शनिवार 12 अप्रैल को हनुमान जयंती मनाया जा रहा है। पूरे 57 साल के बाद चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती पर पंचग्रही युति योग बन रहा है जो इस दिन को और अधिक फलदायी बना रहा है। मीन राशि में सूर्य, बुध, शुक्र, शनि व राहु की युति बन रही है। पंचग्रही युति में किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए हनुमानजी की पूजा अर्चना करना शुभ माना गया है। वहीं ज्योतिषियों के अनुसार हनुमान जयंती पर हनुमत आराधना से पारिवारिक सुख और स्वास्थ्य, बल्कि ग्रहों की अनुकूलता का वरदान मिलता है।
Hanuman Jayanti 2025: 57 साल के बाद पंचग्रही युति महायोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पूरे 57 वर्ष बाद हनुमान जयंती पर पंचग्रही युति योग का निर्माण हो रहा है। इसके पहले सन 1968 में यह योग बना था। चैत्र पूर्णिमा पर 12 अप्रैल को पंचग्रही युति योग में हनुमानजी का प्रकटोत्सव अत्यंत शुभ फलदायक होगा। (Hanuman Jayanti 2025) इस योग में हनुमान जी की आराधना सुख, समृद्धि व ग्रहों की अनुकूलता के लिए विशेष महत्व है। इस दिन विशेष रूप से शनि, मंगल व राहु की शांति के लिए केसरी नंदन का पूजन शुभफलदायी है।
भक्तों के कष्ट दूर करते हैं बजरंगबली
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को अंजनी पुत्र हनुमान का जन्म हुआ था। हर साल इस तिथि को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। (Hanuman Jayanti 2025) हनुमान जी को अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता भी कहा जाता है। ऐसे में इस दिन हनुमान जी की पूजा आराधना से भक्तों के कष्ट दूर कर सभी मनोरथ पूरे होने वाले हैं।
अष्ट सिद्धि के दाता हैं बजरंगबली
Hanuman Jayanti 2025: शास्त्रों के अनुसार माता जानकी ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि वे अष्ट सिद्धियों और नव निधियों के दाता होंगे। यह कोई कथन नहीं, बल्कि एक गूढ़ रहस्य है। अष्ट सिद्धियों का उल्लेख प्राचीन योग शास्त्रों में मिलता है। कहते हैं कि ये वे शक्तियां हैं, जो साधक को प्रकृति के नियमों से परे ले जाती हैं। इन शक्तियों में छोटा बन जाना, विशाल हो जाना, इच्छा से कहीं भी पहुंच जाना, सब कुछ प्राप्त कर लेना। जानकारों के मुताबिक यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि आत्मविजय के अनुभव हैं।




