CG Prime News@बालोद. Daughter-in-law along with her lover killed her father-in-law by giving him electric shock छत्तीसगढ़ में एक बहू ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर ससुर की करंट देकर हत्या कर दी। पूरा मामला बालोद जिले के डौंडीलोहारा थना क्षेत्र के खड़ेनाडीह गांव की है। पुलिस ने आरोपी बहू और उसके प्रेमी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार बहू का प्रेमी हारमोनियम सिखाने के बहाने अक्सर रात में उसके घर आता था। ससुर को इस पर आपत्ति थी और वह इसका विरोध करता था। जिसके चलते यह वारदात हुई।
खड़ेनाडीह की रहने वाली गीता निर्मलकर (30) गांव की सेवा मंडली में भजन गाने जाती थी। जहां उसकी मुलाकात पड़ोसी गांव के संगीतकार लेखराम निषाद (45) से हुई। लेखराम उसे हारमोनियम सिखाता था। इसी दौरान दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गईं। जबकि महिला के पति गौकरण निर्मलकर को कोई आपत्ति नहीं थी।
ससुर के शक और गाली-गलौज करने पर साजिश रची
गीता के ससुर मनोहर निर्मलकर (63) को इस दोस्ती पर एतराज था। लेखराम हारमोनियम सिखाने घर आता तो बुजुर्ग गाली-गलौज पर उतर आता था। इसी बात से तंग आकर गीता और लेखराम ने 29 जून रविवार को हत्या की साजिश रची। 16 जुलाई बुधवार की रात 12 बजे सोते हुए ससुर को करंट देकर मार डाला।
हत्या के बाद सबकुछ सामान्य दिखाने की कोशिश
17 जुलाई गुरुवार की सुबह करीब 6 बजे हत्या के बाद सब कुछ सामान्य दिखाने की कोशिश की गई। शातिर बहू गीता ने ग्रामीणों को बताया कि, ससुर रात में शराब पीकर साइकिल से गिर गए थे और सुबह उनकी मौत हो गई।
मोहल्ले की महिलाएं जब कफन लेकर घर पहुंचीं तो हल्दी लगे शरीर को देखकर पूछा तो बहू ने जवाब दिया कि गिरने से चोटें आई थीं। इसलिए हल्दी लगाई है। लेकिन जब शव श्मशान पहुंचा और चिता पर लिटाने से पहले कपड़ा हटाया गया तो गहरे घावों को देखकर ग्रामीणों को शक हुआ। उन्होंने पुलिस को सूचना दी।
हत्या में इस्तेमाल किए गए सामान बरामद
बालोद एसपी योगेश पटेल ने बताया कि मामले की जांच में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर बीएनएस की धारा 103(1) और 3(5) के तहत अपराध दर्ज किया गया है। साथ ही हत्या में इस्तेमाल किए गए सामान को भी जब्त कर लिया गया है।
बहू और प्रेमी ने रची थी साजिश
एसडीओपी देवांश सिंह राठौर के अनुसार, गीता और उसके प्रेमी लेखराम निषाद ने ससुर की हत्या की पूरी साजिश पहले से रच ली थी। प्लानिंग के तहत लेखराम ने एक बिजली दुकान से हत्या में इस्तेमाल करने के लिए सामग्री जुटाई। इनमें बिजली तार, लोहे की रॉड और प्लास्टिक के ग्लव्स शामिल है जो आमतौर पर बिजली कर्मचारी उपयोग करते हैं। फिर उसने तार को रॉड में टेप से चिपकाया और सब कुछ तैयार कर लिया।
जिस दिन गीता ने बताया कि, ससुर शराब पीकर घर लौटे हैं। उसी रात करीब 11 बजे लेखराम साइकिल से खड़ेनाडीह पहुंचा। उसने बुजुर्ग के मुंह पर गमछा बांधा और गीता को लोहे की रॉड पकड़ाकर खुद बिजली बोर्ड में प्लग लगाया। साजिश के अनुसार गीता ने पहले रॉड को ससुर के गले पर लगाया, जिससे वह बेहोश हो गए। इसके बाद माथे और सीने पर दोबारा करंट देकर उनकी मौत की तसल्ली की गई।
घाव के निशान छिपाने लगाई हल्दी
हत्या के बाद गीता ने जब घाव के निशानों को लेकर आशंका जताई तो लेखराम ने सलाह दी कि वह लोगों से कहे कि ससुर शराब के नशे में साइकिल से गिर पड़े थे। घाव छिपाने के लिए शरीर पर हल्दी लगाई गई। फिर दोनों ने रात 3 बजे तक घर में ही रुककर अगले दिन की योजना बनाई। सुबह 5.30 बजे गीता ने पड़ोसियों को ससुर की मौत की सूचना दी। लेकिन हत्या की राज को दफनाने की हड़बड़ी में लेखराम खुद सुबह 6.30 बजे अंतिम संस्कार की तैयारी के लिए घर पहुंच गया। यही जल्दीबाजी शक का कारण बनी। आखिरकार पूरा राज खुल गया और दोनों आरोपी पकड़े गए।
अंतिम संस्कार में हड़बड़ी से खुला राज
पुलिस के मुताबिक, बहू गीता का प्रेमी लेखराम निषाद हत्या को अंजाम देने के बाद चाहता था कि, मनोहर निर्मलकर का अंतिम संस्कार जल्द से जल्द कर दिया जाए। ताकि मामला दब जाए और किसी को शक न हो। इसी जल्दबाजी में उसने गांव में मौत की खबर ठीक से फैलने से पहले ही श्मशान में लकड़ी भिजवा दी थी। सुबह होते ही वो पहुंचा और अर्थी की तैयारी में जुट गया। घरवालों और पड़ोसियों से कहने लगा कि शव रात का है। इसलिए देरी नहीं होनी चाहिए। तुरंत अंतिम संस्कार कर देना चाहिए।
इधर, गांव में अभी शव यात्रा की मुनादी की तैयारी चल रही थी और मृतक का पूरा परिवार भी नहीं पहुंच पाया था। लेखराम ने खुद ही शव को कंधा दिलवाकर मुक्तिधाम पहुंचा दिया। जब यह जानकारी गांव के कुछ प्रमुख लोगों को लगी तो उन्होंने श्मशान पहुंचकर लेखराम से सवाल-जवाब शुरू कर दिए।
ग्रामीणों ने जताया विरोध, उठाए सवाल
ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए कहा कि, न तुम मृतक के बेटे हो, न रिश्तेदार, फिर इतनी जल्दी क्यों? इतनी बेचैनी किस बात की है? ग्रामीणों की बात सुनकर लेखराम घबरा गया। इसी बीच जब शव को चिता पर लिटाने के लिए कपड़ा हटाया गया तो शरीर पर चोट के गहरे निशान दिखाई दिए। यही वो क्षण था जब ग्रामीणों को हत्या की आशंका हुई और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

