देवेंद्र के झूठे शोहबत और विकास के दंभ की हकीकत जाननी हो तो उनके निवास घासीदास नगर वार्ड-27 आइए

भिलाई @ CG Prime News. घासीदास नगर की पार्षद गायत्री यादव ने कहा है कि महापौर देवेंद्र यादव शहर को संवारने चले पड़े हैं और उनके अपने ही क्षेत्र के लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि उनके घर से चंद कदम दूर लोग यातना भोग रहे हैं और देवेंद्र को झांकने तक की फुर्सत नहीं है।

गायत्री ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि घनी आबादी और औद्योगिक संस्थानों से घिरा घासीदास नगर अपनी दयनीय स्थिति में है। यहां हर तरफ कूड़े-करकट का ढेर हैं। जगह – जगह गंदगी पसरी हुई है। सड़क जर्जर हैं। बारिश के समय यह लोगों के लिए और भी परेशानी का कारण बन जाता है। संक्रामक बीमारियां फैलने का भय हमेशा बना रहता है। यह बस्ती महापौर देवेंद्र के निवास हाउसिंग बोर्ड से लगी हुई है। स्वयं देवेंद्र का निवास क्षेत्र भी इसी वार्ड में आता है। झूठे शोहबत और विकास का दंभ भरने वाले देवेंद की सारी हकीकत की पोल इस बस्ती में आकर खुल जाती है।

दुर्गंध के कारण खाना हलक से भी नीचे नहीं उतरता

32 एकड़ क्षेत्र में बजबजाती गंदगी और दुर्गंध के कारण लोगों का खाना भी हलक से नीचे उतरना मुश्किला हो जाता है। जामुल थाना स्टाफ क्वार्टर के पास हमेशा कूड़े-करकट का ढेर लगा रहता है। यहां थाना के पीछे हमेशा गंदा पानी भरा रहता है। आवास की ओर जाने वाली सड़क पगडंडी से भी बदतर है। सीवरेज का पानी सड़कों पर भरा रहता है। यह सब देवेंद्र को दिखाई नहीं दे रहा।

चहेतों के वार्ड में फूंक रहे हैं पूरा पैसा

गायत्री ने कहा है कि पूरा पैसा अपने चंद चहेतों के वार्डों में फूंक रहे हैं। 5.28 करोड़ रुपए की लागत से सेक्टर-5 में शहर का सबसे बड़ा पार्क बनवा रहे हैं। 40 लाख रुपए एक सड़क के किनारे को संवारने मेंं खर्च कर दिए। गैरेज रोड पर पटरी किनारे के सौंदर्यीकरण के नाम पर 1 करोड़ 44 लाख रुपए फूंक दिए। पटरी पार के लोग सड़क, सफाई, पानी, नाली जैसी बनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, देवेंद्र को उनकी चिंता नहीं है। टाउनशिप जहां सभी नागरिक सुविधाएं और सेवाएं बेहतर है वहां के लोगों की तफरीह और मनोरंजन की फिक्र है।

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