CG Prime News@दुर्ग.Arrest of two Kerala nuns in Chhattisgarh, protest outside Parliament छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में केरल की 2 कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली में सोमवार को संसद के बाहर विपक्ष ने जोरदार प्रदर्शन किया। मिशनरी सिस्टर्स की धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को केरल से विपक्ष के सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। वहीं इस मामले में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सांसद प्रियंका वाड्रा और केसी वेणुगोपाल ने भी सोशल मीडिया में बयान देकर विरोध दर्ज कराया गया है।

अल्पसंख्यकों का सिस्टेमैटिक उत्पीडऩ-राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (rahul gandhi) ने सोशल मीडिया साइट X पर लिखा- छत्तीसगढ़ में 2 कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के कारण निशाना बनाकर जेल भेज दिया गया। यह न्याय नहीं, बल्कि भाजपा-आरएसएस का भीड़तंत्र है।यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है। ये बीजेपी के शासन में अल्पसंख्यकों का सिस्टेमैटिक उत्पीडऩ है। यूडीएफ सांसदों ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया। हम चुप नहीं बैठेंगे। धार्मिक स्वतंत्रता एक संवैधानिक अधिकार है। हम ननों की तत्काल रिहाई और इस अन्याय के लिए जवाबदेही की मांग करते हैं।
घटना बेहद निंदनीय- प्रियंका गांधी
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी (priyanka gandhi) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा -मैं 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई घटना की निंदा करती हूं। दो ईसाई ननों-सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति को बिना किसी कानूनी आधार के हिरासत में लिया गया। उन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी के झूठे आरोप लगाए गए हैं। ये अल्पसंख्यक अधिकारों पर एक गंभीर हमला है।
प्रियंका गांधी ने आगे लिखा यह केवल एक मामला नहीं है। भाजपा शासन में अल्पसंख्यकों को सिस्टेमैटिक रूप से परेशान और बदनाम किया जा रहा है। भीड़ द्वारा न्याय और सांप्रदायिक निशाना बनाने का हमारे लोकतंत्र में कोई स्थान नहीं है। कानून का शासन कायम रहना चाहिए।
केसी वेणुगोपाल-केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
वहीं कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, हमने ननों की हिरासत के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। वे केरल की रहने वाली हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ‘वे नियमों के तहत 3 युवतियों को नौकरी के लिए ले जा रही थीं, लेकिन वहां की (छत्तीसगढ़) सरकार और बजरंग दल ने आरोप लगाया कि यह तस्करी का मामला है और वे युवतियों को धर्मांतरण के लिए ले जा रही थीं। यह पूरी तरह से झूठ था।
केसी वेणुगोपाल ने कहा- ननों ने पुलिस को बताया कि हम उन्हें कानूनी तौर पर ले जा रहे हैं और हमारे पास उनके माता-पिता की अनुमति है, लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं।
CM बोले-महिलाओं की सुरक्षा का गंभीर मामला
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि नारायणपुर की तीन बेटियों को नर्सिंग की ट्रेनिंग दिलाने और उसके पश्चात जॉब दिलाने का वादा किया गया था। नारायणपुर के एक व्यक्ति के द्वारा उन्हें दुर्ग स्टेशन पर दो ननो को सुपुर्द किया गया, जिनके द्वारा उन बेटियों को आगरा ले जाया जा रहा था। इसमें प्रलोभन के माध्यम से ह्यूमन ट्रैफिकिंग करके मतांतरण किए जाने की कोशिश की जा रही थी। यह महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित गंभीर मामला है। इस मामले में अभी जांच जारी है। प्रकरण न्यायालीन है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है। जहां सभी धर्म-संप्रदाय के लोग सद्भाव से रहते हैं।
दीपक बैज बोले- राजनीति कर रही राज्य सरकार
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इस मामले में कहा कि भाजपा की सरकार धर्मांतरण के नाम पर केवल राजनीति कर रही है। जिस तरह से ये मामला सामने आया है, सरकार को निष्पक्ष ढंग से जांच करनी चाहिए। पूरी कार्रवाई को सार्वजनिक करना चाहिए। सरकार इसे राजनीतिक एजेंडा बनाकर काम कर रही है।
यह है पूरा मामला
25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन में धर्मांतरण और मानव तस्करी को लेकर जमकर बवाल हुआ था। 2 मिशनरी सिस्टर (नन) और एक युवक पर 3 आदिवासी युवतियों को यूपी के आगरा में काम दिलाने के बहाने बेचने ले जाने का आरोप है। मामला भिलाई थाना-3 के दुर्ग जीआरपी चौकी का है।
जानकारी के मुताबिक नारायणपुर की युवतियों को आगरा ले जाने वालों का नाम सुखमन मंडावी और मिशनरी सिस्टर प्रीति और वंदना है। ये तीनों लोग कमलेश्वरी, ललिता और सुखमति नाम की युवती को आगरा लेकर जा रहे थे, जिन्हें बजरंग दल ने पकड़ा है।
बताया जा रहा है कि पकड़े गए मिशनरी सिस्टर और युवक के पास पादरी का नंबर और 7 नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें मिली हैं। साथ ही कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। तीनों लड़कियों को भिलाई सखी सेंटर में रखा गया है, जबकि 2 मिशनरी सिस्टर और युवक जीआरपी की हिरासत में हैं।

