नायब तहसीलदार की नौकरी के झांसे में फंसा किसान, घर की पूंजी 29 लाख 50 हजार रुपए गवाया

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किसाने में खून पसीना बहाकर संजोए थे रकम

भिलाई. ग्राम मोहलाई का एक किसान पढ़ाई लिखाई की, यह सोचकर कि उसे नौकरी मिल जाएगी। लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली तो वह घर की खेती किसानी करने लगा। एक दिन उसके घर परिचित खेलवार दंपति पहुंचा। उसे सीधे सीजीपीएससी के जरिए नायब तहसीलदार बनाने ख्वाब दिखाया। किसान उसके झांसे में आ गया और अपने जीवन की गाढ़ी कमाई 29 लाख 50 हजार रुपए गवां बैठा। नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन जब अपने पैसे की मांग करने लगा तो ठग दंपत्ति उसे घुमाने लगे। तब उसे अहसास हुआ और कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई। कोतवाली पुलिस ने आरोपी पति और पत्नी के खिलाफ धारा 420, 120 बी, 34 के तहत जुर्म दर्ज कर मामले में जांच शुरू कर दी है।

दुर्ग कतोवाली पुलिस ने बताया कि ग्राम मोहलाई दुर्ग निवासी किसान नोखेलाल सिन्हा ने शिकायत की। वर्ष 2014-15 से वह ग्राम मोहंदी निवासी रेखराज खेलवार और उसकी पत्नि भारती खेलवार से परिचित है। उसके घर पर दोनों का आना जाना रहा। रेखराज और उसकी पत्नी ने झांसा दिया कि उनकी राजनैतिक और उच्च अधिकारियों में अच्छी जान पहचान है। सीजीपीएससी के माध्यम से नायब तहसीलदार के पद पर सरकारी नौकरी लगा सकता है। इसके लिए 30 से 35 लाख रुपए लगेगा। नौकरी की चाहत में नोखेलाल सिन्हा दोनों ठगों के झांसे में आ गए। नकद और बैंक एकाउंट के माध्यम से 29 लाख 50 हजार रुपए रेखराज और भारती को दे डाले। इसके बावजूद नायब तहसीलदार नहीं बन सके। तब उन्हें अहसास हुआ। वह अपने रकम की मांग करने लगा। तब रेखराज और उसकी पत्नी भारती उसे घुमाने लगे। परेशान होकर नोखेलाल सिन्हा थाना पहुंचकर शिकायत की। मामले में धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कर जांच की जा रही है।