माता के भक्तों ने उठाए सवाल क्या तुम मां से बड़े हो गए
छिंदवाड़ा। देश के एक मात्र जय मां हिंगलाज मंदिर (man hinglaj mandir) में वैदिक नियमों का उल्लंघन छिंदवाड़ा भाजपा जिला अक्ष्यक्ष शेश राव यादव द्वारा किया गया। दरअसल मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में देश का एक मात्र हिंगलाज माता का मंदिर है। यहां माता के मंदिर का पटबंद होने के बावजूद पट खुलवाकर जिला भाजपा अध्यक्ष ने अपने समर्थकों के साथ एकांत में पूजा अर्चना की। जबकि पटबंद के समय को मातारानी के विश्राम का समय होता है, लेकिन उन्होंने इसमें विघ्न डाला। जबकि अलग-अलग जगह से माता के दर्शन के लिए आतुर भक्त मंदिर के बाहर पट खुलने का इंतजार करते रहे।
इस बात की जानकारी तब लगी जब कुछ शुटिंग करने वाले लोग मंदिर परिसर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कुछ वीआईपी लोग मंदिर का पटबंद होने के समय लगभग दोपहर 1 से 2 बजे के बीच पूजन अचर्न करने के लिए नियमों को दरकिनार करते हुए मंदिर का पट खुलवाकर अंदर चले गए। वहां शुटिंग करने पहुंचे एक व्यक्ति ने इसे नंदनिय बताते हुए कहा कि जब बाकि भक्त पट खुलने का इंतजार कर सकते तो इन वीआईपी लोगों के द्वारा ऐसा करना गलत है। क्या वे अपने आपको मां से बड़ा समझते है।
देश का एक मात्र हिंगलाज माता मंदिर
अविभाजित भारत वर्ष में साल 1947 से पहले दो जय मां हिंगलाज माता मंदिर थे। वर्ष 1947 में भारत पाकिस्तान के बटवारे के साथ ही अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में स्थित होने के कारण एक मंदिर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित परासिया में रह गया और दूसरा मंदिर पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। ऐसे में भारत देश में जय मां हिंगलाज मंदिर की विशेष मान्यता मानी जाती है। यहां देश के हर कोने से देवी भक्त माता के दर्शन के लिए पहुंचते है। ऐसी किउदंती है कि माता से जो भक्त सच्चे दिल से जो भी कामना करता है। उसे मां पूरा कर देती है।
आखिर क्या होता है पटबंद
आचार्यों के अनुसार देव स्थानों के लिए पूजा पाठ का समय निर्धारित किया गया है। यह पूराक्रम वैदिक विद्वानों द्वारा बनाई गई आचार संहिता और वैदिक रीति के अनुसार होता है। जैसे सुबह 6 बजे से मंदिर का पट मतलब दरवाजा खुल जाता है। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई दैनिक पूजा पंद्धति का निर्वहन और भोग एवं प्रसादी अर्पित करना। इसके बाद भक्तों द्वारा दर्शन करना। यह एक निर्धारित समय तक चलता रहता है। भावना के अनुसार सनातनी परमंपरा में भगवान के श्रीविग्रह को जीवंत माना जाता है। इस लिए भगवान के विश्राम करने की भी मान्यता दी गई है। उस निर्धारित समय में जो एक से लेकर 5 घंटे तक के अंतराल का हो सकता है। उस दौरान पूजा पाठ नहीं की जाती है और मंदिर का दरवाजा बंद रखा जाता है। यह पूरी तरह वैदिक रीति का पालन होता है। फिर संध्या वंदन के समय दरवाजा खोल दिया जाता है।
आखिर नाराजगी क्यों
भक्तों के अनुसार जय मां हिंगलाज मंदिर का पटबंद दोपहर 1 बजे किया जाता है। इस दौरान माता विश्राम करती है, लेकिन भाजपा जिला अध्यक्ष ने नियमों का अतिक्रमण करते हुए मंदिर के दरवाजे को खोलकर भीतर चले गए है। रविवार दोपहर 1.30 बजे पटबंद होने के बावजूद मंदिर के अंदर चले गए और काफी देर तक अंदर रहने के बाद बाहर आए। इसका कुछ भक्तों ने विरोध किया और कहा कि माता के दर में छोटे बड़े सब एक समान है. तो फिर इन लोगों को माता के विश्राम के वक्त अंदर पूजा करने क्यों जाने दिया गया।
माता के विश्राम के वक्त बजने लगी घंटिया
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब मंदिर पटबंद था। उस समय कुछ लोग अंदर गए और वहां मंदिर की घंटिया बजाने लगे और आरती भी की। उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि भगवान के विश्राम के वक्त पटबंद किया जाता है। तो ऐसे में मंदिर की घंटिया बजाकर माता के विश्राम में खलल डालने की कोशिश की गई, जो कि न्यापूर्ण नहीं है। आचार्यों ने भी इसे विधि सम्मत नहीं बताया। उन्होंने कहा कि माता तो भाव की भूखी है। यदि पूजा करने का मन था तो सच्चे भाव से बाहर से ही माता की भक्ति की जा सकती थी। क्योंकि वे सर्वत्र है और भक्तों के हि्दय में विराजमान है। इस लिए अब इस घटना की पूनरावृत्ति न की जाए।
मैं डेढ़ बजे गया था
छिंदवाड़ा भाजपा जिला अध्यक्ष शेशराव यादव ने बताया कि मैंने ऐसा बिल्कुल नहीं किया। मैं डेढ़ बजे गया था। मंदिर के पीछे लोगों ने स्वागत किया। मैं सामने गेट पर गया और वहीं से प्रणाम किया। बाहर से ही लौट रहा था, लेकिन कोई बोला कि पंडितजी आ रहे है अंदर आकर दर्शन करें। मैं अंदर गया और परदे के पास से प्रणाम किया, लेकिन फिर कोई बोला कि पंडितजी आ गए है। उन्होंने अंदर में पूजा कराई। इसके बाद मंदिर से निकल गया।
