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रायपुर ISIS मामले की जांच में दल, डिजिटल फॉरेंसिक व सोशल मीडिया नेटवर्क की समीक्षा करता हुआ ATS टीम।

रायपुर। ISIS केस में राज्य की एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुँच गई है। दो हाई स्कूल छात्रों द्वारा संचालित डिजिटल गतिविधियों की जांच अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँच गई है। ATS ने अमेरिका स्थित इंस्टाग्राम मुख्यालय से तकनीकी डेटा—जैसे पूर्ण लॉगिन हिस्ट्री, चैट बैकअप्स, डिवाइस लिंकिंग रिकॉर्ड्स और सर्वर मेटाडेटा—की मांग औपचारिक रूप से शुरू कर दी है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार बिना प्लेटफॉर्म-प्रमाणित डेटा के विदेशी संपर्कों की वास्तविक श्रृंखला का पता लगाना संभव नहीं है। (Instagram chat reveals details, ATS seeks server data)

फॉरेंसिक एनालिसिस में खुले नेटवर्क के अंतरराष्ट्रीय लिंक

जांच तब आगे बढ़ी जब जब्त मोबाइल फोनों के फॉरेंसिक विश्लेषण में एक इंस्टाग्राम ग्रुप चैट सामने आई। इस समूह में कई ऐसी आईडी मिलीं जिनके लोकेशन टैग विदेशी देशों और भारत के कई राज्यों से जुड़ते थे।
अधिकारियों के मुताबिक यह संकेत है कि छात्र किसी सीमित स्थानीय नेटवर्क का हिस्सा नहीं, बल्कि बहु-देशीय डिजिटल नेटवर्क से जुड़े थे।

ATS की तकनीकी डिमांड में क्या-क्या शामिल

एजेंसी ने इंस्टाग्राम से जिन तकनीकी रिकॉर्ड्स की मांग की है, उनमें शामिल हैं:

लॉगिन रूट्स और IP हिस्ट्री

मास्क्ड अकाउंट इंटरैक्शन

डिवाइस लिंकिंग और रिकवरी लॉग्स

बदले गए यूज़रनेम के पैटर्न

समूह गतिविधियों की टाइमलाइन

यह रिकॉर्ड नेटवर्क की वास्तविक संरचना और छिपे सदस्यों की पहचान में निर्णायक साबित होंगे।

विदेशी डिजिटल हैंडलर्स से संपर्क की पुष्टि

ATS द्वारा किए गए लॉग रिव्यू में पुष्टि हुई है कि आरोपी छात्रों का संपर्क एक से अधिक विदेशी डिजिटल हैंडलर्स से हुआ था।
पहले पाकिस्तान लिंक्ड एक संपर्क की बात सामने आई थी, लेकिन बाद के विश्लेषण में यह कनेक्शन कई देशों तक फैला दिखाई दिया। अधिकारी मानते हैं कि इंस्टाग्राम का प्रमाणित डेटा यह तय करेगा कि ये लिंक स्वतंत्र थे या किसी संगठित श्रृंखला का हिस्सा। तकनीकी टीमें डार्क वेब ट्रेल्स में ऐसे कीवर्ड्स और सर्च हिस्ट्री पाईं जो हथियारों की कीमत, खरीद प्रक्रिया और अवैध बाजारों से जुड़ी थीं। ATS ने इसे हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा है।

ISIS Raipur समूह चैट अभी भी मुख्य जांच का हिस्सा

एक छात्र द्वारा बनाए गए “ISIS Raipur” नामक इंस्टाग्राम समूह से कट्टरपंथी सामग्री, प्रतीक चिन्ह और संदिग्ध लोकेशन संकेत मिले हैं। जांच दल इसे प्रारंभिक डिजिटल रेडिकलाइजेशन का गंभीर संकेत मान रहा है। मामला प्रकरण संख्या 01/25 के तहत UAPA की प्रासंगिक धाराओं में पंजीबद्ध है। दोनों छात्र वर्तमान में माना स्थित जुवेनाइल होम में हैं।
ATS अब इंस्टाग्राम से अपेक्षित डेटा की प्रतीक्षा कर रही है, जिससे नेटवर्क की वास्तविक गहराई और बाहरी मार्गों का खुलासा संभव होगा।