दुर्ग जिला अस्पताल में बच्चा अदला-बदली, 1 कर्मचारी को किया बर्खास्त

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5 नर्सिंग स्टाफ की एक वेतन वृद्धि रोकी

CG Prime News@दुर्ग. दुर्ग जिला अस्पताल में पैदा होते ही दो नवजातों के अदला-बदला मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच के बाद एक कर्मचारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं पांच नर्सिंग स्टाफ की एक वेतन वृद्धि रोक दी गई है। वहीं डीएमएफ से भर्ती हुए एक कर्मचारी पर कार्रवाई रूकी हुई है। मिली जानकारी के अनुसार उसके पदनाम पर संशय बना हुआ है। इसलिए कार्रवाई रोकी गई है।

इन कर्मियों पर हुई कार्रवाई

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ओटी अटेंडेंट मोतिम साहू को बर्खास्त किया गया है। वहीं कीर्ति कुर्रे, सुशीला, उषा और नम्रता, उषा गुप्ता की एक वेतन वृद्धि रोकी गई है। वहीं कर्मचारी ललित का पदनाम स्वीपर की बजाय वार्ड ब्वाय लिखा मिला है। इसलिए ललित पर तत्काल कार्रवाई नहीं की गई है।

शनिवार को था गहमा-गहमी का माहौल

जिला अस्पताल दुर्ग में शनिवार को सुबह मेट्रन कक्ष के बाहर हंगामा हो गया था। स्टाफ नर्स की वेतन वृद्वि रोक दी गई। वहीं एक स्टाफ की सेवा समाप्त कर दी गई है। इसको लेकर सुबह 11 बजे करीब सीएस ऑफिस के पास काफी गहमा-गहमी का महौल हो गया। अस्पताल में बात फैल गई कि बच्चा अदली बदली मामले में कुछ स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी हुआ है।

यह था पूरा मामला, जिस पर हुई कार्रवाई

23 जनवरी 2025 को जिला अस्पताल दुर्ग में साधना सिंह और शबाना कुरैशी की डिलीवरी हुई थी। बच्चों सौंपने के दौरान साधना का बच्चा शबाना को और शबाना का बच्चा साधना को सौंप दिया गया। एक सप्ताह बाद जब शबाना टांका खुलवाने पहुंची तो बच्चे के हाथ में लगे टैग में साधना का नाम लिखा था। इससे पता चला की बच्चा अदली बदली हो गया है। फिर डीएनए टेस्ट कराकर दोनों बच्चों को उनके असली माता-पिता को सौंपा गया था।

कलेक्टर ने गठित की थी जांच टीम

कलेक्टर ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की थी। टीम ने प्रसूति विभाग में लगे सीसीटीवी, फाइल, स्टाफ से पूछताछ कर रिपोर्ट सौंपी। खुलासा हुआ कि कर्मचारियों की लापरवाही से यह गलती हुई। कलेक्टर ने सीएमएचओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएचएमओ ने कार्रवाई के आदेश देते हुए सीएस हेमंत कुमार साहू को पत्र भेजा। एक स्टाफ की सेवा समाप्त और 5 नर्सिंग स्टाफ की एक साल की वेतन वृद्वि रोकी गई।