निर्वाचक नामावली तैयार करने में बड़ी चूक
दुर्ग| नगर पालिका निगम चुनाव में अपनी धर्मपत्नी के साथ पहुंचे एसपी जितेन्द्र शुक्ला मतदान नहीं कर पाए। जब वे मतदान केन्द्र पर मतदान सूची देखी, तो उनका नाम ही नहीं मिला। मतदान सूची से नाम गायब था। इस कारण वे मतदान से वंचित रह गए। उन्होंने इसकी शिकायत की। District election जिला निर्वाचन कार्यों में लापरवाही बरतने पर दुर्ग कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी ने तीन शासकीय कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
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दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला को दुर्ग नगर निगम चुनाव में मतदान केन्द्र से बिना मतदान किए लौटना पड़ा। उन्होंने इसकी शिकायत कलेक्टर Richa Prakash Choudhary से की। कलेक्टर ने तत्काल मामले को संज्ञान में लिया। उनके द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन कर्मचारियों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 20(क) और सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत अपने दायित्वों का सही से निर्वहन नहीं किया। उन्हें निर्वाचक नामावली तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, लेकिन इसमें चूक और लापरवाही बरतने के कारण यह निलंबन आदेश जारी किया गया है। निलंबित कर्मचारियों में रामकुमार मर्सकोले (शिक्षक, जेआरडी आत्मानंद स्कूल, दुर्ग), विनीत वर्मा (सहायक राजस्व निरीक्षक, नगर पालिक निगम दुर्ग) और हरिशंकर साहू (उप अभियंता, नगर पालिक निगम दुर्ग) शामिल हैं।
निलंबन की शर्तें एवं मुख्यालय निर्धारण
निलंबन के दौरान कर्मचारियों को नियमानुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा। साथ ही, उनका मुख्यालय इस प्रकार निर्धारित किया गया है:
रामकुमार मर्सकोले का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, दुर्ग रहेगा।
विनीत वर्मा का मुख्यालय नगर पालिक निगम, रिसाली निर्धारित किया गया है।
हरिशंकर साहू का मुख्यालय भी नगर पालिक निगम, रिसाली रहेगा।
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आदेश तत्काल प्रभाव से लागू
यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है, और संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई है। निर्वाचन से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
चुनावी प्रक्रियाओं में लापरवाही पर सख्त रुख
ज्ञात हो कि नगर पालिक निगम दुर्ग के निर्वाचन कार्यों में इन तीनों कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। उन्हें निर्वाचक नामावली तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने अपने पदीय दायित्वों का उचित निर्वहन नहीं किया, जिससे प्रशासन ने यह कड़ा कदम उठाया। इस मामले को लेकर प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। इससे पहले भी विभिन्न जिलों में चुनाव से जुड़े कार्यों में लापरवाही पाए जाने पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है।
आगे की कार्रवाई संभव
सूत्रों के अनुसार, इस प्रकरण की गहन जांच जारी है और यदि अन्य कर्मचारी भी लापरवाही के दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। प्रशासन ने सभी शासकीय सेवकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निर्वाचन संबंधी कार्यों में पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी बरती जाए।
