CG Prime News@सक्ती. छत्तीसगढ़ के सक्ती राजघराने के दत्तक उत्तराधिकारी एवं भाजपा नेता जिला पंचायत सदस्य राजा धर्मेंद्र सिंह को राज परिवार की एक महिला द्वारा दर्ज कराए गए अप्राकृतिक यौनाचार के मामले में विशेष न्यायालय फास्ट ट्रैक सक्ती की न्यायाधीश गंगा पटेल ने सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 10 हजार रूपए अर्थदंड का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाते ही उन्हें सीधे जेल में दाखिल कराया दिया गया है।

महिला ने थाने में दर्ज कराई थी रिपोर्ट
लोक अभियोजक मुन्ना पटेल के अनुसार, मामला 9 जनवरी 2022 का है। राजपरिवार की एक महिला ने राजघराने के दत्तक उत्तराधिकारी राजा धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए अप्राकृतिक अनाचार करने का मामला सक्ती थाने में दर्ज कराया था। जिस पर पुलिस ने उसे पकड़कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था। अब विशेष न्यायालय फास्ट ट्रैक सक्ती की न्यायाधीश गंगा पटेल ने धारा 376, 450 भारतीय दंड संहिता के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर सजा सुनाई है।
सात साल की सजा और 10 हजार लगाया अर्थदंड
धारा 376 की उपधारा एक के लिए सात साल की सजा और दस हजार रुपये का अर्थदंड और धारा 450 में पांच साल की सजा और पांच हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया है। जुर्माना नहीं पटाने पर धारा 450 में तीन माह अतिरिक्त और धारा 376 में छह महीना अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। दोनों सजाए साथ साथ चलेंगी। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक मुन्ना पटेल ने पैरवी की।
रियासत के पांचवें महाराज बने थे धमेंद्र
धर्मेंद्र सिंह सक्ती रियासत के पांचवें महाराज बने थे। जिन्हें पूर्व महाराज की पत्नी गीता राणा ने मान्यता नहीं दी। राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन के बाद धर्मेंद्र सिंह ने राजघराने की जिम्मेदारी संभाली थी। वह भाजपा समर्थित जिला पंचायत सभापति भी हैं। बता दें कि सक्ती राज परिवार के राजा सुरेंद्र बहादुर ने अपने बावर्ची के बेटे धर्मेंद्र सिंह को गोद लेकर उन्हें उत्तराधिकारी बनाया था। साल 2021 में इनका राज्याभिषेक किया गया था। राजा सुरेंद्र बहादुर की पत्नी गीता राणा सिंह ने सार्वजनिक रूप से कुंवर धर्मेंद्र को पुत्र मानने से मना कर दिया था।

