Sunday, December 28, 2025
Home » Blog » छत्तीसगढ़ में रेप पीडि़त नाबालिग देगी बच्चे को जन्म, हाईकोर्ट ने कहा प्रसव का सारा खर्च उठाए सरकार, अगर पीडि़ता की इच्छा हो तो बच्चा गोद भी ले

छत्तीसगढ़ में रेप पीडि़त नाबालिग देगी बच्चे को जन्म, हाईकोर्ट ने कहा प्रसव का सारा खर्च उठाए सरकार, अगर पीडि़ता की इच्छा हो तो बच्चा गोद भी ले

by Dakshi Sahu Rao
0 comments
cg prime news

@Dakshi sahu Rao

CG Prime News@बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बलात्कार पीडि़त नाबालिग के हित में एक बहुत ही मार्मिक फैसला सुनाते हुए गर्भपात की मांग को ठुकरा दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि 32 सप्ताह की गर्भवती नाबालिग का गर्भपात करने से उसके जान को खतरा हो सकता है। इसलिए प्रसव ही सुरक्षित तरीका है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की सिंगल बेंच में हुई। शुरुआती सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित कर पीडि़त लड़की की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा था। जिसके बाद 9 सदस्यीय टीम ने जांच की, तब पता चला कि नाबालिग 32 सप्ताह से गर्भ से है।

भू्रण हत्या कानूनी और नैतिक रूप से स्वीकार नहीं
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग दुष्कर्म पीडि़ता की गर्भपात कराने की याचिका खारिज कर दिया। राज्य सररकार को उस गर्भ में पल रहे बच्चे को गोद लेने का आदेश देकर कहा है, कि भू्रण हत्या नैतिक और कानूनी रूप से स्वीकार नहीं है।
नाबालिग 32 सप्ताह की गर्भवती है। डॉक्टरों ने अबॉर्शन कराने पर उसकी जान को खतरा बताया है। हाईकोर्ट ने कहा कि, बच्ची और उसके माता-पिता चाहे तो कानूनी प्रावधान के अनुसार बच्चे को गोद लेने की अनुमति दे सकते हैं।

राज्य सरकार को खर्च उठाने का दिया आदेश
जस्टिस पार्थ प्रीतम साहू की सिंगल बेंच ने प्रसूता के अस्पताल में भर्ती होने से लेकर सभी खर्च राज्य सरकार को वहन करने का आदेश दिया है। दरअसल राजनांदगांव निवासी नाबालिग से दुष्कर्म हुआ था। जब वो गर्भवती हुई तो परिजनों को इसकी जानकारी लगी। तब अबॉर्शन कराने के लिए भटकते रहे। लेकिन गर्भपात कानूनी रूप से अपराध होने के कारण उसका अबॉर्शन नहीं हो सका। इसलिए उसके परिजनों ने गर्भपात की अनुमति देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई।

गर्भपात में ज्यादा जोखिम
हाईकोर्ट ने कहा कि, जांच रिपोर्ट में सहज प्रसव की तुलना में अधिक गर्भपात कराने से ज्यादा जोखिम हो सकता है। लिहाजा, गर्भावस्था जारी रखें। कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म पीडि़ता को बच्चे को जन्म देना होगा। अगर नाबालिग और उसके माता-पिता की इच्छा हो तो प्रसव के बाद बच्चे को गोद लिया जाए। राज्य सरकार कानूनी प्रावधानों के अनुसार, इसके लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

ad

You may also like