भिलाई। नगर निगम भिलाई द्वारा संचालित कोसा नगर गौठान में आवारा कुत्तों द्वारा सात गोवंश के शिकार के मामले में FIR दर्ज की गई है। प्रबुद्ध नागरिक मंच (प्रणाम) के अध्यक्ष पवन केसवानी ने सुपेला थाने में नगर निगम जोन-1 के आयुक्त और गौठान संचालन से जुड़े दो NGO प्रमुखों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। (FIR against corporation and NGO)
शिकायत में कहा गया है कि 27 फरवरी की रात गौठान में लापरवाही और कुप्रबंधन के कारण चार बछड़े/बछिया और तीन गायों को आवारा कुत्तों ने हमला कर मार डाला। गौठान में पर्याप्त शेड, चारा और पानी की व्यवस्था नहीं थी, जिससे पशुओं को तेज धूप, भूख और प्यास का सामना करना पड़ा। इस गंभीर लापरवाही के चलते आवारा कुत्तों ने गौवंशों पर हमला कर उन्हें मार डाला।
धाराओं के तहत मामला दर्ज
सुपेला थाने में इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 325 बीएनएस और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि गौठान में जानबूझकर असुरक्षित माहौल बनाया गया, जिससे गौवंशों को प्रताड़ित किया गया और उनकी रक्षा नहीं की गई। आवारा कुत्तों को गौठान में घुसने से नहीं रोका गया, जिससे सात गोवंशों की दर्दनाक मौत हो गई।
गृह मंत्री और गौ सेवा आयोग से शिकायत के बाद दर्ज हुई रिपोर्ट
FIR दर्ज कराने के लिए पवन केसवानी ने गृह मंत्री विजय शर्मा और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विशेषर पटेल से भी शिकायत की थी, जिसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। इस पूरे घटनाक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जयप्रकाश यादव, संतोष तिवारी, अनिल निषाद और देवधर चौहान की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
नगर निगम और NGO पर उठे सवाल
यह घटना नगर निगम की लापरवाही को उजागर करती है। गौठान में पशुओं के रखरखाव और सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। FIR दर्ज होने के बाद अब पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।
गौवंश संरक्षण और उनकी देखभाल को लेकर लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। वहीं, नगर निगम और संबंधित NGO पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पशुओं की सुरक्षा को लेकर इतनी बड़ी चूक कैसे हुई?
