री कवासी के धरमपुरा स्थित विधायक बंगला और सुकमा स्थित उनके दो मकान में छापेमारी की है। एक मकान में उनका बेटा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी अपने परिवार के साथ रहता है। दूसरे मकान में भी उनके परिवार के सदस्य रहते हैं। ईडी ने कैश, दस्तावेज, मोबाइल समेत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किया है। साथ ही लखमा के करीबियों के घर से भी कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पूर्व मंत्री कवासी लखमा के करीबी सुशील ओझा के घर पर भी दबिश देकर ईडी की टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है।

CG Prime News @जगदलपुर. छत्तीसगढ़ में शनिवार सुबह ED ने छापेमार कार्रवाई की है। ED ने कांग्रेस के कद्दावर नेता व कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी के घर में छापा मारा है। सुकमा जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी के साथ ही सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर में भी ED की छापेमार कार्रवाई चल रही है।

मिली जानकारी के अनुसार ED की टीम सुबह 6:00 बजे सुकमा पहुंची है। इसके बाद हरीश कवासी और राजू साहू के घर में ED के अधिकारियों ने छापा मारा है। इस दौरान बड़ी संख्या में दोनों के घर के बाहर CRPF को तैनात किया गया है। बता दें कि जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू एक दूसरे के मित्र है।

मिली जानकारी के अनुसार कोंटा विधायक कवासी लखमा फिलहाल रायपुर में है। उनके गैर मौजूदगी में उनके बेटे के यहां ED की कार्रवाई चल रही है।
फिलहाल ED के अधिकारी दस्तावेजों की जांच में जुटे हुए हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किसी मामले में ED ने छापा मारा है।