CM कैबिनेट की बैठक में 4 विधेयकों को मंजूरी, क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना पर सहमति

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बजट सत्र से पहले साय कैबिनेट की बैठक

CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले सीएम विष्णुदेव साय की कैबिनेट (cm vishnu dev sai cabinet meeting) की बड़ी बैठक हुई। जिसमें चार महत्वपूर्ण विधयेकों को मंजूरी दी गई है। बतां दें कि 24 फरवरी से बजट सत्र शुरू होने वाला है। इसके पहले इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था। साय कैबिनेट ने जिन चार विधेयकों को मंजूरी दी है उसमें स्टांप ड्यूटी संशोधन, लोकतंत्र सेनानी सम्मान, अनुपूरक बजट, 2025-26 के बजट अनुमान शामिल हैं। ये सभी विधेयक बजट सत्र में पेश किए जाएंगे।

साय कैबिनेट ने 30 साल की सेवा पूरी कर चुके छत्तीसगढ़ कैडर के आईएफएस अफसरों को पीसीसीएफ के बराबर सैलरी दी जाएगी। इसके पहले की मीटिंग में पुलिस भर्ती में एसटी कैंडिडेट्स को स्पेशल छूट की मंजूरी मिली थी। इससे पहले दिसंबर 2024 में साय कैबिनेट की आखिरी बैठक हुई थी, जिसमें साय सरकार ने राइस मिलर्स के साथ विवाद के बाद उसे सुलझाने की कोशिश की थी। सरकार ने तय किया था कि मिलर्स को प्रोत्साहन राशि की दूसरी किश्त जारी की जाएगी। लंबे समय से भुगतान की मांग को लेकर मिलर्स और सरकार के बीच तनातनी चल रही थी।

कैबिनेट ने लिए ये बड़े फैसले

– भू-राजस्व संहिता में संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गई।
– खेलों के लिए क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई।
– सुदूर और शहरी क्षेत्रों में खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा। खेल क्लबों को आर्थिक मदद दी जाएगी।
– छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
– छत्तीसगढ़ नगर पालिक अधिनियम 1961 (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
– छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

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– एमएसपी में धान खरीदी के अतिशेष के निराकरण के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया।
– धान कस्टम मिलिंग की प्रोत्साहन राशि 80 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है।
– छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ता, पेंशन (संशोधन) विधेयक, 2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया
– छत्तीसगढ़ राज्य में डेयरी उद्यमिता को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ रूश करने का निर्णय लिया गया।
– दुग्ध महासंघ के प्रसंस्करण क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
– अनुसूचित क्षेत्रों में दुधारू पशु उत्प्रेरण से स्वरोजगार में वृद्धि के साथ ही दुग्ध उत्पादन की लागत कम होगी।