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Risali Corporation councilor Seema Sahu left Congress

CG PRIME NEWS

CG Prime News@भिलाई. रिसाली नगर निगम (Risali municipal Corporation) की एमआईसी मेंबर व कांग्रेस नेत्री डॉ. सीमा साहू ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा (BJP) ज्वाइन कर लिया है। बुधवार को उन्होंने सांसद विजय बघेल, विधायक ललित चंद्राकर और भाजपा दुर्ग जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक की मौजूदगी में भाजपा प्रवेश किया। एमआईसी मेंबर सीमा के बीजेपी (BJP) में जाने के बाद रिसाली निगम में भाजपा के 20 और कांग्रेस के 19 ही पार्षद रह गए हैं। सीमा साहू रिसाली शहर सरकार में कांग्रेस से निर्वाचित पार्षद के रूप में शामिल हुई थीं। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की वो दूर की रिश्तेदार हैं और उन्हें मामा बोलती हैं।

6 पार्षद अब तक कर चुके हैं भाजपा में प्रवेश

रिसाली नगर निगम की बात करें, तो यहां की महापौर अपने ही पार्षदों को संभाल नहीं पा रही है। इसी वजह से अब तक कांग्रेस के 6 पार्षद भाजपा में प्रवेश कर चुके हैं। सीमा साहू से पहले मरोदा पुरैना वार्ड 14 की पार्षद सरिता देवांगन, वार्ड 15 की पार्षद ईश्वरी साहू, वार्ड 33 के पार्षद और एमआईसी सदस्य परमेश्वर कूमार (पिंटू), वार्ड 20 के पार्षद व एमआईसी सदस्य चंद्रप्रकाश निगम और रिसाली वार्ड 3 की पार्षद सारिका प्रेम साहू भाजपा प्रवेश कर चुके हैं।

मेयर पर लगाए गंभीर आरोप

सीमा साहू ने भाजपा प्रवेश के दौरान कहा कि, उन्होंने यह कदम रिसाली महापौर के गलत कार्यों के चलते बढ़ाया है। उनके द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए एमआईसी चैंबर में रणनीति बनाई जाती है। साथ ही अधिकारियों पर गलत तरीके से दबाव बनाया जता है। महापौर परिषद में तीन नए महापौर परिषद सदस्य आए हैं। उनके द्वारा ही महापौर परिषद को चलाया जा रहा है। इसलिए वो इस तरह के लोगों के साथ काम नहीं कर सकती हैं। अब कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हो गई हैं।

मेयर की रेस में थीं आगे

सीमा ने बुधवार को सांसद विजय बघेल के आवास में जाकर भाजपा प्रवेश कर लिया है। इससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। जब रिसाली नगर निगम का चुनाव हुआ और कांग्रेस की सरकार बनी तो सीमा साहू का नाम महापौर की रेस में सबसे आगे था। लेकिन बाद में गृहमंत्री ने शशि सिन्हा के नाम की घोषणा कर उन्हें महापौर बना दिया।

39 में भाजपा के 20 पार्षद

रिसाली नगर निगम में कुल पार्षदों की संख्या 40 है। पिछले दिनों भाजपा निर्वाचित एक पार्षद का निधन होने से यहां कुल पार्षदों की संख्या घटकर 39 रह गई है। एक सीट में उप चुनाव के बाद यहां फिर से पार्षदों की संख्या 40 हो जाएगी। वर्तमान परिस्थिति में सीमा साहू के भाजपा प्रवेश करने के बाद अब यहां भाजपा के फिर से 20 पार्षद हो गए हैं, तो वहीं सत्तारूढ़ कांग्रेस के पास 19 ही पार्षद बचे हैं।