ईडी कांग्रेस को क्यों परेशान कर रही.. जैसे सवाल उठ रहे, चर्चाओं का बाजार गरम
कांग्रेस की विश्वसनीयता पर लग रही लगातार चोट, क्योंकि अधिकांश भाजपा के समर्थक
Political Reporter:
भिलाई। इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (Enforcement directorate) के अधिकारियों ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पदुमनगर स्थित आवास पर धावा बोला। ईडी की टीम ने जैसे ही पदुमनगर में इंटर किया तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम भी उमड़ पड़ा। ईडी बाहर जाओ और भूपेश बघेल के समर्थन में नारे भी लगे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नगाड़े पर ईडी लिखकर उसे जमकर पीटा। अधिकारियों ने तो नोट गिनने की मशीन तक मंगवा ली और 33 लाख कैश भी अपने साथ ले गए। (Did ED reach Bhupesh Baghel’s house on the input of former minister Lakhma?)
इस बीच चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि आखिर ईडी कांग्रेसियों को क्यों निशाना बना रही है। आम लोगों से जब हम इस संबंध में जानकारी लेने पहुंचे तो लोगों का सबसे बड़ा सवाल यही था कि आखिर केंद्र सरकार ईडी के जरिए कांग्रेसियों पर क्यों निशाना बना रही है। क्या भाजपा के नेता भ्रष्टाचारी नहीं हो सकते।
एक शख्स ने कहा कि जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री तो उन्होंने किसी भाजपाई के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर बगल से जवाब आया कि भूपेश तो सीएम थे लेकिन उनके पास डबल इंजन की सरकार नहीं थी। सिंगल इंजन ईडी को ऑपरेट नहीं कर सकती।
वहीं एक व्यक्ति सोहन राय ने कहा कि भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल पर तो कार्रवाई की जा सकती है पर भाजपा नेता का एक बेटा जो आईसीसी ट्रॉफी करवा रहा है। क्या उसने कुछ हेराफेरी नहीं की होगी। तो इस पर विजय ने कहा कि समरथ को न दोष गोसाई। इसका मतलब है कि जो समर्थ होता है, उसे कोई कुछ नहीं बोलता।
पक्का कवासी लखमा के इनपुट पर की गई कार्रवाई
एमएससी कर रहे एक शख्स ने कहा कि पक्का पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने इस प्रकार का इनपुट ईडी और ईओडब्लयू को दिया है। तभी तो पूर्व सीएम भूपेश बघेल के ऊपर कार्रवाई हो गई। दरअसल लखमा को भी शराब घोटाले के चलते गिरफ्तार किया गया। उनकी गिरफ्तारी के बाद पूर्व सीएम ने लखमा को अनपढ़ बताया। ऐसे में हो सकता है कि लखमा ने ही ये इनपुट दिया हो कि वो तो अंगूठा लगाते हैं। इसका मास्टर माइंड तो पूर्व सीएम ही है। क्योंकि पैसे की हिस्सेदारी उसी को दी जाती थी। आम चर्चाओं के कारण लोग अब लखमा और केंद्र सरकार की बात करने लगे हैं।
जिसकी लाठी, उसकी भैंस
लोगों का कहना है कि जिसकी लाठी उसकी भैंस। केंद्र सरकार के पास ईडी, ईओडब्ल्यू समेत सभी संस्थान हैं, जिसका वो अपने हिसाब से इस्तेमाल करती हैं। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी भी अपने हिसाब से सबकुछ ऑपरेट करती थीं।
अब बारी पीएम नरेंद्र मोदी की है। सत्ता की मलाई से कोसों दूर कांग्रेसियों को जनता की नजर में गिराने के लिए उन पर भ्रष्टाचार का दाग लगाकर भाजपा सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ती जा रही है। अब ऐसे में कांग्रेसियों को दामन साफ रखने के लिए कुछ गलत न हो जाए, इसका ध्यान रखना होगा।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि लंबे अर्से तक कांग्रेस को केंद्र सरकार में काबिज होने के लिए वंचित रहना पड़ेगा। इस बात का ध्यान रखते हुए उन राज्यों में जहां कांग्रेस की सरकार है। वहां अपनी विश्वनीयता बनाए रखने के लिए ईमानदारी का सरप्लस अपने साथ रखना होगा।
