महापौर दे रहे शहर की जनता को धोखा, निगम की जमीन बेच रहे हैं और बीएसपी से मांग रहे जमीन

भिलाई. भिलाई निगम के भाजपा पार्षदों ने महापौर व विधायक देवेंद्र यादव पर फिर बड़ा हमला बोला है. पार्षद रश्मि सिंह सहित भाजपा के दस पार्षदों ने कहा कि महापौर का कार्यकाल बीतने को है. जनता को उपलब्धि बताने के लिए कुछ नहीं है. तो वे कभी इस्पात मंत्री तो कभी सेल चेयरमैन से मुलाकात कर राजनीतिक ड्रामा कर रहे हैं। नीति विहीन, विजन विहीन देवेंद्र ज्ञापन और मांग पत्र के नाम पर शहर की जनता को धोखा दे रहे हैं। दरअसल उनकी नीयत में खोट है। सिर्फ और सिर्फ राजनीति लाभ के लिए यह ढोंग कर रहे हैं। खुद अपने निगम की करीब 300 करोड़ की जमीन बेच रहे हैं और सेल व बीएसपी प्रबंधन से जमीन मांग रहे हैं।

नगर पालिक निगम क्षेत्र में दो साल में एक भी नया पीएम आवास नहीं बना पाए और टाउनशिप में गरीबों की दुहाई देते हुए सेल से जमीन मांग रहे हैं। निगम क्षेत्र में पट्टे पर आवंटित जमीन का लीज नवीनीकरण नहीं करा पा रहे हैं। इधर टाउनशिप में नवीनीकरण की बात कर रहे हैं। महापौर ने दक्षिण-पूर्वी रेलवे लाइन के उत्तर कैंप व खुर्सीपार क्षेत्र की बीएसपी आधिपत्य समस्त भूमि 793.52 एकड़ व भवनों को निगम को सौंपने कहा है। जबकि हकीकत यह है कि इसके लिए सबसे पहले पूर्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने पहल की थी। तब से इस पर प्रक्रिया जारी भी है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में भिलाई में विकास के लिए आवास एवं पर्यावरण मद में बहुत से कार्य स्वीकृत किए गए थे।

सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार ने करीब 28.50 करोड़ रुपए लिए वापस

सत्ता में आते ही कांग्रेस सरकार इस मद का लगभग 28.50 करोड़ रुपए वापस ले गई। देवेंद्र अपनी खुद की सरकार से तो पैसा वापस नहीं ला पर रहे, यहां बार-बार ज्ञापन और केंद्र सरकार से मांग का दिखावा कर रहे हैं। इन पैसों से भिलाई में कामकाजी महिलाओं और पढ़ाई करने आने वाली छात्राओं के लिए 500 सीटर वूमन हॉस्टल प्रस्तावित था। बच्चों में वैज्ञानिक समझ बढ़ाने व उनके शैक्षणिक विकास के लिए हुडको में तारामंडल बनना था। सेक्टर-6 नाले का सुदृढ़ीकरण और जीवन ज्योति योजना के तहत गरीबों की झोपड़ी में बिजली पहुंचानी थी।

गरीब श्रमिकों के पसीने की कमाई में भी डंडी

महापौर देवेंद्र और उनके सहयोगी स्वच्छता विभाग के प्रभारी लक्ष्मीपति राजू अपने चहेते ठेकेदार रमन को निगम में सफाई का ठेका दिलवाया था। उनके ही संरक्षण में यहां ठेकेदार काला.पीला करता रहा। बिना संसाधन व सफाई के हर महीने ठेकेदार को करोड़ों रुपए भुगतान करते रहे। यहां तक कि सफाई कामगारों की भविष्य निधि पीएफ का लगभग 2.20 करोड़ रुपए अभी तक श्रमिकों के खाते मे जमा नहीं किया है। गरीबों की कमाई में डाका पर महापौर चुप है क्योंकि ठेकेदारी में देंवेद्र और राजू को हिस्सेदारी मिलती रही है।

अस्पताल में कोरोना का मुफ्त इलाज नहीं करवा पाए, अपनी ही की गई घोषणा को पूरा नहीं कर सके

जवाहर नगर में अनुसूचित जाति -अनुसूचित जनजाति का हाॅस्टल एवं सेक्टर में महिला हाॅस्टल बनाने का केवल कागजी घोषणा बन कर रह गयी। राजनीतिक लाभ के लिए देवेंद्र बार-बार डींगे हांक रहे हैं। महापौर का कार्यकाल बीतने को है और जनता को बताने के लिए कुछ नहीं है तो मेल-मुलाकातों का प्रपंच रचकर केवल जुमलेबाजी कर रहे हैं। कह रहे हैं कि जेएलएनएच सेक्टर-9 अस्पताल का संचालन व प्रबंधन शासन को सौंप दिया जाए। यहां कोरोना की विषम परिस्थिति में भी लाल बहादुर शास्त्री व अन्य सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज तक की व्यवस्था नहीं करवा पसए। लोगों का पांच-छह लाख का बिल बनता रहा, तब महापौर की संवेदना नहीं जागी। अब अपनी औकात से ज्यादा की मांग का दिखावा कर शहरवासियों को भरमाने की कोशिश कर रहे हैै। पार्षद रिंकू साहू, जोगेन्दर शर्मा, ललिता चैधरी, जे. निवास, पी निवास, दिनेश यादव, शिव प्रकाश शिबू, सुरेखा खटक और शाहिन अख्तर ने संयुक्त रुप से बड़ा आरोप लगाया है।

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