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स्व सहायता समूह की दुकान के चावल वितरण में अनियमितता का आरोप

स्व सहायता समूह की दुकान के चावल वितरण में अनियमितता का आरोप, महिला ने SSP से की शिकायत

by cgprimenews.com
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दुर्ग। कैंप-1 वृद्ध नगर निवासी अनुराधा ठाकुर ने दुर्ग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और खाद्य नियंत्रक को लिखित शिकायत देकर पीडीएस चावल वितरण में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जून 2024 से जून 2025 तक उन्हें एक भी बार 921 क्विंटल पीडीएस चावल नहीं मिला, जबकि रिकॉर्ड में वितरण दिखा दिया गया। कुल मिलाकर करीब 36 लाख रुपये मूल्य का चावल गबन किए जाने की शिकायत दर्ज हुई है।
(Allegation of irregularity in rice distribution in self-help group shop, woman complained to SSP Durg)

सेल्समैन पर डराने-धमकाने और गबन का आरोप

अनुराधा ठाकुर के अनुसार शिखिका स्व सहायता समूह द्वारा संचालित दुकान क्रमांक 431004108 में अजय मेश्राम नामक व्यक्ति ने मशीन में उनका नाम बिक्रेता के रूप में दर्ज कराया, परंतु चावल कभी दुकान तक नहीं पहुंचाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि—

  • हर माह DO कटने के बावजूद दुकान में चावल नहीं आता था।

  • मशीन में थंब इंप्रेशन लेकर फर्जी पावती बना ली जाती थी।

  • कुल 921 क्विंटल चावल का गबन किया गया।

  • प्रति माह ₹2000 रिश्वत लेकर चावल वितरण किया जा रहा था।

अनुराधा ने यह भी बताया कि पहले वे 8000 रुपये किराया लेकर दुकान संचालन सुभम वर्मा को देती थीं, लेकिन विवाद के बाद उन्हें लगातार परेशान किया जाने लगा।

फूड इंस्पेक्टर पर मिलीभगत का आरोप

शिकायत में दावा किया गया है कि फूड इंस्पेक्टर वसुधा गुप्ता की मिलीभगत से दुकान को निलंबित कर, संबंधित पीडीएस दुकान को अजय मेश्राम के प्रभाव में दूसरी दुकान से संलग्न करा लिया गया।
अनुराधा ठाकुर ने कहा कि अगर उन्हें और सताया गया, तो उनकी जान को खतरा हो सकता है और इसके लिए अजय मेश्राम और वसुधा गुप्ता जिम्मेदार होंगे।

चावल मशीन, रजिस्टर और DO की जांच की मांग

उन्होंने पुलिस से मांग की है कि फरवरी 2024 से जून 2025 तक की पीडीएस चावल मशीन, रजिस्टर और वितरण प्रक्रिया की पूरी जांच कराई जाए, ताकि फर्जीवाड़े की सच्चाई सामने आए।
27 जून को दिए गए शिकायत पत्र में उन्होंने ट्रक नंबर और मशीन एंट्री का भी उल्लेख किया है।

प्रशासन ने कहा ,जांच जारी

फूड इंस्पेक्टर वसुधा गुप्ता ने बताया कि समिति अध्यक्ष और बिक्रेता को पार्टी बनाकर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है।
साथ ही ट्रांसपोर्टर द्वारा चावल दुकान तक न पहुंचाने की शिकायत भी ऑफिस में की गई है। मामला अब फूड कंट्रोलर के पास जांच में है।

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