रायपुर। छत्तीसगढ़ के 25वें बजट में प्रदेश के 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारियों के लिए कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है, जिससे उन्हें निराशा हाथ लगी है। नियमितीकरण और लंबित 18 मांगों को लेकर कर्मचारियों की उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई हैं, और अब वे सरकार के खिलाफ बड़े प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। इससे प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है।
कोई फैसला नहीं लिया गया
एनएचएम कर्मचारी संघ लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है। संघ ने बताया कि पिछली सरकार ने एनएचएम कर्मचारियों के वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की थी, लेकिन इस पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कर्मचारियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायकों को कई ज्ञापन भी सौंपे थे, लेकिन अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया।
विधानसभा का घेराव करेंगे
प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने कहा कि बजट सत्र 2025-26 में कर्मचारियों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए, जिससे कर्मचारियों में निराशा और आक्रोश है। उन्होंने यह भी कहा कि अब कर्मचारी विधानसभा का घेराव करने की योजना बना सकते हैं, जिससे राज्य की स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती हैं।
