रिसाली क्षेत्र के दो अवैध कालोनी के लोगों को मिली राहत, निगम देगा भवन अनुज्ञा, मेयर ने लगाई मुहर

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CG Prime News@भिलाई. रिसाली निगम (Risali nagar nigam) क्षेत्र के अवधपुरी, सरस्वती कुंज समेत व्हीआईपी नगर में मकान बनाने का सपना अब पूरा होगा। महापौर शशि सिन्हा की अध्यक्षता वाली महापौर परिषद की बैठक में विकास शुल्क का अनुमोदन कर दिया। विकास शुल्क जमा कर नागरिक विधिवत मकान निर्माण करने भवन अनुज्ञा ले सकते हैं। दरअसल अवधपुरी और सरस्वती कुंज अवैध कालोनी श्रेणी में आता है। यहां बसाहट के लिए बिना अनुमति जमीन की खरीदी बिक्री होने की वजह से मकान बनाने में समस्या आ रही थी।

नागरिकों को होने वाली असुविधा को देखते हुए निगम प्रशासन ने नियमों के तहत कुल 18 खसरों में विकास और समझौता शुल्क लेकर भवन अनुज्ञा और भवन पूर्णता देने का निर्णय लिया है। महापौर परिषद ने निर्धारित विकास शुल्क पर मुहर भी लगा दी है। परिषद की बैठक में एमआईसी जहीर अब्बास, संजू नेताम, अनिल देशमुख, सनीर साहू, ममता यादव, रंजिता बेनुआ, जमुना ठाकुर, रोहित धनकर, आयुक्त मोनिका वर्मा, कार्यपालन अभियंता सुनील दुबे समेत विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

जाने कहा कितना विकास शुल्क

व्हीपी नगर रिसाली के खसरा 493पी, 496/1, 497पी, 498, 502पी, 603पी, 1038पी, 1039 पी पर 211.76 रू. प्रति वर्गफीट विकास शुल्क। इसी तरह सरस्वती कुंज पूर्व के 754 पर 216.09 रूपए, 645/1पी पर 224.36 रूपए, 222 पी पर 221.44 रूपए, सरस्वती कुंज पश्चिम के खसरा 274/2 पर 203.70 रूपए, सरस्वती कुंज पूर्व 684, 685 पर 217.65 रूपए, 257/81 पर 225.48 रूपए, 650, 656 पी पर 217.07 रूपए, 861 पर 200.70 रूपए, अवधपुरी रिसाली के खसरा 634, 635, 636, 676 पर 215.58 रूपए, सरस्वती कुंज रिसाली के खसरा 757, 797, 798 पर 206 रूपए और अवधपुरी रिसाली के खसरा 620, 621 पर 236.78 रूपए प्रति वर्गफीट विकास शुल्क निर्धारित है।

पूर्व में बने मकान का नियमितीकरण

इन खसरों पर पूर्व में बने मकानों को नियमित किया जाएगा। मकान स्वामी विकास शुल्क के साथ भवन अनुज्ञा दर से समझौता शुल्क जमा कर अपना मकान नियमित करा सकते है।

एजेंसी को जारी नोटिस

महापौर शशि सिन्हा निगम क्षेत्र में संचालित 29 सार्वजनिक शौचालयों की सफाई व्यवस्था और रख रखाव को प्रमुखता के साथ उठाया। परिषद के सदस्यों ने विस्तार से चर्चा कर निरीक्षण के दौरान मिली खामियों पर की गई कार्रवाई पर सवाल जवाब की। परिषद ने निर्णय लिया कि स्वच्छता श्रृंगार के तहत कार्य करने वाले एजेंसी को अंतिम नोटिस जारी किया जाए।