Wednesday, December 17, 2025
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जशपुर में 20 करोड़ 53 लाख की लागत से बनेगा आधुनिक आर्चरी सेंटर, CM बोले-युवाओं को मिलेगा अवसर

by Dakshi Sahu Rao
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CG PRIME NEWS

CG Prime News@जशपुर. A modern archery centre will be built in Jashpur at a cost of Rs 20.53 crore मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu dev sai) की उपस्थिति में मंगलवार को जशपुर जिले के बगिया स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में बगीचा विकासखंड अंतर्गत सन्ना पंडरापाठ में तीरंदाजी अकादमी स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन और एनटीपीसी के बीच एग्रीमेंट किया गया। एनटीपीसी द्वारा यह परियोजना कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत 20 करोड़ 53 लाख रुपए की लागत से संचालित की जाएगी। इस अवसर पर कलेक्टर रोहित व्यास और एनटीपीसी के अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) बिलाश मोहंती उपस्थित थे।

तीरंदाजी की अपार संभावनाएं

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि एनटीपीसी द्वारा सीएसआर के माध्यम से आर्चरी सेंटर की स्थापना के लिए 20 करोड़ 53 लाख रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि जशपुर क्षेत्र के युवाओं में तीरंदाजी के प्रति अपार संभावनाएं हैं। इस सेंटर के आरंभ होने से उन्हें प्रशिक्षण और संसाधनों की बड़ी सुविधा प्राप्त होगी।

देश का नाम रोशन करेंगे खिलाड़ी

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि वर्ष 2036 में भारत ने ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है। हमारी कोशिश होगी कि छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में अधिकतम संख्या में शामिल हो और पदक जीतकर प्रदेश व देश का नाम रोशन करें। यह तभी संभव है, जब हम आर्चरी सेंटर जैसे और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करें। ऐसे केंद्रों के माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की पहचान कर उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने घोषणा की है कि ओलंपिक में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को 3 करोड़ रुपए, रजत पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपए और कांस्य पदक प्राप्त करने वालों को 1 करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी। राज्य खेल अलंकरण समारोह को पुन: आयोजित किए गए हैं और इसके माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में ‘खेलो इंडिया के नए प्रशिक्षण केंद्र आरंभ किए गए हैं और जनजातीय क्षेत्रों में खेल अधोसंरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

प्राचीन काल से तीरंदाजी अग्रणी रहा

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश प्राचीन काल से ही तीरंदाजी में अग्रणी रहा है। महाभारत और रामायण जैसे हमारे पवित्र ग्रंथों के नायक भी इस विधा में पारंगत रहे हैं। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए हमें आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षित मार्गदर्शन के माध्यम से नए आर्चर्स तैयार करने होंगे।

खिलाडिय़ों के लिए बनेगा छात्रावास

उल्लेखनीय है कि सन्ना पंडरापाठ में 10.27 एकड़ भूमि में यह अकादमी स्थापित की जाएगी। यहां आउटडोर तीरंदाजी रेंज, खिलाडिय़ों के लिए छात्रावास, स्टाफ क्वार्टर, खिलाडिय़ों की सुविधा हेतु भवन, जैविक खेती के लिए छायादार नर्सरी, पुस्तकालय, चिकित्सा केंद्र, कौशल विकास केंद्र, हर्बल वृक्षारोपण तथा प्रशिक्षण मैदान जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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